छह दर्जन पूर्व माननीय अब भी डटे… सरकारी आवासों में, नए परेशान

  • कई पूर्व हो चुके मंत्रियों ने भी नहीं छोड़े हैं सरकारी बंगले
  • विनोद उपाध्याय
 पूर्व माननीय

भले ही प्रदेश में विधानसभा का पहला सत्र समाप्त हो गया है, लेकिन अब भी दर्जनों माननीय ऐसे हैं, जिन्हें सरकारी आवास आवंटित नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह है हारने वाले या फिर चुनाव न लड़ने वाले पूर्व विधायकों द्वारा आवास खाली नहीं किया जाना। अहम बात यह है कि इनमें पूर्व मंत्री भी शामिल हैं, जो अब भी सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए हुए हैं। ऐसे में सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद आवास को लेकर मुश्किलों का सामना करना तय है। खास बात यह है कि आमजन के लिए कानून बनाने वाले इन पूर्व हो चुके विधायकों द्वारा ही नियम कानूनों का समय पर पालन नहीं किया जा रहा है। पूर्व विधायकों द्वारा सरकारी  आवास रिक्त नहीं किए जाने की वजह से अब विधानसभा सचिवालय को भी विधायक विश्राम गृह के आवास खाली कराए जाने की चुनौती से दो चार होना पड़ रहा है।  सचिवालय द्वारा आवास रिक्त करने को लेकर जितने पूर्व विधायकों को पत्र लिखे गए हैं , उसमें से सिर्फ 23 ने ही अब तक आवास खाली किए हैं। फिलहाल विधायक विश्राम गृह के कुल 53 आवासों और अध्यक्षीय पूल के 18 बंगलों के खाली होने का इंतजार बना हुआ है। जिन पूर्व विधायकों ने अब तक विधायक विश्राम गृह खाली नहीं किया है, उनमें रक्षा संतराम सरोनिया, गोपीलाल जाटव, अमर सिंह, सुभाष रामचरित्र, नंदनी मरावी, देवी सिंह सैयाम, ब्रह्मा भलावी, रामचंद्र दांगी, राम दांगोरे, सुमित्रा देवी कास्डेकर, दिलीप कुमार मकवाना, रघुनाथ मालवीय, टामलाल रघुजी सहारे, मुरली मोरवाल शामिल हैं। इनके साथ ही जजपाल सिंह जज्जी, भारत सिंह कुशवाहा, महेश राय, बैजनाथ कुशवाहा, तरवर सिंह, मुकेश रावत पटेल, निलेश विनोद डागा, राकेश गिरी, अजय टंडन, शशांक कृष्ण भार्गव, शरदेंदु तिवारी, राकेश पाल सिंह  के नाम शामिल हैं। उधर,  पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 74 बंगले क्षेत्र में आवंटित विधानसभा अध्यक्ष का बंगला खाली कर दिया है। गौतम हालांकि विधानसभा सदस्य हैं ,लेकिन वे नए अध्यक्ष की शपथ के पहले ही आवास रिक्त कर पूर्व में विधायक विश्राम गृह के ओल्ड क्वार्टर में शिफ्ट हो गए हैं। विन्ध्य कोठी के समीप इस आवास में वे अध्यक्ष बनने से पहले भी रहते थे। इसी तरह से मप्र विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने वाले 6 विधायकों ने आवास खाली कर दिए हैं। इन्हें विधानसभा सचिवालय ने आवास खाली करने का आग्रह किया था।
इनके बंगले रहेंगे यथावत
चुनाव जीतने वाले 10 विधायकों के बंगले जो उन्हें पूर्व से अलॉट हैं, वे यथावत रहेंगे। ये बंगले बाला बच्चन, उमंग सिंघार ओमकार सिंह मरकाम, रमेश मेंदोला, सचिन बिरला, संजय उइके, हीरालाल अलावा, रमेश मेंदोला, अनिल जैन, डॉ. सीतासरन शर्मा के पास हैं।
22 बी और सी टाइप बंगले खाली होने का इंतजार
जिन बंगलों को खाली कराया जाना है, गृह विभाग ने उनकी सूची तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दी है। इनमें 14 बी टाइप और 8 सी टाइप हैं। बड़े बंगलों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का सी- 22 शिवाजी नगर, अरविंद भदौरिया का बी-20, 74 बंगला, ओपीएस भदौरिया का बी-24, 74 बंगला, भारत सिंह कुशवाह बी-22, सुरेश धाकड़ सी-8, 74 बंगला, महेंद्र सिंह सिसोदिया बी-5 चार इमली, रामखेलावन पटेल बी-2 चार इमली, राहुल सिंह ई-37, 45 बंगला, संजीव सिंह सी-16 शिवाजी नगर और रामबाई का बी-23, 74 बंगला शामिल है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का बी-9 चार इमली और प्रदीप जायसवाल का 74 बंगला स्थित बी-12 शामिल है। इसी तरह से जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, जालम सिंह पटेल, प्रवीण पाठक, हर्ष यादव, तरुण भनोत, लक्ष्मण सिंह, आलोक चतुर्वेदी, नारायण त्रिपाठी, भूपेंद्र मरावी, बापू सिंह तंवर, सुरेंद्र सिंह शेरा, रविंद्र सिंह तोमर, देवेंद्र सिंह पटेल को विधानसभा अध्यक्षीय पूल के बंगले भी रिक्त करना है।
करना पड़ रहा है रेस्टहाउस में इंतजाम  
नए विधायकों के भोपाल आने पर उनके रुकने के लिए विधायक विश्राम गृह के अलावा राजधानी में सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस के 75 कमरे राज्य शासन से आरक्षित कराए जा रहे हैं। अब एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा के जो विधायक चुनाव हार गए हैं, अब उन्हें भी विधानसभा सचिवालय आवास खाली करने के लिए पत्र लिखेगा। चुनाव हारने वाले विधायकों की संख्या 90 है, जिसमें से 60 कांग्रेस के हैं। अब तक इन पूर्व विधायकों ने आवास खाली किए हैं, उनमें पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय, शिवदयाल बागरी, पंचूलाल प्रजापति, राजश्री सिंह, पहाड़ सिंह कन्नौजे, देवेंद्र वर्मा, सुलोचना रावत, मेवाराम जाटव, राकेश मावई, श्यामलाल द्विवेदी, राज्यवर्धन सिंह, सीताराम आदिवासी, वीरेंद्र रघुवंशी, राजेश प्रजापति, ओपीएस भदौरिया, अर्जुन सिंह काकोडिया, नीलाशु चतुर्वेदी, बाल सिंह मेड़ा और लक्ष्मण सिंह के नाम शामिल हैं।

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