प्रदेश सरकार की आय के स्रोत हुए कोरोना से प्रभावित

 रेत खनन

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश में लंबे समय से कर्फ्यू जारी है। ऐसे में सभी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां ठप जैसी पड़ी हैं। यही नहीं कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार की आय के मुख्य स्रोतों पर भी असर पड़ा है। सूत्रों की माने तो अकेले खनिज से ही सरकार को बीस प्रतिशत के राजस्व की हानि होने का अनुमान है।
यानी सरकार को करीब तीन सौ करोड़ की आय प्रभावित होगी। जिन स्रोतों पर असर पड़ा है उनमें सबसे ज्यादा रेत खनन और परिवहन शामिल है। हालांकि सरकार को इस साल रेत से करीब 13 सौ करोड़ मिलने का अनुमान है। वहीं कोयला और सीमेंट उत्पादन पर भी प्रभावित हुआ है। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक खनिज विभाग के अफसर संभावित नुकसान का आकलन करने में जुटे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अब 30 मई तक आकलन की रिपोर्ट मिल जाएगी।
पहले से था नुकसान का अनुमान
प्रदेश में कोरोना महामारी की वजह से अप्रैल माह से ही लॉकडाउन और फिर लगाए गए कोरोना कर्फ्यू के कारण सरकार को होने वाली राजस्व आय भी प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि सरकार की आय का मुख्य स्रोत आबकारी, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वेट, जीएसटी, परिवहन और माइनिंग आदि है। हालांकि सरकार को पिछले साल भी कोरोना की वजह से खनिज में करीब 900 करोड़ रुपए का अंतर आया था। वहीं अब इस साल भी इस सेक्टर पर कोरोना का प्रभाव देखने को मिल रहा है। वैसे सरकार ने इस साल खनिज से होने वाली आय के लिए पांच हजार 950 करोड रुपए का टारगेट तय किया है। जबकि पिछले साल इस सेक्टर से चार हजार 350 करोड़ ही मिले थे। इस साल टारगेट बढ़ने की वजह रहे रेत के ठेके। दरअसल जो रेत के ठेके तेरह सौ करोड़ में गए हैं उसके कारण टारगेट बढ़ा है।
रेत और पत्थर चूना पर ज्यादा फर्क
प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा आय रेत और पत्थर चूना से होती है। खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो कोरोना संक्रमण का प्रभाव इन पर ही ज्यादा पड़ा है। वहीं बॉक्साइट, ताम्र अयस्क और गौण खनिज की आय में भी अंतर आएगा। हालांकि इनसे सरकार को बहुत कम आय होती है।

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