- चार माह से नहीं भरा गया है, अब दो माह की ही समय सीमा शेष…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अगर जल्द ही स्पेशल डीजी के रिक्त चल रहे पद को नहीं भरा गया, तो वह पद समाप्त हो जाएगा। इससे आईपीएस अफसरों को एक पद का नुकसान उठाना पड़ेगा। दरअसल पुलिस मुख्यालय में बीते चार माह से एक स्पेशल डीजी का पद रिक्त चल रहा है। नियमानुसार अगर इस पद को छह माह तक नहीं भरा जाता है तो मान लिया जाता है कि इस पद की जरुरत नहीं है, जिसकी वजह से यह पद समाप्त हो जाता है। दरअसल ऐसे में केन्द्र सरकार मान लेती है कि संबधित प्रदेश को इस पद की जरुरत नहीं है। इस स्थिति के बाद भी प्रदेश में स्पेशल डीजी के एक खाली पद को नहीं भरा जा रहा है। प्रदेश में इस समय डीजी रैंक के अफसरों की संख्या एक दर्जन है। इनमें से दो पद अतिरिक्त रूप से राज्य शासन ने पुलिस को दिए हैं। वहीं प्रदेश में तेजी से बढ़ते सायबर अपराधों के बाद भी यहां पर एडीजी का पद नहीं भीर गयसा है बल्कि अतिरिक्त प्रभार के भरोसे काम चलाया जा रहा है। पुलिस अफसरों की खुफिया शिकायतें और जानकारी जुटाने वाला विजिलेंस शाखा में भी एडीजी का पद अतिरिक्त प्रभार में है। प्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण शाखा में स्पेशल डीजी का पद कॉडर का है। प्रदेश में कॉर्डर के पांच पद हैं, इनमें डीजीपी, डीजी जेल, डीजी होमगार्ड, डीजी एवं चेयरमेन मध्य प्रदेश पुलिए आवास निगम और स्पेशल डीजी प्रशिक्षण हैं। इनमें से चार पदों पर डीजी रैंक के अफसर पदस्थ हैं। जबकि पुलिस प्रशिक्षण में स्पेशल डीजी का पद खाली है। यह पद पिछले चार महीने से खाली है। यहां पर पूरा काम काज एडीजी सोनाली मिश्रा को देखना पड़ रहा है।
प्रभार के भरोसे चलाया जा रहा काम
इन दिनों प्रदेश में सायबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट की वारदातें लगातार सामने आ रही है। इसके बाद भी यहां पर एडीजी का पद अतिरिक्त प्रभार पर है। सितम्बर में यहां के एडीजी योगेश देशमुख को एडीजी इंटेलीजेंस बनाया गया था, उन्हें यहां का अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया था। इसी तरह विजिलेंस जैसी महत्वपूर्ण शाखा का काम पवन श्रीवास्तव के पास है। पवन श्रीवास्तव एडीजी सीआईडी हैं, इससे पहले वे एडीजी विजिलेंस थे, वे ही विजिलेंस का काम अतिरिक्त रूप से देख रहे हैं। इन दो शाखाओं के अलावा पुलिस कल्याण, आरटीआई और कम्यूनिटी पुलिसिंग का काम भी अतिरिक्त प्रभार के रूप में एडीजी अनिल कुमार को देकर काम चलाया जा रहा है। वहीं डायरेक्टर पुलिस एकेडमी भौंरी की अतिरिक्त रूप से एडीजी सोनाली मिश्रा के पास जिम्मेदारी है। वहीं यातायात से संबंधित पुलिस ट्रैनिंग एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट भी कमान भी अतिरक्त रूप से एडीजी के पास है। हाल ही में एडीजी एसएएफ साजिद फरीद सापू प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। उनके प्रतिनियुक्ति पर जाने से एसएएफ में एडीजी का पद खाली हो गया है। वहीं एडीजी राजेश गुप्ता के रिटायर होने के बाद एजेके एडीजी का पद भी रिक्त हो चुका है। यह दोनों पद कॉडर के हैं।