शिव को जल्द ही केन्द्र में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

 शिवराज सिंह चौहान
  • तोमर की जगह बनाया जा सकता है नया कृषि मंत्री

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जल्द पुनर्वास की तैयारी पार्टी आलाकमान द्वारा शुरु कर दी गई है। माना जा रहा है कि उन्हें जल्द ही केन्द्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके संकेत स्वयं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए हैं। माना जा रहा है कि उन्हें केन्द्र में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। दरअसल हाल में विधानसभा चुनाव लडक़र विधायक बने नरेन्द्र सिंह तोमर को पार्टी ने नया विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। इसकी वजह से वे हाल ही में सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि चौहान को मोदी मंत्रिमंडल में तोमर की जगह कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। दरअसल सीएम रहते चौहान ने कृषि क्षेत्र में कई तरह के नवाचार किए  हैं, जिनकी सराहना केन्द्र सरकार स्तर पर कई बार हो चुकी है। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल का पुर्नगठन किया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश के एक और नेता विष्णु दत्त शर्मा को भी केन्द्र में मंत्री बनाए जाने की संभावना है। विधानसभा चुनाव में शर्मा के कुशल प्रबंधन से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुश बताया जा रहा है। दरअसल मोदी कैबिनेट के जिन मंत्रियों को चुनाव लड़ाया गया था, उनमें से प्रदेश से संबंधित नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल पहले ही त्याग- पत्र दे चुके हैं। फिलहाल इन दोनों नेताओं के विभाग दूसरे मंत्रियों को दिए जा चुके हैं।
शिवराज को नई जिम्मेदारी जल्द देंगे: नड्डा
 प्रदेश के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बनाने वाले शिवराज सिंह चौहान की केन्द्र में भूमिका लगभग तय कर ली गई है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि तीन राज्यों में शिवराज और वसुंधरा राजे जैसे 15-16 साल पुराने वरिष्ठ व जनाधार वाले नेता हैं, उन्हें घर नहीं बिठाया जा सकता है। यह सभी साधारण कार्यकर्ता से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्हें अच्छा ही काम दिया जाएगा। नड्डा ने एक इंटरव्यू में मप्र में मुख्यमंत्री के चयन के फॉर्मूले पर कहा- मुख्यमंत्री ही नहीं, मंत्री, सांसद, विधायक के चयन में भाजपा गहन रिसर्च करती है। बारीकी से हर पहलू, गतिविधि, इतिहास व जवाबदेही को देखा जाता है। सबका बहुत बड़ा डाटा बैंक भाजपा के पास है। उसी के आधार पर फैसले लेते हैं। मुख्यमंत्री के मामले में कंपोजीशन भी देखा गया। मंत्रियों को बनाना है तो देखना होगा कि किसका परफॉर्मेंस कैसा है। रिपीट कितने होंगे। उन्होंने कहा, किसी भी कार्यकर्ता को काम देना है तो इसके बारे में उसे नहीं सोचना है। यह काम पार्टी का है। कांग्रेस की तरह वंशवाद नहीं हैं। कार्यकर्ता में यह भाव है कि वह भी शिखर तक पहुंच सकता है।
बीते साल ही केन्द्र में ले जाने की थी तैयारी
भाजपा सूत्रों की माने तो साढ़े अठारह वर्ष तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान को पार्टी बीते साल ही केन्द्र में ले जाना चाहती थी , लेकिन इसी दौरान जिस तरह से कर्नाटक विस चुनाव के परिणाम आए, उसकी वजह से पार्टी आलाकमान को अपना फैसला रोकना पड़ गया था। पार्टी नेताओं का कहना है कि कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को हटाए जाने के कारण भाजपा को पराजय मिली, यदि वह ही मुख्यमंत्री बने रहते तो परिणाम कुछ और होते। इसी वजह से भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद चौहान की कुर्सी पर डा. मोहन यादव को बिठाया है। अब पार्टी चौहान को केन्द्र में ले जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसकी दो वजहें बताई जा रही हैं। इनमें एक वजह है केंद्र में बेहतर प्रदर्शन वाले मंत्रियों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में बड़े मंत्रालयों को अतिरिक्त प्रभार में रखने से मोदी सरकार के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी वजह, प्रदेश का नया नेतृत्व बिना किसी नैतिक दबाव के काम कर पाएगा।
शर्मा भी बन सकते हैं मंत्री
 खजुराहो के सांसद और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा द्वारा विधानसभा चुनाव में जिस कुशलता से केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्णय को अमली झामा पहनाया गया है, पार्टी का केन्द्रीय संगठन खुश है। यही वजह है कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से शर्मा की जमकर  पीठ थपथपाई। यही वजह है कि शर्मा को भी मोदी कैबिनेट में स्थान मिलने की चर्चा जोरों पर बनी हुई है।

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