सत्ता व संगठन में… बड़े फेरबदल के संकेत

सत्ता व संगठन
  • शिव कैबिनेट के विस्तार, और सह संगठनमंत्री के नामों पर चर्चा

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। बीती देर रात अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भाजपा दफ्तर पहुंचकर पार्टी के तीन प्रमुख नेताओं से की गई  लंबी मंत्रणा से प्रदेश की सत्ता व संगठन में बड़े फेरबदल होने के संकेत मिलने लगे हैं। इस पूरी कवायद को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल बीती रात करीब साढ़े नौ बजे बगैर पूर्व किसी कार्यक्रम के अचनाक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा कार्यालय पहुंच गए। वहां पर उनकी भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बैठक चली। यह बैठक रात 11 बजे तक चली । बैठक में महाकोशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत में सह संगठन मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान संभावित नामों पर भी चर्चा की गई है। दरअसल इन तीनों ही पदों पर संघ के प्रचारकों की तैनाती की जाती है। भाजपा में संगठन महामंत्री और सह संगठन मंत्री के पदों पर संघ द्वारा ही भेजे गए प्रचारकों की नियुक्ति की जाती है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सह संगठन मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के नाम पर भी विचार किया गया। संघ की अगले माह प्रतिनिधि सभा की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में ही संघ के पदाधिकारियों के दायित्वों में बदलाव किया जाता है। माना जा रहा है कि इसी बैठक में प्रदेश भाजपा संगठन के लिए तीन नाम तय कर दिए जाएंगे। दरअसल बीते साल ही भाजपा प्रदेश संगठन ने पहले से चली आ रही संभागीय संगठन मंत्री की व्यवस्था के सभी पद समाप्त कर दिए थे, जिसके बाद इन पदों पर काम कर रहे लोगों को निगम मंडलों की कमान देकर उन्हें सत्ता में भागीदारी प्रदान की जा चुकी है। इसके बाद तय किया गया था कि प्रदेश को तीन अलग-अलग प्रांतों में बांटकर उनकी जिम्मेदारी तीन सह संगठन मंत्रियों को प्रदान कर दी जाए। इन पदों पर नियुक्तियों के लिए तभी से इंतजार किया जा रहा है।
 उधर, इसके पहले वगैर पूर्व किसी कार्यक्रम के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिलने राजभवन भी पहुंच गए थे। वहां पर उनके बीच क्या बात हुई यह तो खुलासा नही हुआ है , लेकिन इसे संभावित मंत्रिमडंल से जोड़कर ही देखा जा रहा है। दरअसल अभी शिव कैबिनेट में मंत्रियों के चार पद रिक्त चल रहे हैं। इन चार पदों  के लिए कई वरिष्ठ भाजपा विधायकों की दावेदारी बनी हुई है। इनमें कुछ चेहरे तो ऐसे हैं जो पहले भी लगातार मंत्री रह चुके हैं , लेकिन श्रीमंत समर्थकों की वजह से उन्हें इस बार मौका नहीं मिल सका है। माना जा रहा है कि विस्तार में दो से लेकर तीन मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इसके लिए जिन नामों की चर्चा बनी हुई हैं उनमें  मुख्य तौर पर विंध्य क्षेत्र के राजेंद्र शुक्ला, केदार शुक्ला तो वहीं महाकौशल से अजय विश्नोई, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल, मध्य क्षेत्र से रामपाल सिंह और निमाड़ मालवा से रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। यह बात अलग है कि जिस तरह से भाजपा सरकार और उसके संगठन का प्रदेश में इन दिनों अनुसूचित जाति व जनजाति पर फोकस बना हुआ है, उससे यह भी अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि इस बार इन दोनों वर्ग के नेताओं को ही शपथ दिलाने में प्राथमिकता मिलनी तय है।
लगातार की जा रही है कामकाज की समीक्षा
दरदअसल जिस तरह से प्रदेश में बीते कुछ माह में लगातार मंत्रिमंडल के सदस्यों की बैठकें संगठन के अलावा मुख्यमंत्री द्वारा ली गई हैं, उससे भी मंत्रिमंडल विस्तार को बल मिला है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अपने सभी मंत्रियों के साथ पचमढ़ी में बैठक की है। दो दिन तक चली इस बैठक को नाम भले ही चिंतन शिविर का नाम दिया था और विभागीय कामकाज के लिए योजनाओं पर मंथन करने का दावा किया गया था ,लेकिन वास्तव में इस बैठक में कामकाज की समीक्षा भी की गई। इसके पूर्व राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश प्रदेश भाजपा कार्यालय में मंत्रियों के साथ अलग से बैठक कर चुके हैं। उनके पहले  राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने सभी मंत्रियों के साथ बैठक की थी और उन्हें पार्टी की अपेक्षाओं के बारे में बताया था। यही नहीं जनवरी में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 3 से लेकर 10 जनवरी तक विभागों की समीक्षा की गई थी।
कुछ के बदल जाएंगे विभाग
माना जा रहा है कि लगातार की कई विभागों के काम काज की समीक्षा में कई विभागों के कामकाज से संगठन व सरकार खुश नही है। इसकी वजह से संबधित विभागों के मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल होना तय माना जा रहा है। कुछ मंत्री तो ऐसे हैं , जो अब तक अपने विभागों में पकड़ ही नहीं बना पाए हैं। इसकी वजह से सरकार की जनहितैषी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। माना जा रहा है कि ऐसे मंत्रियों से महत्वपूर्ण विभाग लेकर उनका कद कम किया जाएगा। उनके विभाग अन्य मंत्रियों को दिए जाएंगे।

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