- अब विपक्ष ने भी खोला मोर्चा, लगाए जा रहे गंभीर आरोप

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
अभी तक पार्टी में ही अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदी रहे भूपेन्द्र सिंह के निशाने पर रहे श्रीमंत समर्थक एक मंत्री इन दिनों संकट में हैं। इसकी वजह है अब उनके खिलाफ कांग्रेस द्वारा पूरी तरह से आक्रमक मोर्चा खोल दिया जाना। विपक्ष लगातार उन पर हमलावर बना हुआ है और उन पर गंभीर आरोपों की बौछार कर रहा है। दरअसल परिवहन विभाग के करोड़पति पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में श्रीमंत समर्थक गोविंद सिंह राजपूत निशाने पर बने हुए हैं। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने खाद्य मंत्री राजपूत पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में राजपूत ने उनके बिजनेस पार्टनर्स के साथ मिलकर जमीनें खरीदी हैं। मंत्री के पास 1250 करोड़ रु. की अनुपातहीन संपत्ति है। राजपूत की जानकारी और उनके दफ्तर में पूरा लेन-देन होता था। हवाला कारोबारी लोकेश, संजय श्रीवास्तव और श्वेता श्रीवास्तव भी इसमें शामिल थे, जो क्लोन कंपनी चलाते थे। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इधर, भाजपा ने कहा कि कमलनाथ सरकार में इन्हीं नेता प्रतिपक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सिंघार का आरोप है कि राजपूत कथित तौर पर एक केंद्रीय मंत्री को भी पैसे भेजते थे। सरकार सौरभ की कॉल डिटेल सार्वजनिक नहीं कर रही है। क्योंकि इससे कई अफसर और नेता बेनकाब हो जाएंगे। सौरभ के घर से मिले दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए। आखिर उसने 40 दिन की फरारी कहां बिताई और किसने मदद की? श्यामला हिल्स के किस होटल में सौरभ को किसने रुकवाया?
भूपेंद्र के भी निशाने पर…
पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के निशाने पर भी गोङ्क्षवद ङ्क्षसह रह चुके हैं। इस मामलें में संगठन को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। हालांकि अभी भी दोनों नेताओं के बीच अदावद जारी है। भपेन्द्र ने इस मामले में कई गंभीर आरोप लगाए थे।
भाजपा ने किया पलटवार
उमंग सिंघार के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया। अग्रवाल ने कहा कि ये वही उमंग सिंघार है, जिन पर 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही मंत्रालय में खरीद-फरोख्त, ट्रांसफर, पोस्टिंग जैसे कई मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भाजपा ने कहा कि झारखंड के प्रभारी सचिव रहते टिकट बेचने के आरोप भी लगे थे। कांग्रेस नेताओं ने ही ये आरोप लगाए। सिंघार के ऊपर अलग-अलग महिलाओं ने समय-समय पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं। एक महिला ने तो उनके स्वयं निज निवास में आत्महत्या की थी। कांग्रेस ने जो दस्तावेज दिया है उसमें एक जो नाम आ रहा है वह स्वयं कांग्रेस के एक नेता का है। कांग्रेस बताए कि जो कमलेश बघेल हैं उनका कांग्रेस से क्या नाता है, वह किस गुट से आते हैं।
ये हैं बड़े आरोप
- 134 करोड़ की संपत्ति शपथ पत्र में छिपाई
- उन्होंने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी।
2023 में 134 करोड़ की संपत्ति को शपथ पत्र में छिपाया था। ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में जमीनों की हेराफेरी की गई है।
- मंत्री राजपूत जिस ज्ञान वीर समिति के नाम पर जमीनें दान करा रहे, इसके लिए बाकायदा एक समिति बनाई गई। जिसमें मंत्री ने पत्नी और बेटे को रखा गया। जो जमीनें समिति को दान कराई, वे गोविंद सिंह के रिश्तेदारों की है।
- मंत्री के साथ दशरथ पटेल व अलीम खान रिटायर होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने भी गोविंद सिंह का साथ दिया। इस भ्रष्टाचार से हर साल करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी।
- सौरभ की डायरी और कागजात में लिखे ‘टीसी’ का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और और ‘टीएम’ का मतलब ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर है।
- परिवहन आरक्षक गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे का नाम लिया। कहा चेक पोस्ट का ठेका लेते थे, लेकिन इनको अब तक किसी भी जांच एजेंसी ने दायरे में नहीं लिया।सिंघार ने सौरभ के सहयोगी डबरा के अजय रावत को भी जांच के घेरे में लेने की मांग की।