भाजपाई बनने की अटकलों ने पार्टी में बढ़ाई रावत की पूछ-परख

गुर्जर समाज में रखते हैं मजबूत पकड़, कई सीटों पर हैं प्रभावी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में दूसरे चरण के लिए जारी प्रचार के बीच ग्वालियर -चंबल अंचल के बड़े पिछड़ा वर्ग के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत के भाजपा में आने की कथित अटकलें शुरू हुई। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व को रामनिवास की जमीनी पकड़ का अहसास हुआ। आनन-फानन में कांग्रेस हाईकमान ने रावत से संपर्क किया। भाजपा रामनिवास रावत के जरिए प्रदेश की 7 सीटों पर मीणा, रावत और गुर्जर समाज को साधना चाहती है। हालांकि भाजपा की रामनिवास को पार्टी में लाने की कोशिशें जारी हैं। दरअसल, प्रदेश की आधा दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर रावत और मीणा समाज भारी संख्या में है। रामनिवास रावत मप्र में अपने समाज के बड़े नेता हैं। साथ ही ओबीसी का भी बड़ा चेहरा हैं। जितनी पकड़ उनकी खुद के समाज में है, उतना ही संपर्क ओबीसी के दूसरे समाजों में भी है। यही वजह है कि भाजपा रामनिवास रावत पर लगातार डोरे डाल रही है। भाजपा रावत को पार्टी में शामिल कराकर मुरैना संसदीय क्षेत्र के अलावा ग्वालियर, गुना, राजगढ़, भोपाल, होशंगाबाद, मंदसौर में रावत समाज को साधना चाहती है। राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय यह है कि इस बार लोकसभा चुनाव में 2019 जैसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है। यानी पिछले चुनाव में हार-जीत का जितना बड़ा अंतर था, उतना इस बार होने की संभावना बेहद कम है।
राहुल गांधी कर चुके हैं फोन: भाजपा में जाने के खबरें सामने आने के बाद पार्टी नेता राहुल गांधी ने रामनिवास रावत को फोन कर चर्चा की थी। इसके बाद से यह मामला ठंडा पड़ गया है। वहीं, भाजपा सूत्र बताते हैं कि रावत को लेकर अभी भी अंदरखाने चर्चा है। रावत पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी से दूर रखा है। मप्र कांग्रेस के चुनिंदा नेता ही हेलिकॉप्टर से चुनावी सभाएं कर रहे हैं।
इन सीटों पर ज्यादा है रावत समाज
रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से विधायक हैं। वे मप्र विधानसभा के छठवीं बार के विधायक हैं। पूर्व मंत्री रह चुके हैं। संसदीय ज्ञान के जानकार हैं और साफ सुथरे नेता की छवि है। 2020 में कांग्रेस में बड़े दलबदल के समय भी उनके पास भाजपा में शामिल होने का विकल्प था, लेकिन वे नहीं गए। उनकी मुरैना, ग्वालियर सीट पर मजबूत पकड़ है। साथ ही श्योपुर से सटी राजस्थान के क्षेत्र में भी मीणा समाज की संख्या काफी है। इसके अलावा गुना, भोपाल, राजगढ़ सीट पर भी रावत समाज अच्छी संख्या में है। होशंगाबाद और मंदसौर में समाज का अच्छा खासा वोट है। भाजपा द्वारा उन पर  डोरे डालने की बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि पार्टी में रावत समाज का कोई प्रभावशाली नेता नहीं है। जिसकी ओबीसी में भी पकड़ हो। ऐसे में भाजपा को रावत में काफी उम्मीदें दिख रही है।

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