धन उगाही करने वाले नर्सिंग होम्स पर शिव की वक्र दृष्टि

नर्सिंग होम्स

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के बाद अब शिव सरकार की इलाज के नाम पर लूट खसोट करने वाले लोगों पर वक्र दृष्टि पड़ गई है। इनमें वे नर्सिंग होम संचालक निशाने पर हैं जिनके द्वारा संकट को अवसर मानकर आमजन की इलाज के नाम पर मरीजों की जेबें काटी जा रही हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे अस्पताल प्रंबधकों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। निदेर्शों में साफ कह दिया गया है कि अगर इलाज के नाम पर लूट की जाए तो ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल बगैर देर किए एफआईआर दर्ज की जाए। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री ने नर्सिंग होम्स के इस रवैए पर चिंता जताते हुए अफसरों को सख्त कार्रवाई करने को कहा है। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के समय निजी अस्पतालों में मरीजों की इलाज के नाम पर जमकर जेब काटी गई। इनमें आला अफसरों से लेकर नेताओं तक को भी नहीं छोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश स्वास्थ सेवाओं को लेकर बनाए गए ग्रुप आॅफ मिनिस्टर की बैठक में दिए हैं। उन्होंने प्राइवेट नर्सिंग होम्स में इलाज के नाम पर हो रही लूट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसे नर्सिंग होम जिन्होंने अपने अस्पतालों को धंधा बना लिया है उनके संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। सीएम ने अफसरों से कहा-स्वास्थ्य का क्षेत्र मानव सेवा का क्षेत्र है।  प्रदेश में हर जरूरतमंद को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
समय के अंदर काम पूरा करने के निर्देश
आत्म निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप को लेकर बने ग्रुप आॅफ मिनिस्टर की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ावा देने के लिए व्यापक पैमाने पर काम हुए हैं। सरकारी अस्पतालों को सख्त निर्देश हैं कि वो दवा और आॅक्सीजन उपलब्ध रखें। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्य को समय-सीमा में पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा स्वास्थ्य विभाग की हर योजना आम आदमी के फायदे के लिए चलाई जाती है। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि इन योजनाओं का लाभ हर आदमी को मिले। इस दौरान बताया गया कि प्रदेश में अभी तक कुल 2 करोड़ 53 लाख आयुष्मान कार्ड का वेरिफिकेशन किया जा चुका है।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स का अपग्रेडेशन
प्रदेश में 5091 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में अपग्रेडेशन किया जा रहा है। इसमें 71 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 2850 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स नियुक्त करने के चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा 1134 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स में बदला जा चुका है। इसमें निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।  इन सेंटर्स पर 128 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं। बैठक में बताया गया कि आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्र बनाए गए हैं।  362 केन्द्रों में योग शिक्षक योगाभ्यास करवाया जा रहा है। भोपाल और इंदौर में आयुष सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाए जा रहे हैं जिनका लगभग आधा काम पूरा हो चुका है।
कई मरीजों को लौटानी पड़ी थी राशि
प्रदेश में मरीजों व उनके परिजनों से इलाज के नाम पर जमकर वसूली करने की शिकायतें समय -समय पर सामने आती रहती है। कोरोना काल की दूसरी लहर के समय तो इस मामले में हद ही हो गई थी। उस समय तो लगातार इस तरह की शिकायतें आना आम बात हो गई थी। इसके बाद सरकार हरकत में आयी और उसकी जांच के लिए समिति तक बनानी पड़ गई थी। इसके बाद कई मरीजों को अस्पतालों से वूसली जा चुकी राशि मिल सकी थी।  

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