75 लाख हितग्राहियों को साधने सिसौदिया ने बनाया प्लान

महेन्द्र सिंह सिसौदिया
  • योजना में नए नाम जोड़ने के लिए खोला गया नया पोर्टल

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव की दस्तक के साथ ही सियासी लाभ वाली योजनाएं आकार लेने लगी हैं। इस कड़ी में प्रदेश सरकार के ग्रामीण एंव पंचायत विकास और श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया द्वारा अब संबल योजना पर पूरा फोकस किया जा रहा है। सरकार ने योजना में नए नाम जोड़ने के लिए पोर्टल खोल दिया है। इस योजना में शामिल 75 लाख से अधिक नाम काटे जा चुके हैं। अब चुनावी बेला में इन नामों को जोड़ने  की कवायद शुरू की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि संबल योजना से काटे गए नाम फिर जोड़े जाएंगे। तेंदूपत्ता संग्राहकों के नाम भी शामिल होंगे। इसके बाद श्रम विभाग ने संबल पोर्टल खोल दिया है। अब हितग्राही अपनी सभी जानकारी उपलब्ध कराते हुए नाम जुड़वा सकेगा। कांग्रेस की सरकार बनने पर सबसे पहले संबल के हितग्राहियों का सत्यापन कराने का अभियान शुरू हुआ था।
अभियान चलाकर काटे गए थे नाम
गौरतलब है कि तत्कालीन श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने होशंगाबाद में पत्रकारों से चर्चा में कहा था की प्रदेशभर में संबल योजना के तहत कुल 2 करोड़ 20 लाख लोगों ने लाभ उठाया था। जिसमें से 70 लाख लोग फर्जी हैं। इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार को 6,418 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। मंत्री के निर्देश पर प्रदेशभर में सत्यापन का काम चला था।  सत्यापन का अभियान 1 से 15 जुलाई 2019 तक और फिर 31 अगस्त तक चला। श्रम विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव श्रम अशोक शाह के निर्देश पर कार्डधारियों का सत्यापन कराया गयाथा। जनवरी 2020 तक के आंकड़े बताते हैं कि योजना में जिन हितग्राहियों को जोड़ा गया उनमें से 68,22,479 हितग्राही अपात्र थे। वर्तमान में आंकड़ा करीब 75 लाख तक बताया जा रहा है।
पोर्टल पर नाम जुड़ना शुरू
उधर मुख्यमंत्री के निर्देश पर संबल पोर्टल पर नाम जुडऩा शुरू हो गया है। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा का कहना है कि विभाग ने संबल पोर्टल खोल दिया है। अब इसमें हितग्राही चाही गई जानकारी के साथ अपना नाम दर्ज करा सकता है। योजना में शामिल होने की शर्तें यथावत रहेंगी। वहीं श्रम विभाग के उप सचिव संजय जैन का कहना है कि संबल योजना में करीब 2.17 करोड़ हितग्राही थे। सत्यापन कराने के बाद करीब 75 लाख हितग्राही कम हो गए हैं। वर्तमान में 1.42 करोड़ हितग्राही हैं।
संबल योजना दो हो चुकी है शुरू
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 16 मई  को संबल योजना 2.0 के तहत मंत्रालय से मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) योजना का शुभारंभ कर 27,018 प्रकरणों में 573.39 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों के खाते में अंतरित की जा चुकी है। उस समय  सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि आज 27 हजार से ज्यादा भाई बहनों के खाते में हमने लगभग 600 करोड़ रुपए डाले हैं। संबल के माध्यम से गरीबों को लाभान्वित करने का यह क्रम लगातार जारी रहेगा। प्रमुख सचिव श्रम सचिन सिन्हा ने बताया कि प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवार के लिए संबल योजना में सहायता राशि देने का प्रावधान है। अनुग्रह सहायता योजना में दुर्घटना मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए एवं सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार स्थायी अपंगता पर 2 लाख रुपए एवं आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख तथा अंतिम संस्कार सहायता के रूप में 5 हजार रुपए प्रदान किये जाते हैं।
अपात्र भी कर सकेंगे आवेदन
बता दें कि संबल योजना से और अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने योजना को नया स्वरूप देते हुए संबल 2.0 योजना शुरू की जा रही है। योजना में प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक श्रमिकों को भी असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में सम्मिलित किया जायेगा। संबल 2.0 में आवेदन लोकसेवा केन्द्रों से किये जाने और आवेदन की जानकारी श्रमिक के मोबाइल पर  देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना में वे श्रमिक भी नये सिरे से आवेदन कर सकेंगे, जो पहले अपात्र घोषित किये गये थे।
संबल पर सियासी दांव-पेंच शुरू
पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के आते ही प्रदेश में संबल योजना पर सियासी दांव-पेंच शुरू हो गए हैं। सीएम ने घोषणा की है कि अपात्र मानकर जिन हितग्राहियों के नाम काटे गए हैं उन्हें फिर योजना से जोड़ा जाएगा। वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा है कि संबल नया सवेरा योजना फिर से शुरू की जाए। गौरतलब है कि संबल योजना से उपभोक्ताओं को कम आय वाले परिवारों को मदद की जाती है। संबल योजना के तहत राज्य की कोई गरीब महिला किसी शिशु को जन्म देती है तो उसे जन्म देने से पहले 4 हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए उनके खाते में भेजे जाते हैं। इसके अलावा सरल बिजली बिल, प्रसव पूर्व जांच प्रोत्साहन, प्रसव उपरांत सहायता, महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, आयुष्मान भारत, स्कूल शिक्षा प्रोत्साहन, समाधान बिजली बिल, अंत्येष्टि सहायता योजना, अनुग्रह सहायता सामान्य मृत्यु, दुर्घटना मृत्यु, आंशिक स्थाई अपंगता, स्थाई अपंगता आदि का लाभ मिलता है।

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