- चंबल और सोनचिरैया अभयारण्य बना तस्करों का अड्डा …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अवैध खनन और खनिज संपदा पर निगरानी रखने वाले तमाम विभागों पर तस्कर भारी पड़ रहे हैं। ग्वालियर -चंबल अंचल में तो इस मामले में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।
प्रशासनकि और सरकार की अक्षमता की वजह से यह अंचल तस्करों के लिए बेहद मुफीद बना हुआ है। हाल ही में खुलासा हुआ है की बीते छह माह में ही तस्करों ने चंबल और सोनचिरैया अभयारण्य के जंगलों से करोड़ों रुपए का पत्थर , फर्सी और रेत का खनन कर उसे बेंच डाला है। इससे वन विभाग के वनों की रखवाली की पोल खुल गई है। इसका खुलासा स्वयं वन विभाग द्वारा कराई गई एक जांच की रिपोर्ट से हुआ है। दरअसल माफिया ने चंबल , सोनचिरैया अभयारण्य एवं आरक्षित जंगलों से 31478.43 घन मीटर वन संपदा निकालकर बाजार में बेच डाली। अकेले इसकी कीमत ही चार करोड़ रुपए बताई जा रही है। दरअसल विभाग को बीते लंबे समय से अवैध रुप से उत्खनन की शिकायतें मिल रही थीुं, जिसके बाद एक उड़नदस्ता टीम का गठन किया गया था।
इस दस्ते ने जांच में शिकायतों को सही पाया है। अब इस मामले में वन संरक्षक कार्यालय से मुरैना के तत्कालीन डीएफओ अमित बसंत निकम, एसडीओ देवेंद्र सिंह, रेंजर दीपांकर सिंह सहित डिप्टी रेंजर, वनरक्षक को आरोप पत्र जारी किए जा चुके हैं। इधर सोनचिरैया अभयारण्य के डांडाखिरक और जखौदी में मिले अवैध फर्शी पत्थर उत्खनन पर वन रक्षक, डिप्टी रेंजर और रेंजर को भी आरोप पत्र थमाए गए हैं। बताया जा रहा है की विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर उक्त अफसरों व कर्मचारियों के वेतन से राशि की कटौती कर वसूली की जाएगी। बताया जा रहा है की जांच में टीम ने फर्शी पत्थर और चंबल नदी से निकाली गई रेत की कीमत 3,99,72,148 रुपए आंकी है। जांच में पाया गया है की सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र की जखौदी बीट में 11 नए गड्ढों के लिए जंगल की सफाई जेसीबी से हुई। इस दौरान पेड़ कटे और जंगल की मिट्टी आदि मटेरियल को नुकसान पहुंचा। यह करीब 992.75 घनमीटर बताया जा रहा है।
यहां पर किया गया खनन
चंबल नदी में श्योपुर-सबलगढ़ के बीच के घाटों से रेत का जमकर अवैध उत्खनन हुआ पायागया है। यह उत्खनन बड़ोदिया घाट, राजौरारुडी घाट, दांतरदा ऊंचाखेड़ा घाट, खिरखिरी घाट, बरोली घाट, नदी गांव (काऊ का पुरा) घाट, नदी गांव घाट, बरोली रिजेटा घाट, मंडू की सांड (टापू) घाट पर वन विभाग के स्टाफ की मिली भगत से अवैध रेत का खनन किया गया है। इसी तरह से मुरैना जिले की शनीचरा बीट और मवई बीट में अवैध उत्खनन वन कक्ष क्रमांक- पी-15,पी-16, 32,28 और 30 में पाया गया है। उधर, जांच में ग्वालियर जिले के सोनचिरैया अभयारण्य घाटीगांव की गेमरेंज में आने वाले डांडाखिरक वन कक्ष क्रमांक 434, 435 और 436 से भी बड़ी मात्रा में अवैध फर्शी पत्थर निकालना पाया गया है। जखौदी के वन कक्ष क्रमांक 431 से 11 गड्ढों में नया उत्खनन मिला।
रेत व पत्थर माफिया का बन चुका है गढ़
यह अंचल रेत और पत्थर माफिया का गढ़ बन चुका है। दरअसल इस अंचल में माफिया राजनेता और अफसरों का ऐसा गठजोड़ काम करता है, जो सभी पर भारी पड़ता है। अगर कोई अफसर इस माफिया पर शिकंजा कसने का प्रयास करता है तो या तो उसे चलता करवा दिया जाता है या फिर उस पर हमला तक किया जाता है। ऐसे कई उदाहरण अब तक सामने आ चुके हैं। जिस अफसर ने भी रेत और पत्थर माफिया पर कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाई ,उसे कुछ ही दिनों में अंचल से हटाकर कहीं दूसरी जगह पदस्थ कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है की यह वही अंचल है जहां पर एक आईपीएस अफसर तक की कुचल कर हत्या कर दी गई थी।