तो एक हजार मेगावॉट सरप्लस हो सकती है बिजली

बिजली
  • राजधानी को सौर ऊर्जा सिटी बनाने की कवायद  

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आने वाले समय में राजधानी भोपाल को सौर ऊर्जा से पूरी तरह रोशन करने की तैयारी की जा रही है। इसकी वजह है भोपाल का चयन सरकार द्वारा  सोलर सिटी बनाने के लिए किया गया है। अहम बात यह है कि अभी भोपाल शहर में बिजली की खपत हर दिन औसतन 300 मेगावॉट है, जबकि अगर पूरी क्षमता का उपयोग किया जाए तो भोपाल में 1322 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। यानी की मांग से तीन गुना अधिक बिजली का उत्पादन हो सकता है। इस संभावना के चलते ही हाल में सर्वे का काम ड्रोन से कराया गया है। इससे पता चला है कि शहर में 3 लाख से अधिक सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। अगर इतने सोलर पैनल लग जाते हैं, तो शहर में हर दिन करीब 1322 मेगावॉट से ज्यादा बिजली मिल सकती है। इससे  न केवल शहर आत्म निर्भर हो जाएगा, बल्कि प्रदेश के अन्य शहरों को भी आसानी से इस तरह की बिजली की सप्लाई की जा सकती है। फिलहाल कोयले से बनने वाली बिजली का उपयोग किया जा रहा है, जो न केवल महंगी पड़ती है , बल्कि उसके बनने से पर्यावरण को भी बहुत क्षति पहुंचती है। यही वजह है कि अब आमजन से लेकर सरकार तक का फोकस सोलर से बनने वाली बिजली पर बना हुआ है। अगर शहर को सोलर सिटी में बदल दिया जाता है तो, न केवल बिजली सस्ती होगी , बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी बहुत मदद मिलेगी। फिलहाल शहर में करीब 7 हजार घरों में सोलर पैनल लगे हुए हैं। शहर में अब नगर निगम और ऊर्जा विभाग मिलकर सोलर पैनल लगाने का काम कर रहे है। प्रारंभिक रूप से दोनों विभागों ने मिलकर भोपाल में एक हजार घरों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
तो 240 यूनिट बनेगी  बिजली
सोलर पैनल लगवाने पर सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। एक किलोवॉट के सोलर पैनल पर 18 हजार रुपए तक का अनुदान मिलता है। दो किलो वॉट सोलर प्लांट से हर माह लगभग 240 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इसके प्लांट लगाने की लागत 1 लाख 30 हजार रुपए आती है, जिस पर प्रति किलोवाट 18 हजार रुपए की सब्सिडी मिलती है। इस हिसाब से दो किलो वॉट पर 36 हजार रुपए का अनुदान मिल जाएगा। बिजली कंपनी का दावा है कि सोलर प्लांट की पूरी लागत 4 से 5 साल में निकल जाती है। इसके बाद यह बगैर किसी खर्च के दो से लेकर ढाई दशक तक संचालित होता रहता है। दो किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट के लिए 100 वर्ग फीट छत की जरूरत होती है, जिसमें सोलर पैनल, इनवर्टर, एसडीसी बॉक्स, केबल व मीटर लगता है। सोलर रूफटॉप प्लांट, वेंडर द्वारा अधिकतम 3 दिन के भीतर लगा दिया जाएगा। सब्सिडी 30 दिन के भीतर सरकार द्वारा सीधे बैंक खाते डाल दी जाती है।
सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया
सोलर पैनल लगवाने के लिए नेशनल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जिसके बाद वेंडर का चयन कर ऑनलाइन आवेदन जमा करना होगा। नेशनल पोर्टल पर टीएफआर अप्रूवल के बाद रजिस्टर्ड वेंडर के साथ अनुबंध किया जाता है। इसके बाद आवेदक को वेंडर्स की सूची दिखने लगती है। इसके बाद ही पैनल लगाए जाते हैं। प्लांट इंस्टॉल होने के बाद उसकी डिटेल सबमिट करना होती है , जिसमें प्लांट के साथ आवेदक को स्वयं का फोटो पोर्टल पर अपलोड करना होता है। इसके बाद डिस्कॉम के अफसर इंस्टालेशन डिटेल्स को अप्रूव करते हैं, जिसके बाद ही हितग्राही सब्सिडी क्लेम कर सकता है।

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