- गौरव चौहान
मप्र के 37 जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों और चार हजार 526 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में अब जल्द ही राजनैतिक नियुक्तियां करने की तैयारियां हैं। इसके लिए सत्ता व संगठन द्वारा नाम तय कर लिए गए हैं। दरअसल भाजपा की तैयारी को- ऑपरेटिव सेक्टर के माध्यम से ग्रामीणों को साधने की है। सरकार के इस कदम से जहां भाजपा नेताओं को सत्ता में भागीदारी मिल जाएगी, वहीं सरकार की सीधे जनता में पहुंच भी बन जाएगी। प्रदेश में इन बैंकों के चुनाव 2013 से नहीं हुए हैं। नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस वर्ष सहकारी संस्थाओं के चुनाव होने की संभावना भी नजर नहीं आती है। इसे देखते हुए सहकारी संस्थाओं से जुड़े नेताओं को प्रशासक बनाने की तैयारी सत्ता और संगठन के स्तर पर की जा रही है। इसके लिए जिन्हें प्रशासक बनाया जाना है, उनकी जानकारी बैंकों से बुलाई गई है। अपेक्स बैंक के प्रशासक विदिशा से सांसद रमाकांत भार्गव को बनाया जा सकता है। वे 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भी प्रशासक थे ,लेकिन कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग में शिकायत किए जाने पर उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। भार्गव दो बार राज्य सहकारी विपणन संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। केंद्र सरकार के नए नियम के अनुसार जब तक सभी ग्राम पंचायतों में प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति (पैक्स) का गठन नहीं होगा, तब तक प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हो सकते। प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव होने के बाद ही बैंकों के चुनाव हो सकते हैं। मध्य प्रदेश में लगभग 23000 ग्राम पंचायत हैं। अभी सहकारिता विभाग में केवल 4500 पेक्स हैं। प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के चुनाव पांच वर्ष में कराने का प्रविधान है ,लेकिन 2018 से सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हैं। समिति के माध्यम से ही बैंकों के संचालक चुने जाते हैं जो, अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। यह प्रक्रिया अब तक प्रारंभ नहीं हुई है। इसे देखते हुए बैंक और समिति स्तर पर प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। संशोधन अधिनियम के अनुसार सांसद, विधायक भी प्रशासक बनाए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय समीकरणों को देखते हुए सहकारिता से जुड़े नेताओं को प्रशासक बनाया जाएगा।
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बनेंगे रमाकांत भार्गव
प्रदेश के अपेक्स बैंक और 38 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी कर ली गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सबसे करीब विदिशा के सांसद रमाकांत भार्गव को अपेक्स बैंक का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। उन्हें नागरिक बैंकों के फेडरेशन से प्रतिनिधि बनाकर, अपेक्स बैंक का अध्यक्ष बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा उनके नाम पर एक राय बन चुकी है। इसके अलावा 38 जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष मे 17 जिला बैंकों के लिए अध्यक्ष पद के लिए नाम तय हो गए हैं। 21 जिलों के नाम पर चर्चा की जा रही हैं। नामों के चयन में संघ की पसंद का खास ख्याल रखा जा रहा है। प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समितियों के चुनाव 10 साल से और 8 वर्षों से अपेक्स बैंक और जिला बैंकों के चुनाव नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार के नए सर्कुलर के अनुसार अब सभी 23000 पंचायतों में, जब तक प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समितियों का गठन नहीं होगा। तब तक बैंकों के चुनाव भी संभव नहीं होंगे। इसका रास्ता सरकार ने तदर्थ समितियां और पदाधिकारी नियुक्त कर, सहकारिता की सभी संस्थाओं पर काबिज होने की तैयारी कर ली है। वर्तमान में जो 4500 प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समितियां हैं। इनमें भी कमेटी बनाकर पांच -पांच लोगों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
संघ और भाजपा के नेता होंगे पदस्थ…
मध्य प्रदेश की 23000 प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति, प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों तथा प्रदेश के अपेक्स बैंक में सुनियोजित रूप से तदर्थ तरीके से संघ और भाजपा का कब्जा होने जा रहा है। मध्य प्रदेश में अभी केवल 4500 प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति हैं। इनमें भी तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं। 23000 ग्राम पंचायतों में जब प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति का गठन हो जाएगा। उसके बाद ही सदस्यता अभियान चलाकर इन समितियों को अस्तित्व में लाया जाएगा। यह कब तक होगा, कहा नहीं जा सकता है। सहकारी समितियों और बैंकों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी काफी रुचि ले रहे हैं। उनके द्वारा बैंकों के लिए और प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समितियों के लिए नाम प्रस्तावित किए जा रहे हैं। ज्यादातर उन्हीं नामों पर मुहर लग रही है। जो संघ की तरफ से आ रहे हैं। सत्ता और भाजपा संगठन के महत्वपूर्ण पदाधिकारी केवल अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में ही अपने लोगों को नियुक्त करा पाने में सफल हो रहे हैं। ग्वालियर से जितेंद्र रावत को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का करीबी बताया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री के रूप में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों के माध्यम से, सहकारिता आंदोलन को एक बार फिर खड़ा करने की कोशिश की है। यही भाजपा की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत भी होगी। इसके पहले ग्राम पंचायत स्तर पर कभी भी सहकारिता की संस्थाएं अपनी पहुंच नहीं बना पाई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले सभी 23000 पंचायतों में प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी समिति बनाने का लक्ष्य, सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। विधानसभा के चुनाव में इसकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यही समितियां भाजपा को चुनाव में जीत दिलाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
जिला सहकारी बैंकों में नियुक्ति
जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष पद के लिए जो नाम तय किए गए हैं, उनमें भोपाल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के लिए गोपाल मीना के नाम पर सहमति बन रही है। मीना जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं और उस समय किसानों की भूमि नीलामी का मामला सामने आया था। तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उनकी भूमि वापस दिलाने की पहल की थी। इसी तरह अन्य जिला बैंकों के प्रशासक के लिए नामों पर विचार किया जा रहा है। उधर, समिति स्तर पर भी प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए जिलों से नाम मांगे गए हैं। बताया जा रहा है कि मई तक सभी संस्थाओं में नियुक्तियां हो जाएंगी। उनमें देवास से नंदकिशोर पाटीदार, शाजापुर से शिवनारायण पाटीदार, उज्जैन से किशन भटोल, रतलाम से केके सिंह, (महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के भाई हैं) खरगोन से, रंजीत रंडीर, इंदौर से उमा नारायण पटेल, खंडवा से राजपाल सिंह तोमर, भोपाल से गोपाल मीणा, होशंगाबाद से संतोष पारीख, ग्वालियर से जितेंद्र रावत, मुरैना से महेश मिश्रा, भिंड से अशोक बघेल, मंदसौर से अनिल कियावत, रीवा से राम सिंह, टीकमगढ़ से गणेशी नायक, दमोह से राजेंद्र गुरु, विदिशा से श्याम सुंदर शर्मा का नाम फाइनल हो गया है। बचे हुए 21 नामों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। जल्द ही सहमति बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।