राजधानी में जर्मन बैंक से लोन की प्रक्रिया की जा रही…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने वाले हैं। इसके लिए भोपाल में जर्मन बैंक से लोन की प्रक्रिया की जा रही है। 2023 की पहली तिमाही में मीटर एचटी उपभोक्ताओं के यहां, जबकि 2023 के आखिर तक आम उपभोक्ताओं के यहां मीटर लग सकते हैं। मई 2021 से टेंडरिंग प्रक्रिया हो चुकी है।
शहर में बिजली के प्री- पेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए एजेंसी तय की जा रही है। स्मार्ट मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए तय एजेंसी के माध्यम से करीब 700 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च की जाएगी। स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की शुरूआत एचटी उपभोक्ताओं से की जाएगी, इसके बाद एलटी यानी घरेलू उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगेंगे। शहर में कुल चार लाख मीटर बदलने की योजना है, अभी काम शुरू होना बाकी है। गौरतलब है कि प्रदेश में जल्द ही मोबाइल फोन और डीटीएच की तर्ज पर उपभोक्ताओं को बिजली बिल भरने होंगे। यानी पहले बिल भरना होगा और उसके बाद बिजली का उपभोग कर सकेंगे। इस प्रकार एडवांस में जितने बिल का भुगतान करेंगे, उतनी ही बिजली का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार बिजली बिल के एडवांस पेमेंट की व्यवस्था लागू करने जा रही है। स्मार्ट प्री पेड मीटरिंग व्यवस्था केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है और बजट का बड़ा हिस्सा भी वहीं से मिलेगा। इसके लिए भोपाल में जर्मन बैंक से लोन की प्रक्रिया की जा रही है। 2023 की पहली तिमाही में मीटर एचटी उपभोक्ताओं के यहां, जबकि 2023 के आखिर तक आम उपभोक्ताओं के यहां मीटर लग सकते हैं।
उपभोक्ताओं को बनना होगा हाइटेक
बिजली की एडवांस तकनीक आने वाली है इसलिए उपभोक्ताओं को थोड़ा हाइटेक बनना होगा। अभी इसे लेकर जानकारी बढ़ानी होगी,ताकि रीडिंग बिलिंग वाली दिक्कत या तकनीकी त्रुटि से चपत की स्थिति न बनें। शहर में स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए गोविंदपुरा स्थित कंट्रोल रूम को मजबूत करना होगा। यहां अधोसंरचना के साथ ही कर्मचारियों को भी दक्ष करने की जरूरत है। अभी इंजीनियरिंग स्टॉफ को भी इसे लेकर अधिक ट्रेनिंग नहीं है, इसलिए इस पर ध्यान देना होगा।
उपभोक्ता-कंपनी दोनों को फायदा
नई व्यवस्था के तहत प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह काम करेगा, जो सर्वर से जुड़ा होगा। इसे संबंधित उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया जाएगा। मोबाइल पर बिजली खपत की न्यूनतम शेष की जानकारी मैसेज के जरिए मिलती रहेगी। आपके द्वारा भुगतान की गई राशि समाप्त होने के बाद बिजली अपने आप बंद हो जाएगी। बिजली बिल का भुगतान पेमेंट गेटवे के जरिए घर बैठे मोबाइल से ही कर सकेंगे। विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था से बिजली चोरी पर लगाम पूरी तरह से कस जाएगी। बकायादारों से भी निजात मिलेगी। कंपनी को सबसे बड़ा लाभ रीडिंग बिलिंग पर किए जाने वाले बड़े खर्च से छुटकारे के तौर पर होगा। एकीकृत कंट्रोल रूम से मीटर नियंत्रित होंगे। बकाया बिल जमा नहीं करने पर कंट्रोल रूम से बिजली सप्लाई काट दी जाएगी। सबसे प्रमुख ये कि बिजली का बिल एडवांस में मिलना शुरू हो जाएगा। यानि प्री पेड होने से अकाउंट में राशि खत्म हो मीटर बंद और बिजली भी बंद हो जाएगी।
ये करेगी बिजली कंपनी
– चार लाख मीटर स्थापित किए जाएंगे
– तीन डिस्कॉम में दस लाख मीटर स्थापित करना है
– 272 फीडर पर 3.73 लाख मीटर स्थापित करना है
– 4.7 लाख बिजली कनेक्शन शहर में है
– 1700 करोड़ रुपए की जरूरत
– जर्मन बैंक की मदद मांगी जा रही है आएगी
स्मार्ट मीटर लगाना अभी शुरू नहीं हुआ है। इसके लिए टेंडरिंग प्रक्रिया जरूर चल रही है। नई तकनीकी का लाभ लोगों को जरूर दिया जाएगा।
जीएस मिश्रा, एमडी मध्यक्षेत्र