
- सत्ता और संगठन को समझना चाहिए कि अकेले विजय शाह ही क्यों लजवाते हैं
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार के मंत्री विजय शाह की वजह से बार-बार सरकार के सामने अजीब स्थिति बन जाती है। दरअसल यह मंत्री जी कब क्या कर बैठें कोई नहीं जानता है। वे भाजपा के ऐसे नेता हैं, जो लगातार अपनी वजह से खुद के साथ ही सरकार को भी लजवाते रहते हैं। वैसे तो वे मकड़ाई रियासत से आते हैं, लेकिन अब उन्हें मकड़ाई की जगह शिव के विवादों का राजा कहा जाने लगा है। खास बात यह है कि यह नेता जी प्रदेश में बीते डेढ़ दशक से मंत्री हैं और हर बार कोई न कोई ऐसा काम कर देते हैं कि सरकार को सफाई देना तक मुश्किल बन जाता है। ऐसा ही उनसे जुड़ा ताजा मामला शुक्रवार को सामने आया है। जब शाह ट्रेन से सतना पहुंचे, लेकिन जिस डिब्बे में वे यात्रा कर रहे थे, उसकी वजह वे कई डिब्बों को छोड़कर एसी थर्ड के डिब्बे से पेंट शर्ट पहनकर चुपचाप उतर गए। इस बीच मंत्री जी की तलाश में नेता, कार्यकर्ता और प्रशासन का अमला उनकी तलाश में हलाकान बना रहा। दरअसल मंत्री जी प्रभार मिलने के बाद पहली बार सतना पहुंचे थे। यह सभी लोग मंत्री जी की तलाश में ट्रेन के डिब्बों में दौड़ते भागते रहे और वे अपने सुरक्षाकर्मी के साथ सर्किट हाउस पहुंच गए।
अपनी गलती का उतारा अफसरों पर गुस्सा
शाह खुद दूसरे डिब्बे से पेंट शर्ट में उतरकर सर्किट हाउस पहुंच गए। इसके बाद वे अफसरों पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने पर भड़क गए। गुस्से में उनके द्वारा यहां तक कह दिया गया कि यहां के अफसर मानसिक रुप से बीमार हैं। मंत्री ने कहा कि कल अस्पताल आकर मिलें, वहीं ठीक करूंगा। यही नहीं उनके द्वारा यहां तक कह दिया गया कि कई अधिकारी कलेक्टर-एसपी बनने के लिए पैसा लेकर मेरे आगे खड़े रहते हैं। उनका कहना है कि सतना में सभी पूर्व नेता प्रतिपक्ष राहुल भैया के आदमी हैं।
इस वजह से हुई गफलत
लोग उनके कुर्ता पायजामा में होने की उम्मीद कर रहे थे, जबकि वे पेंट-शर्ट पहने हुए थे। उन्होंने इस दौरान मेहरून रंग की स्टाइलिश शर्ट और मेहंदी रंग के पेंट और ब्राउन जूते पहने हुए थे। इस वजह से उन्हें नेता व अफसर पहचान नहीं सके। ट्रेन के आते ही नेता और अफसर एसी फर्स्ट में उनकी तलाश कर रहे थे, जबकि वे एसी थर्ड के डिब्बे से उतरे। एसी थर्ड से उतकर वे कुछ देर रुके कि अफसर और नेता लेने आएंगे। इस बीच उन्हें लगा कि कोई भी उन्हें लेने नहीं आया है जिसकी वजह से वे अकेले ही सर्किट हाउस पहुंच गए।
पहले भी इस तरह के विवाद कर चुके हैंं खड़े
विवाद एक- पूर्व की सरकार में जब वे शिक्षा मंत्री थे, तब शिक्षकों के सम्मान समारोह के दौरान प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में विजय शाह की जुबां ऐसी फिसली कि विवाद खड़ा हो गया। उस समय उनके द्वारा अपने भाषण में कहा गया था कि अगर गुरूओं के सम्मान में आपने तालियां नहीं बजाई तो अगले जन्म में घर-घर जाकर तालियां बजानी पड़ेंगी। इस पर विवाद खड़ा होने पर उन्हें सफाई तक देनी पड़ी थी।
विवाद दो- शाह के वन मंत्री रहते जब बालाघाट में विद्या बालन की फिल्म शेरनी की शूटिंग चल रही थी। इसी दौरान बालाघाट दौरे पर गए शाह विद्या बालन के साथ डिनर करना चाहते थे और जब विद्या बालन ने विनम्रता पूर्वक मना कर दिया तो डीएफओ ने शूटिंग के लिए वन क्षेत्र में जा रहे वाहनों को रोका जिसके कारण 1 दिन तक शूटिंग बाधित रही। मंत्रालय से दखल दिए जाने के बाद डीएफओ ने वाहनों को जंगल में जाने दिया जबकि यूनिट के पास इसकी अनुमति थी। इस मामले ने भी उस समय बेहद अधिक तूल पकड़ लिया था। इसके बाद शाह को सार्वजनिक रुप से सफाई देनी पड़ी थी।
विवाद तीन- तत्कालीन वन मंत्री रहते ही विजय शाह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक युवक को मंच पर बुलाकर सभी के सामने अपने बाल और दाढ़ी कटवायी। इसके बाद उनके द्वारा उसकी अपना काम शुरू करने के लिए 60 हजार रुपए की मदद भी की गई। यह मामला उनके विधानसभा क्षेत्र हरसूद के गुलाई माल इलाके का है।
विवाद चार- शाह इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर एक टिप्पणी को लेकर विवादों में भी आ चुके हैं। विवाद के बाद विजय शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। साल 2013 में विजय शाह मध्य प्रदेश के आदिवासी मामलों के मंत्री थे। इस दौरान एक सभा में शाह ने कहा था कि ‘भाभी जी चलो, भाई साहब के साथ तो रोज जाते हो, कभी देवरों के साथ चलो, मैंने भाभी की तरफ देखा कि वे क्या बोलती? शाह के इस बयान से सीएम शिवराज सिंह चौहान नाराज हो गए थे। जिसके बाद शाह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।