शहर की शराब दुकानों पर सोम का कब्जा

  • दो ठेकेदारों को मिले शहर के ठेके

विनोद उपाध्याय
शहर की करीब 75 फीसदी दुकानों पर इस बार सोम ग्रुप का कब्जा हो गया है। बाकी का हिस्सा दूसरे ठेकेदार के खाते में गया है।  हिस्से में  आबकारी विभाग द्वारा इस साल अपनाई जा रही शराब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया से लगभग 26 प्रतिशत अधिक रेवेन्यू मिला है। रविवार को बिडिंग से मिली दुकानों की नीलामी राशि की तुलना ई टेंडर में आई बोलियों से की गई। इसमें शराब दुकानों के कुल 81 समूह नीलाम हुए जिससे 5246 करोड़ का रेवेन्यू मिला। इन समूहों की कुल रिजर्व प्राइस 4939 करोड़ थी। 20 प्रतिशत बड़ी हुई रिजर्व प्राइस को मिलकर इस तरह बीते साल के मुकाबले इस बार लगभग 26 प्रतिशत अधिक रेवेन्यू आबकारी विभाग को इन समूहों से मिलेगा। अब तक हुई प्रक्रिया में लगभग 12500 करोड़ का रेवन्यू तय हो चुका है, जो पिछले साल से लगभग 23 प्रतिशत अधिक है।  रिन्यूअल और लॉटरी के बाद बची दुकानों की नीलामी के लिए इस बार आबकारी विभाग ने नया फार्मूला तय किया था।
ई टेंडर से बोलियां मांगी ईं थी। साथ ही एक अन्य विकल्प में ई- टेंडर के साथ बिडिंग करके बोली बढ़ाने का विकल्प था, जो शनिवार  को हुआ था। इन मूल्यों की तुलना आज सिर्फ ई-टेंडर वाली बोलियों से की गई। जो भी अधिक मूल्य था, उस पर नीलामी कर दी गई। भोपाल, अनूपपुर और बुरहानपुर जैसे शहरों में रिजर्व प्राइस से काफी अधिक रेवेन्यू मिला। रिन्यूअल में 5737 करोड़ तो लॉटरी की प्रक्रिया में 1572 करोड़ रेवेन्यू मिला था। अभी जो समूह बचे हुए हैं, उनसे लगभग 4700 करोड़ रुपए रेवन्यू मिलना है।
3 जिलों में नीलामी नहीं
जबलपुरी में 4, राजगढ़ में 2 तो दमोह में 1 समूह ही बना था। इस वजह से नीलामी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी, इसलिए अब जबलपुर में 29, राजगढ़ में 5 नौ दमोह में 7 समूह बना दिए गए हैं ताकि छोटे ठेकेदार भी नीलामी में भाग ले सकें। 10 मार्च से दोबारा यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी। 13 को बिडिंग और ई-टेंडर एक साथ फाइनल कर लिए जाएंगे। इस साल नीलामी में लगभग 17 हजार करोड़ रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है।

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