- कलेक्टर के आदेश के बाद शुरू हुई कार्रवाई
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में बीते तीन सालों में एक के बाद एक राशन घोटाले सामने आ चुके हैं, इसके बाद भी इस तरह के घोटालों पर सरकार रोक लगाने में असफल साबित हो रही है। ऐसा ही एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें भोपाल के दुकानदारों ने प्रदेश भर के एड्स पीडि़तों के कोटे का राशन ही हजम कर लिया है। इस खुलासे के बाद से हडक़ंप की स्थिति है। मामले में अब कलेक्टर भोपाल ने मामले की जांच के निर्देश देते हुए गड़बड़ी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर भी करवाने को कहा है।
दरअसल भोपाल के सरकारी राशन विक्रेताओं ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए पहले उनके राशन कार्डों की ऑनलाइन आईडी बंद करवाई और फिर उनके हिस्से का राशन निकालकर खा गए। इस घोटाले में सिर्फ भोपाल के ही मरीज नहीं बल्कि प्रदेश भर के मरीजों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की गई है। इसमें भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर, सतना, रतलाम, रायसेन, झाबुआ, खंडवा तक के एड्स पीड्ति शामिल हैं। मामले की जांच शुरु हुई तो शुरुआत में खुलासा हुआ है कि इस तरह की धोखाधड़ी को भोपाल की ही 8 दुकानों से अंजाम दिया गया है। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, तो इस मामले में लिप्त हुई दुकानों की संख्या भी बढ़ सकती है। दरअसल इस तरह की धोखाधड़ी राशन कार्ड की आईडी के ऑफलाइन मोड पर जाने से हो सकी है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि इस मामले में आईटी विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। सवाल यह बना हुआ है कि अचानक प्रदेश भर में ये एक ही तरह की आईडी ऑफलाइन कैसे हो गई? घोटाले के सामने आने के बाद राशन पोर्टल से भोपाल की एड्स पीडि़तों की आईडी ब्लॉक कर दी गई है। हद तो यह है कि इसके बाद भी बीते माह ही इस श्रेणी के 1231 लोगों का राशन वितरण दिखा दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस तरह से करीब बीते दो साल से धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा था।
अब तक 16 के खिलाफ दर्ज हुई आठ एफआईआर
इस मामले के खुलासे के बाद कलेक्टर के निर्देश के बाद 16 लोगों के खिलाफ आठ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। इनमें हबीबगंज थाना में जनता नगर के राशन दुकानदार नसरीन जहां, नेहा खान, शफीकउद्दीन और पांच नंबर स्टॉप दुकानदार शाहिदा बानो और शेख फरहान , अशोका गार्डन क्षेत्र की बाबा चौरान स्थित राशन दुकान की सुमीरा, राजेश शर्मा और शफीक अली, आनंद नगर में राशन दुकानदार महारिषी, संजय सोनी पर प्रकरण दर्ज किया गया है। खजूरी कलां में राशन दुकानदार तारिख खान और रामबाबू पर गोविंदपुरा में राशन दुकानदार विनोद गुप्ता और उसके साथी पर जबकि – कोतवाली में बुधवारा रोड की राशन दुकानदार आमिर व जिबरान के नाम शामिल हैं।
इस तरह से दिया गया अंजाम
कोरोना के समय में प्रदेश भर में एड्स पीडि़तों के राशन काड्र्स बने थे। ऐस उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए कुछ दुकानदारों को अधिकृत किया गया था। यह वे दुकानदार थे, जो इन उपभोक्ताओं के आसपास दुकानों का संचालन करते हैं। वहां के दुकानदार को ही अपना अंगूठा लगाकर इन्हें राशन वितरित करना था। लेकिन उनमें से कर्ई लोग राशन लेने ही नहीं आए। इसी बीच उनकी आईडी ऑफलाइन भी हो गईं। इसका फायदा उन दुकानदारों ने उठाया, जो इसके लिए अधिकृत नहीं थे। उन्होंने हेराफेरी कर इस राशन को अपने यहां से निकाल कर हजम कर लिया।