राजगढ़ से दिग्विजय के चुनाव लड़ने की अटकलें शुरु

  • इन दिनों बेहद सक्रिय हैं इलाके में
  • विनोद उपाध्याय
दिग्विजय सिंह

भोपाल लोकसभा सीट पर बीते चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक बार फिर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के इस बार अपनी गृह सीट राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। इन अटकलों की वजह है उनका इस लोकसभा सीट के मातहत आने वाली विधानसभा सीटों पर अचानक तेजी से सक्रिय होना। दरअसल इस बार कांग्रेस ने अपने बड़े और दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारने की रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। दरअसल पार्टी का मानना है कि दिग्गजों के चुनावी मैदान में उतरने से भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सकती है और पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह पैदा होगा। पार्टी भी इसके संकेत दिल्ली में हुई बैठक में दे चुकी है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने पुराने संसदीय क्षेत्र राजगढ़ में सक्रिय होकर दौरे कर रहे हैं। राजगढ़ की आठों विधानसभाओं में उनके दौरे हो रहे हैं, जिससे उनके एक बार फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसकी वजह है विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से सांसदों को उतारकर कांग्रेस को कई सीटों पर बुरी तरह से उलझा दिया था, कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ इसी तरह कुछ दांव चलने की तैयारी कर रही है। दरअसल भाजपा की विधानसभा चुनाव की रणनीति का असर यह हुआ कि कांग्रेस के दिग्गज नेता अपने विधानसभा क्षेत्रों में ही उलझ कर रहे गए थे और उसे हार का सामना करना पड़ गया। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो कांग्रेस प्रदेश की राजनीति में दिग्गज नेता के रूप में पहचाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया व सज्जन सिंह वर्मा को इस बार लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है।
इन नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उन्हें चुनाव लड़ने का न केवल लंबा अनुभव है, बल्कि वे चुनावी खर्च उठाने में भी व्यक्तिगत रूप से सक्षम हैं। इसके अलावा उनके पास समर्थकों की बड़ी टीम भी है। पार्टी हाईकमान ने युवाओं को संगठन की बागडोर सौंप कर साफ कर दिया कि अब दिल्ली का दखल प्रदेश में देखने को मिलेगा। इससे स्पष्ट है कि इस बार चुनाव में कई चौंकाने वाले नामों के साथ ही दिग्गज नेता चुनावी समर में चुनौती देते नजर आ सकते हैं। ताल ठोकते नजर आएंगे।
राजगढ़ में रोचक होता रहा है मुकाबला
मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट राज्य की चर्चित सीटों में मानी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला काफी रोचक होता आया है। इस सीट पर सबसे अधिक समय तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। दिग्विजय सिंह यहां से दो बार और लक्ष्मण सिंह पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं। इस सीट पर पिछले दो चुनाव से भाजपा के रोडमल नागर सांसद बनते आ रहे हैं।
राजगढ़ से दो बार बन चुके हैं सांसद
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से दिग्विजय सिंह दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। इसके अलावा वे इसी लोकसभा सीट के तहत आने वाली राघोपुर सीट से कई बार विधायक भी चुने जा चुके हैं। वर्तमान में उनके बेटे जयवर्धन सिंह इसी सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। इस सीट के तहत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं। इन आठ सीटों में से एक पर कांग्रेस और सात पर बीजेपी का कब्जा है। लोकसभा में चाचौड़ा, खिलचीपुर, राघौगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, सारंगपुर, नरसिंहगढ़ और सुसनेर विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें सिर्फ राघौगढ़ पर ही कांग्रेस का कब्जा है। हालांकि उनके भतीजे प्रियवत सिंह खिलचीपुर और भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा से चुनाव हार गए हैं। इस इलाके को दिग्विजय सिंह के प्रभाव का क्षेत्र माना जाता है, लिहाजा कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांटे का मुकाबला हो सकता है। दिग्विजय सिंह अभी राज्यसभा के सदस्य हैं और चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी पर छोड़ चुके हैं।

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