शिव ने अपने गणों के साथ कोई कसर नहीं छोड़ी, पूरे मनोयोग से जुटे

शिव सरकार

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। दमोह उपचुनाव से फ्री होते ही बीते दो माह से कोरोना संक्रमण से निपटने में पूरे मनोयोग से अपने गणों के साथ लगे शिव की मेहनत तेजी से रंग ला रही है। यही वजह है कि अब कोरोना के मामले में मप्र उन शीर्ष प्रदेशों में आ गया है, जहां पर तेजी से मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है , बल्कि उनकी सेहत में भी सुधार हो रहा है। खास बात यह है कि तेजी से सुधार के बाद भी आगे संक्रमण जैसी कोई स्थिति न बने इसके लिए भी सरकार पूरी तरह से सक्रियता दिखा रही है। भविष्य की चिंता बीते रोज कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों में साफ दिखती है। इस बैठक में अधिकांश निर्णय स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ही किए गए हैं। इनमें रिक्त चिकित्सकों के पद भरने से लेकर वैक्सीन खरीदने तक के प्रस्ताव शामिल हैं। इसी तरह से कोरोना से निपटने के लिए अलग- अलग समितियों का भी देर रात गठन कर दिया गया है। इन सभी समितियों को अलग-अलग दायित्व सौंपे गए हैं। दरअसल इस पूरी तैयारी के पीछे सरकार की मंशा वर्तमान के साथ तीसरी लहर को अप्रभावी बनाना भी है।
शिव सरकार ने अब तय कर लिया है कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले प्रदेश में तेजी से वैक्सीनेशन ड्राइव चलाकर अधिकांश लोगों का वैक्सीनेशन कर लिया जाए, जिससे कि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। इसकी वजह से ही सरकार ने एक करोड़ वैक्सीन के डोज खरीदने का फैसला किया है। इसमें कोेवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा विदेशी वैक्सीन भी होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है, जिसमें 18 साल से अधिक उम्र के करीब साढ़े नौ लाख से अधिक युवा शामिल हैं।
इसी तरह से मुख्यमंत्री की सहृदयता ही है कि अब कोविड से हुई मौत के मामले में दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में आयु बंधन समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही  एक जून से अनलॉक के चरण शुरू करने से पहले ही सरकार ने दोबारा संक्रमण को रोकने के साथ प्रमुख मसलों के लिए कैबिनेट कमेटियों का गठन कर दिया है। ये कमेटियां अनलॉक खुलने से पहले वैक्सीनेशन ड्राइव, दूसरे राज्यों से संक्रमण रोकने, अस्पतालों में व्यवस्थाओं के साथ तीसरी लहर को देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट और लोगों को जागरुक करने की रणनीति पर काम करेंगी। खास बात यह है कि इन कमेटियों को तत्काल काम शुरू करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए हैं।
सारंग व सुलेमान को 3-3 कमेटियों में जगह
खास बात यह है कि सरकार द्वारा बनाई गई आधा दर्जन विभिन्न कमेटियों में से सर्वाधिक तीन-तीन कमेटियों में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान को जगह मिली है। इनके अलावा नरोत्तम मिश्रा , अरविंद भदौरिया, प्रभुराम चौधरी, इंदर सिंह परमार और ऊषा ठाकुर को दो -दो कमेटियों में जगह दी गई है। सरकार द्वारा जिन आधा दर्जन कमेटियों का गठन किया गया है उनमें कोरोना कर्फ्यू चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना, वैक्सीनेशन, अस्पतालों का प्रबंधन, ऑक्सीजन प्लांट के अलावा कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने वाली समितियां शामिल हैं।
शिव लगातार रख रहे हैं नजर
खास बात यह है कि कोरोना के मामले में मुख्यमंत्री खुद लगातार न केवल नजर रख रहे हैं, बल्कि ऐसे फैसले भी ले रहे हैं, जिनसे लोगों में जागरूकता के साथ ही इस काम में लगे कोरोना वॉरियर्स में एक नया उत्साह पैदा हो रहा है। इसके अलावा सीएम खुद मैदानी दौरा कर वास्तविकता की जानकारी ले रहे हैं। उन्हें जहां भी कोई कमी नजर आती है उसे तत्काल दूर भी कराया जा रहा है। इसी तरह से वे प्रदेश की ताजा स्थिति की जानकारी भी हर दिन आला अधिकारियों के साथ बैठक कर लेते हैं।
यह हुआ सुधार
मुख्यमंत्री और उनके गणों द्वारा की जा रही मेहनत का ही परिणाम है कि अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट आ रही है। इसके चलते अब प्रदेश में 15 जिले ऐसे हैं जहां पर 10 से कम नए मरीजों की संख्या सामने आ रही है। माना जा रहा है कि अगले दो तीन दिनों में इस तरह के जिलों की संख्या इससे दोगुनी हो सकती है। यह वे जिले हैं जिनमें बीते माह हर दिन करीब तीन सौ के लगभग मरीज मिल रहे थे। हालांकि यह वे जिले हैं, जिनमें कोई भी बड़ा व्यवसायिक शहर नहीं है।

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