शिव समर्थकों की धूम, श्रीमंत का भी रखा मान

शिव-श्रीमंत
  • भाजपा की चौथी सूची …

भोपाल/चिन्मय दीक्षित/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा की पहली तीन सूचियों को देखकर लग रहा था, कि इस बार पूरी तरह से प्रत्याशियों के चयन का काम पार्टी हाईकमान ने अपने हाथ में ले रखा है, लेकिन जैसे ही पार्टी की चौथी सूची जारी हुई, यह मिथक टूट गया। इसकी वजह है चौथी सूची में जो 57 नाम शामिल हैं, उनमें से अधिकांश नाम वे हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद थे। फिर चाहे उनकी किचिन कैबिनेट के सदस्य हों या फिर उनके समर्थक, लगभग सभी नाम उनमें हैं। इसी तरह से पार्टी हाईकमान ने इस सूची मेंं श्रीमंत समर्थकों को भी निराश नहीं किया है। अब महज 93 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी घोषित होना है। माना जा रहा है कि अब अगली सूची नवरात्रि में आएगी। जिसमें करीब आधा सैकड़ा नाम शामिल हो सकते हैं।  कुल मिलाकर यह सूची पूरी तरह से समान्य ही रही है। माना जा रहा है कि पहली तीन सूचियों के जारी होने के बाद जिस तरह से पार्टी में अंसतोष और विरोध शुरु हुआ उसके बाद ही इस सूची को बहुत सोच समझकर जारी किया गया है। फिलहाल इस सूची को देखकर यह तो तय हो गया है कि पार्टी में उम्र और वंशवाद के क्राइटएरिया पर अमल से परहेज किया गया है। दरअसल जिस तरह से पूर्व में की सूचियों में नाम सामने आए थे और उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं आया था, तो कयासों का दौर शुरु हो गया था। इसका जवाब शिवराज ने जनता के बीच जाकर ही दिया। इसे सोचे- समझे भावनाओं से भरे सियासी कार्ड का असर ऐसा रहा कि चौथी सूची में शिवराज ही शिवराज नजर आ रहे हैं। इस सूची में वे नाम भी शामिल हो गए , जिनकी सर्वे रिपोर्ट बेहद खराब बताई जा रही थी। यही नहीं कुछ ऐसे चेहरे भी इसमें जगह बनाने में सफल रहे हैं, जिनके बारे में पहले से ही माना जा रहा है कि वे चुनाव इस बार हारने जा रहे हैं। इस सूची की खासियत यह है कि इसमें श्रीमंत का भी ख्याल रखा गया है। यही वजह है कि उनके कुछ समर्थकों को भी टिकट मिल गया है। गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश में जबलपुर के दौरे पर आए पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल एयरपोर्ट पर शिवराज-वीडी- सिंधिया के साथ बैठक की थी। बैठक में श्रीमंत ने हर हाल में अपने समर्थकों के लिए टिकट की मांग की थी।
मुश्किल सीटों की तस्वीर साफ
खास ये है कि भाजपा ने अपनी अब तक की चार सूची में बेहद मुश्किल सीटों को भी घोषित कर दिया और सुरक्षित सीटों की तस्वीर भी साफ कर दी। अब केवल उन सीटों को रोका गया है, जो न तो बेहद मुश्किल में आती हैं और सुरक्षित मानी जाती है। भाजपा हारी 103 सीटों में से 76 पर अब तक टिकट घोषित कर चुकी है, लेकिन चौथी सूची में ऐसी एक भी सीट को शामिल नहीं किया गया है। चौथी सूची में मौजूदा विधायक मंत्रियों की सीटों को ही रखा गया है।
मालवा-निमाड़ ने मारी बाजी
भाजपा की चौथी सूची में मालवा- निमाड़ में सबसे ज्यादा 15 टिकट दिए गए हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर मध्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र में 13 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इसके बाद विंध्य में 10, बुंदेलखंड में 8, महाकौशल में 7 और ग्वालियर-चंबल के 4 टिकट घोषित किए हैं। चारों सूची मिलाकर अब तक मालवा-निमाड़ में ही सबसे ज्यादा 37 टिकट घोषित हुए हैं। इसके बाद महाकोशल में 26, मध्य में 20, ग्वालियर-चंबल व विंध्य में 19-19 और बुंदेलखंड में 15 टिकट घोषित किए गए हैं।
कुछ मंत्रियों पर अब भी असमंजस
चौथी सूची जारी होने के बाद अब भी शिव सरकार के सात मंत्रियों के नामों को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है। इनमें शिव से लेकर श्रीमंत समर्थक तक शामिल हैं। जिना नामों को लेकर यह स्थिति बनी हुई है उनमें गौरीशंकर बिसेन, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, उषा ठाकुर, रामखिलावन पटेल, इंदर सिंह परमार, और बृजेन्द्र सिंह यादव के नाम शामिल हैं।
मेयर प्रत्याशी रहीं ज्योति ने पार्टी छोड़ी
कटनी जिले में भाजपा के भीतर विद्रोह थम नहीं रहा है। महापौर चुनाव में कटनी नगर निगम से भाजपा प्रत्याशी रहीं ज्योति विनय दीक्षित ने बीते रोज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला कटनी विस से विधायक को फिर प्रत्याशी बनाए जाने के चंद घंटों बाद लिया। ज्योति भाजपा महिला मोर्चा की जिला महामंत्री थीं। उन्होंने कहा, महापौर चुनाव में भाजपा के वोट निर्दलीय प्रत्याशी को गए थे। पार्टी के लोगों ने सहयोग नहीं किया था, उसके बाद भी पार्टी ने पुन: उनको टिकट दे दिया, जिसका हम विरोध करते हैं।

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