प्रदेश में डेढ़ लाख हेक्टेयर में की गई मिलेट्स की बुवाई

  • अब सरकार को बोनस में बांटना होंगे  20 करोड़ रुपए अधिक    

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र सरकार किसानों से कोदो-कुटकी खरीद नहीं पाई है। ऐसे में मोहन सरकार ने मिलेट्स खरीदे बिना ही कृषकों को बोनस देने का फैसला लिया है। किसानों को 3900 रुपए प्रति हेक्टेयर का बोनस दिया जाएगा। पहले सरकार को अनुमान था कि किसानों को करीब 40 करोड़ रुपए बोनस दिया जाएगा। लेकिन सर्वे के बाद तथ्य सामने आया है कि अब सरकार को 60 करोड़ रुपए बोनस देना होगा। मिलेट्स की 16 प्रमुख किस्में हैं। इनमें कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, रागी, लघु बाजरा, प्रोसो बाजरा आदि शामिल हैं। मिलेट्स कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है।
यह पहली बार हो रहा है कि सरकार अनाज खरीदे बिना किसानों को बोनस देगी। सरकार का मकसद राज्य के किसानों को मिलेट्स की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना में मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने और किसानों से उचित दाम पर खरीदी का काम किया जाना है। सरकार ने मिलेट्स की खरीदी को लेकर ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया है। अधिकारियों के अनुसार, कोदो-कुटकी का उत्पादन 900 किलो प्रति हेक्टेयर है। इसमें करीब 60 प्रतिशत का उपयोग किसान बिक्री और खाने-पीने में करते हैं। बाकी मिलेट्स को सरकार को बेचेंगे। बता दें देश में मिलेट्स के उत्पादन के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है। एमपी सातवें पायदान पर है। मंडला-डिंडोरी और जबलपुर में कोदो-कुटकी का उत्पादन हो रहा है। इस बेल्ट को मिलेट्स का कटोरा कहते है।
सरकार का अनुमान निकला गलत
दरअसल, प्रदेश के मिलेट्स उत्पादक किसानों को बोनस बांटने को लेकर मप्र सरकार का अनुमान गलत निकला। सरकार का अनुमान था कि प्रदेश में मिलेट्स का रकबा करीब एक लाख से कुछ ज्यादा हेक्टेयर है। प्रति क्विंटल 3900 रुपए बोनस के हिसाब से किसानों को करीब 40 करोड़ रुपए बोनस वितरित होगा, लेकिन जब सर्वे हुआ, तो मिलेट्स की बुवाई का आंकड़ा चौंकाने वाला था। सर्वे में सामने आया कि प्रदेश में डेढ़ लाख हेक्टेयर में मिलेट्स की बुवाई की गई है। इस कारण सरकार को किसानों को लगभग 60 करोड़ रुपए के बोनस का वितरण करना होगा। मिलेट्स उत्पादक किसानों को बोनस का वितरण दिसंबर में किया जाना था, लेकिन उन्हें  अब तक बोनस नहीं दिया गया है। दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गत 3 जनवरी, 2024 को जबलपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना  को मंजूरी दी गई थी। बैठक में मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने मिलेट्स की खरीदी से लेकर इसके प्रसंस्करण, ब्रांडिंग व मार्केटिंग के लिए मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया था।

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