गरीब, किसान, महिला, युवा पर अब विशेष फोकस

  • सरकार करेगी पूंजीगत व्यय में वृद्धि

गौरव चौहान
मप्र का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 12 मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत होगा। यह चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रहेगा। इसमें फोकस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता वाली चार जातियों गरीब, किसान, महिला एवं युवा पर रहेगा। सिंहस्थ के लिए विशेष बजट प्रविधान किए जाएंगे तो सरकार पूंजीगत व्यय और बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर सकती है। विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च को राज्यपाल मंगू भाई पटेल के अभिभाषण से प्रारंभ होगा। 11 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा। नौ दिवसीय सत्र को देखते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर सरकार की ओर से प्रस्तुत होने पर कृतज्ञता ज्ञापन पर एक दिन चर्चा कराई जा सकती है। डबल इंजन की सरकार का लाभ मध्य प्रदेश को लगातार मिल रहा है। आम बजट में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रविधान राज्य के लिए किए गए हैं। एक लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सा मिलेगा तो सहायता अनुदान 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने का अनुमान है। इस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में 15,908 करोड़ रुपये अधिक मिलने की संभावना है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने बजट का खाका खींचा है। सूत्रों के अनुसार गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवा कल्याण और किसानों के हित में प्रविधान किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए बड़ा वित्तीय प्रविधान ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के बजट में रखा जाएगा। औद्योगिक विकास के लिए 18 नीतियों के अंतर्गत उद्यमियों को जो विशेष प्रोत्साहन देने का वादा किया गया है, उसकी पूर्ति के लिए प्रविधान होंगे तो भोपाल में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना प्रस्तावित की जाएगी। अधोसंरचना निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार इस बार भी पूंजीगत व्यय बढ़ाएगी। यह 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
राजस्व वसूली के नए प्रावधान भी
 वित्त विभाग ने आगामी बजट की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। खास बात यह है जब दूसरे विभागों के अधिकारी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुटे थे, तब वित्त विभाग के अधिकारी आगामी बजट की तैयारियों में जुटे थे। बजट को लेकर जल्द ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी। विधानसभा सत्र से पहले कैबिनेट में बजट को मंजूरी दी जाएगी। नए बजट में जो नए प्रावधान जोड़े गए हैं, उनके लिए राजस्व वसूली के नए प्रावधान भी होंगे। साथ ही केंद्र से इस बार मप्र को बजट में ज्यादा उम्मीद हैं। बजट में गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवा कल्याण और किसानों के हित में प्रावधान किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए बड़ा वित्तीय प्रावधान ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के बजट में रखा जाएगा। इसके अलावा शहरी विकास पर ज्यादा खर्च हो सकता है।
बजट का प्रारूप लगभग तय
वित्त विभाग के अधिकारी के अनुसार अगले बजट का प्रारूप लगभग तैयार हो चुका है। जल्द ही मुख्य सचिव के साथ विभाग की बजट को लेकर बैठक होना है। मुख्य सचिव की बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बजट बैठक लेंगे। इस बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। दोनों बैठकों के बाद बजट के मौजूदा प्रारूप में जरूरी संशोधन होंगे। इसके बाद बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा। वित्त अधिकारी के अनुसार जब सरकार के दूसरे विभाग ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी में जुटे थे, तब वित्त विभाग बजट बनाने में जुटा था।
4.25 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता बजट
विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होगा। इसके बाद 12 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश होने की संभावना है। इससे पहले 11 मार्च को मप्र का आर्थिक सर्वेक्षण पेश होगा। बताया गया कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 4.25 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। गरीब, किसान, महिला और युवा इस बजट के केंद्र में रहेंगे। पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये किया जा सकता है। मप्र को केंद्र से एक लाख 11 हजार 661 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सा मिलने की संभावना है। साथ ही अनुदान सहायता 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने का अनुमान है। इस हिसाब मप्र को वर्ष 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में 15, 908 करोड़ रुपये केंद्र से अधिक मिलने की संभावना है।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ संभावित
11 मार्च को सरकार आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करेगी। इसमें वर्ष 2024-25 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद की स्थिति, राज्य की विकास दर, प्रति व्यक्ति आय से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13 लाख 63 हजार करोड़ रुपये रहा है।

Related Articles