बिना प्रावधान वाले मदों में… खर्च कर दिया अरबों रुपए

वित्त विभाग
  • बजट राशि खर्च करने में कई विभागों में गड़बड़ियां आई सामने

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में एक तरफ वित्त विभाग के अधिकारी आगामी बजट की तैयारी कर रहे हैं। इसी दौरान प्रधान महालेखाकार (सीएजी) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल बजट की समीक्षा के बाद पाया है कि कई विभागों ने बजट राशि खर्च करने में बड़ी गड़बड़ियां की है। सीएजी के अनुसार विभागों ने बिना प्रावधान वाले मदों में अरबों रुपए खर्च कर दिए हैं। अब इस मामले में सीएजी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल बजट की समीक्षा के बाद विभिन्न अनुदान के राजस्व एवं पूंजीगत व्यय में त्रुटिपूर्ण प्रावधान किए जाने को लेकर वित्त विभाग से जवाब मांगा हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इसलिए मप्र सरकार के दिशा-निर्देश पर वित्त विभाग के अधिकारी अभी से बजट की तैयारी में जुट गए हैं।  इस बार का बजट चुनावी रंग में रंगा रहेगा। मुख्य बजट में सरकार का कर्मचारियों के बकाया डीए सहित अधोसंरचना विकास पर फोकस रहेगा। इसके लिए यदि कोई विभाग नई योजना लाना चाहता है, तो उसे औचित्य बताना होगा। विभाग अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकेंगे, बल्कि इसके लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजना होगा और अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाएगा। वित्त विभाग ने आगामी बजट बनाने के लिए विभिन्न विभागों से तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि संभावित है। बजट की तैयारियों के बीच सीएजी की रिपोर्ट ने विभागों में व्याप्त भरार्शाही उजागर कर दिया है।
इस बार करीब 3.20 लाख करोड़ का होगा बजट
जानकारी के अनुसार आगामी वर्ष बजट में इसके लिए 46 प्रतिशत सभी विभाग प्रावधान करेंगे। शिवराज सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपए का मुख्य बजट और प्रथम अनुपूरक 9,784 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। 19 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में दस हजार करोड़ रुपए से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का आने की संभावना है। ये करीब 3.20 लाख करोड़ का हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बजट में कर्मचारियों के वेतन मद में तीन और मजदूरी के मद में पांच प्रतिशत की वृद्धि, महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में संभावित वृद्धि के लिए प्रावधान किया जाएगा।
प्रावधान के विपरीत किए खर्च
वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट राशि खर्च करने में कई विभागों की गड़बड़ियां सामने आई हैं।  करीब 2 हजार करोड़ रुपए की राशि त्रुटिपूर्ण ढंग से विभागों द्वारा खर्च कर दी गई है।  खासकर जिन मदों में बजट प्रावधान नहीं किया गया था, उनमें राशि व्यय किए जाने को लेकर प्रधान महालेखाकार ने आपत्ति दर्ज कराई है। विशेषकर राजसहायता, लघु कार्य, अपारंपरिक ऊर्जा, शहरी विकास आदि योजनाओं पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। सीएजी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल बजट की समीक्षा के बाद विभिन्न अनुदान के राजस्व एवं पूंजीगत व्यय में त्रुटिपूर्ण प्रावधान किए जाने को लेकर वित्त विभाग से जवाब मांगा हैं। वित्त विभाग ने इस संबंध में 25 नवंबर को सभी एसीएस, पीएस, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर इन विसंगतियों का निराकरण करने का आदेश दिया है।  पूंजीगत व्यय में व्यावसायिक सेवाओं के लिए अदायगी, लघु कार्य, अनुरक्षण कार्य, सामग्री की पूर्ति, विज्ञापन एवं प्रचार, छात्रवृत्ति वितरण, परिसंपत्तियों का निमार्ण, प्रतिकर का भुगतान, डिक्रीधन का भुगतान, क्षतिपूर्ति राशि का त्रुटिपूर्ण ढंग से प्रावधान, शहरी विकास योजनाएं के लिए खाता खोलने, सिंचाई परियोजनाओं में रखरखाव एवं मरम्मत कार्य, ग्राम पंचायतों को सहायता, खेलकूद एवं युवा सेवा आदि के नाम पर उप मुख्यशीर्ष में राशि खर्च की गई है, जो कि विसंगति  की तरफ दर्शाती है। प्रधान महालेखाकार ने जिन मदों में करीब 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च किए जाने पर आपत्ति उठाई है, उनमें मट्रेरियल सप्लाई, कामर्शियल सर्विस पर व्यय की गई राशि, एक्सपेंडीचर, माइनर वर्क्स, केपिटल मेजर फंड और मेंटेनेंस आदि के कार्यों में खर्च की गई राशि को लेकर वित्त विभाग से सवाल-जवाब किया है।
वित्त विभाग ने विभागों से प्रस्ताव मांगे
वित्त विभाग ने विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं। दायरा भी तय कर दिया गया है। सफाई, सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था इत्यादि में चालू वित्त वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत से ज्यादा बजट नहीं बढ़ेगा। वेतन के बजट में विभाग 3 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव दे सकते हैं। मजदूरी के लिए 5 प्रतिशत तक की वृद्धि के प्रस्ताव की छूट दी गई है। प्रस्ताव ऑनलाइन भेजने होंगे। बजट से ज्यादा राज्य पर कर्ज है। स्थापना व्यय में इजाफा हो रहा है। कुल बजट की 26 प्रतिशत राशि वेतन में खर्च हो जाती है। सरकार खर्च कम करने के प्रयास में है। वित्त विभाग ने विभागों से कहा है कि जिन योजनाओं की निरंतरता की जरूरत नहीं रह गई है, उनके लिए बजट का प्रस्ताव न दिया जाए। एक समान योजनाओं का संविलियन कर बजट अनुमान तैयार किया जाए। जिन योजनाओं की जरूरत नहीं है या समाप्त कर दी हैं उनका बजट शून्य कर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। बजट में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा आर्थिक उन्नति के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए बजट की 30 प्रतिशत राशि महिलाओं तथा बच्चों पर खर्च करने का प्रावधान करने के निर्देश वित्त विभाग ने संबंधित विभागों को दिए हैं। अगले बजट में सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान की योजनाओं में प्रावधान किया जाएगा। इसमें अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने के लिए बजट में पृथक से राशि का प्रावधान किया जाएगा। इन वर्गों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं को समेकित किया जाएगा। इस नवीन व्यवस्था में व्यय की जाने वाली राशि की मॉनिटरिंग भी करने का प्रावधान होगा।
नई योजना लाने का बताना होगा औचित्य
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट की तैयारी प्रारंभ कर दी है। यदि विभाग कोई नई योजना लाना चाहते हैं तो उन्हें औचित्य बताना होगा। वे अपने स्तर से कोई निर्णय भी नहीं ले सकेंगे। उन्हें प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजना होगा और उस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे। वहीं, कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में आगामी वर्ष में होने वाली संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सभी विभाग 46 प्रतिशत के हिसाब से प्रविधान रखेंगे। वित्त विभाग ने सभी विभागों को बजट प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन पर चर्चा पांच जनवरी से प्रारंभ होगी। शिवराज सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपये और प्रथम अनुपूरक बजट नौ हजार 784 करोड़ रुपये का प्रस्तुत किया था। 19 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। अगले साल चुनाव हैं। इसे देखते हुए बजट तीन लाख करोड़ रुपये के आसपास रह सकता है।

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