- नए औद्योगिक पार्क और निर्यात क्षेत्र बनाने पर जोर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की मोहन सरकार ने अब औद्योगिक विकास पर पूरा जोर लगाना शुरु कर दिया है। इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर तेजी से पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। इसके लिए सरकार ने नए औद्योगिक पार्क और निर्यात क्षेत्र बनाने का तय किया है। इन पर आगले पांच सालों में तेजी से काम किया जाएगा। इसके लिए रोडमैप भी बना लिया गया है। बताया जा रहा है कि पांच सालों में प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्र के 160 से अधिक औद्योगिक पार्क और निर्यात क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा। अहम बातयह है कि इनके पास ही स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप का भी निर्माण किया जाएगा। इनका निर्माण भी उन स्थानों पर किया जाएगा जिसके पास से राष्ट्रीय राजमार्ग निकलते हैं। यहां सभी तरह की सुविधाएं उद्यमियों को दी जाएंगी। इसके लिए जो योजना बनाई गई है उसके मुताबिक इसमें सभी अंचलों को शामिल किया गया है, जिससे प्रदेश के सभी हिस्सों में बराबार विकास हो सके और कोई भी अंचल पिछड़ा न रहे। सरकार का जोर अभी तक प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास पर था। इसके लिए कई कदम उठाए गए, जिसका परिणाम यह हुआ कि मध्य प्रदेश में समग्र उत्पादन बढ़ा। पिछले दस वर्ष से विकास दर दो अंक में बनी हुई है और किसानों की आय में भी बढ़ी है पर यह काफी नहीं है। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पूंजीगत निवेश बढ़ाकर अधोसंरचना का विकास किया गया और अब औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए बीते एक वर्ष में सुनियोजित तरीके से काम हुआ। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पहली बार अंचलवार रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव करके संतुलित विकास पर जोर दिया। इसका लाभ यह हुआ कि हर अंचल में निवेश के प्रस्ताव मिले। 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में की जा रही है। तय किया गया है कि पूरे प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए आगामी पांच वर्ष में सरकारी और निजी क्षेत्र के 160 से अधिक औद्योगिक पार्क और निर्यात क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। निजी निवेशक औद्योगिक पार्क बनाता है तो वहां भी वही सब सुविधाएं मिलेंगी, जो सरकार द्वारा तैयार पार्क में दी जाती हैं। औद्योगिक टाउनशिप का विकास वहां होगा, जहां से कनेक्टिविटी बेहतर हो। अटल प्रगति पथ, नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ भोपाल सहित ऐसे ही अन्य क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए क्लस्टर विकसित होंगे। प्लग एंड प्ले जोन भी बनाए जाएंगे और यहां संचालित होने वाले उद्योगों को कई सुविधाएं भी मिलेंगी।
अभी यह है स्थिति
प्रदेश में छोटे-बड़े मिलाकर 14 औद्योगिक क्षेत्र है। 10 फूड पार्क, पांच आइटी स्पेशल इकोनामिक जोन, दो स्पाइस पार्क, दो प्लास्टिक पार्क, दो मेडिकल डिवाइस पार्क और एक पावर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग जोन है।
ये नए पार्क होंगे स्थापित
प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल, फार्मा, टेक्सटाइल, सेमीकंडक्टर और नए आइटी पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। गारमेंट यूनिटों के लिए प्लग एंड प्ले जोन की स्थापना होगी, जहां उद्योग संचालित करने के लिए किराए से विकसित जगह मिलेगी। इसमें भी 50 प्रतिशत किराया सरकार चुकाएगी।