- एक करोड़ की जगह अब तक 58 लाख ही बन सकी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार किसानों के लिए कई कदम उठा रही है और हर हाल में उन्हें आर्थिक रुप से मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। इसके उलट प्रदेश का कृषि महकमा और जिम्मेदार अफसरान लापरवाह बने हुए हैं। इसका उदाहरण है किसानों की आईडी बनाने का काम। दरअसल प्रदेश में 31 मार्च तक एक करोड़ किसानों की आईडी बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अब मार्च माह के महज 25 दिन ही बचे हुए हैं, जबकि अभी 48 लाख किसानों की आईडी बनना शेष है। यानि की अब तक महज 58 लाख किसानों की ही आईडी बन सकी है। अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अंतिम माह में कलेक्टरों को कैम्प लगाकर आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, भारत सरकार एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एग्री-स्टेक योजना के अंतर्गत प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा हर किसान और भूमिस्वामी को एक यूनीक आईडी प्रदान की जा रही है। इससे किसानों को ऑनलाइन लोन प्रोसेस पूरी करने में आसानी होगी। सरकार के लिए भी हितग्राही योजनाओं के लक्ष्य निर्धारण और सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। अब इस काम के लिए कलेक्टर को जिला नोडल अधिकारी एवं भू-अधीक्षक को सहायक जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके तहत सहायक नोडल अधिकारी कैंप की जानकारी अपडेट करने, समन्वय व अधिकारियों के दौरे की व्यवस्था करेंगे। शिविर आयोजित कर आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा जारी निर्देशों का पालन करेंगे। हर कैम्प के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कुल 15 हजार रुपए दिए जाएंगे। गांवों के क्लस्टर से पीएम किसान डेटाबेस में कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को पंजीसन करना होगा। पहले 15 प्रतिशत पर 5000, दूसरे 15 प्रतिशत पर 5000 और अंतिम 20 प्रतिशत फार्मर आईडी पर 5000 रुपए का भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा। यह राशि फार्मर आईडी एवं खसरा आधार लिंकिंग के लिए तय कार्यवाही पूर्ण करने पर मिल सकेगी। यह काम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। 2025 तक यह काम पूरा किया जाना है।
यह होगा फायदा
इससे प्रदेश के सभी किसानों की आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार होगी। योजनाओं के क्रियान्वयन, लाभ पाने वालों का सत्यापन, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट की बिक्री आसान होगी। राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पारदर्शी तथा समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराया जा सकेगा। किसानों के लिए कृषि ऋण, वित्त और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कृषि सेवाओं की उपलब्धता में सुगमता रहेगी। पीएम किसान योजना की किस्त प्राप्त करने में आसानी होगी। किसान क्रेडिट कार्ड, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, कृषि के लिए अन्य लोन आसानी से मिलेंगे। फसल बीमा का लाभ आसानी से मिलेगा। क्षतिपूर्ति राशि के लिए किसानों को चिह्नित करने में आसानी होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी में किसानों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो सकेगा।