-चौथी पारी में माफिया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री सख्त
-20 माह में माफिया से मुक्त कराई 3560 एकड़ जमीन
भोपाल/प्रणव बजाज /बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर चौथी पारी में एक सख्त प्रशासक की तरह बने हुए हैं। जहां वे जनता के लिए नरम दिल हैं, वहीं माफिया, अतिक्रमणकारियों और अपराधियों के लिए कठोर बने हुए हैं। इसका परिणाम है कि पिछले 20 माह से माफिया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री के इस सख्त अंदाज को देखते हुए उन्हें बुलडोजर चीफ मिनिस्टर कहा जाने लगा है। प्रदेश में अभी तक माफिया से अरबों रूपए की 3560 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है। अब इन जमीनों पर स्कूल और पार्क बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में सरकारी जमीनों पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण किया गया है। चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने राजस्व विभाग से अतिक्रमण की रिपोर्ट बनवाई और जिला प्रशासन का फ्री हैंड दिया की बिना भेदभाव और डर के सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करें। मुख्यमंत्री से फ्री हैंड मिलने के बाद जिला प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। 48 जिलों में अब तक अरबों रुपए की सरकारी जमीनों पर बनी इमारतों, मकानों, दुकानों समेत अन्य निर्माण जमींदोज कर उन्हें मुक्त कराया गया है। दावा है कि 4 जिले ऐसे हैं जहां कोई माफिया नहीं मिला इनमें शिवपुरी दतिया निवाड़ी और अलीराजपुर जिला शामिल है।
48 जिलों में अरबों की जमीन मुक्त कराई
मिली जानकारी के अनुसार पिछले 20 माह के दौरान 48 जिलों में में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए जमीन माफिया से अब तक करीब 3560 एकड़ जमीन खाली करवा ली गई है। इन पर बनी इमारतों, मकानों, दुकानों समेत अन्य निर्माण जमींदोज कर दिए गए हैं। इस एक्शन के बाद भी सवाल यह है कि जिन अफसर-नेताओं की आड़ में ये माफिया में सरकारी जमीनों पर जमे थे, उनके नाम सामने क्यों नहीं आए? माफिया पर तो आपराधिक केस लगा दिए, पर पनाह देने वालों की घेराबंदी क्यों नहीं की गई? भोपाल के प्रशांत सिंह कहते हैं कि जब तक माफिया के आकाओं पर कार्यवाही नहीं होगी कोई स्थाई सुधार नहीं होगा नेता और अफसर नए माफिया पैदा करते रहेंगे। इंदौर के रामचरण अग्रवाल की राय भी यही है । वे कहते हैं कि नेता अफसरों में कार्रवाई का डर नहीं होगा तो जमीनों पर कब्जा होते रहेंगे हो सकता है चेहरा बदल जाए मगर माफिया तो रहेगा।
इंदौर में सबसे अधिक जमीन अतिक्रमण मुक्त
प्रदेश में पिछले 20 माह में सरकार द्वारा भू माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई में सबसे अधिक इंदौर में जमीन कब्जामुक्त कराई गई। इंदौर जिले में 48 एकड़, ग्वालियर में 38, नरसिंहपुर में 35, बड़वानी में 30, नीमच में 23, श्योपुर में 21, आगर- मालवा में 20, रीवा में 18, बालाघाट में 16, धार में 16, होशंगाबाद में 14, मुरैना में 11 और बैतूल में 10 एकड़ जमीन मुक्त कराई गई। इसी तरह झाबुआ- अनूपपुर जिले में 8-8 एकड़, डिंडोरी में 7, खंडवा-विदिशा में 6-6, अशोकनगर-हरदा में 4- 4, दमोह में 3, खरगोन में 2, भिंड-छतरपुर में 1-1 और 1 उमरिया जिले में 0.25 एकड़ जमीन माफियाओं के कब्जे से प्रशासन ने छुड़ाई है।
अतिक्रमणमुक्त जमीनों पर बनेंगे स्कूल और पार्क
प्रदेशभर में अतिक्रमणकारियों से जो जमीनें मुक्त कराई गई हैं अब उन पर सरकारी मकान, स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी भवन बनाए जाएंगे। शहरी इलाकों में पार्क, पार्किंग और खेल मैदान बनाने की भी योजना है। इसके लिए कुछ जिलों ने पहल शुरू कर दी है। रीवा जिले के बिछिया के गोल क्वॉटर्स में अतिक्रमणकारियों ने मकान और दुकानें बना ली थीं। प्रशासन ने तोड़ा और अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यहां 140 घर बनाए जाएंगे। जिले में करीब 18 एकड़ जमीन मुक्त करवाई गई है और इसमें से 14 एकड़ पर मकान बनाने की योजना है। शहडोल जिले में माफिया और नेताओं ने 45 जगह 110 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था। ज्यादा कब्जे बुढ़ार, धनपुरी और अमलाई में थे। प्रशासन ने करीब 1.27 अरब रुपए की भूमि मुक्त कराई। अब बुढ़ार और सोहगापुर की 45 एकड़ भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उज्जैन में इंदौर रोड पर 5 एकड़ जमीन पर पूर्व पार्षद गुड्डू कलीम ने अवैध रूप से गार्डन बना लिया था। इसे तोड़ा गया। जमीन की कीमत 27.42 करोड़ आंकी गई। इसी रोड पर 67 करोड़ रुपए कीमत की 40 एकड़ जमीन और मुक्त करवाई गई। दोनों जमीनें नगर निगम के पास हैं। इन पर स्मार्ट सिटी से जुड़े निर्माण करवाए जाएंगे।