मुंगेरी लालों के सपनों पर पानी फेरा शिव प्रकाश व मुरलीधर राव ने

पॉलिटिक्स

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। तीन साल बाद बीते रोज से शुरू हुई वीडी शर्मा के नेतृत्व वाली प्रदेश कार्यसमिति की पहली बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने उन नेताओं को साफ और कड़ा संदेश देने का काम किया है जो मीडिया मैनजेमेंट और आडम्बर के सहारे मुलाकात पॉलिटिक्स कर अपनी ही सरकार के मुखिया के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। इस नसीहत के चलते पार्टी में मौजूद कई मुंगेरीलालों के सपनों पर पानी फिर गया है। चेतावनी भरे लहजे में इन दोनों ही शीर्ष नेताओं ने यहां तक कह दिया कि नेता मीडिया और पुलिस से दूरी बनाकर ही रहें क्योंकि यह दोनों ही किसी के नहीं होते हैं। उन्होंने प्रदेश के खासतौर पर उन दिग्गज नेताओं को दो टूक संदेश भी दिया, जो पद पाने के लिए लगातार लॉबिंग करते रहते हैं। उन्होंने साफतौर पर कह दिया कि जो लोग लॉबिंग करते हैं और सोचते हैं कि लॉबिंग से कुछ बन जाएंगे तो वे भूल जाएं। लॉबिंग से कुछ नहीं होगा, इसलिए लॉबिंग छोड़कर काम पर ध्यान दें। काम के आधार पर ही उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने पूरी तरह से साफ कर दिया कि भाजपा में निर्णय ऐसे नहीं होते हैं। भाजपा कार्यालय में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में दी गई इन सियासी चेतावनी के कई तरह के अर्थ लगाए जा रहे हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों से भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोधी माने जाने वाले नेताओं द्वारा मेल मुलाकात की राजनीति की जा रही थी। इसके माध्यम से यह संदेश देने का पूरा प्रयास भी किया जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश सरकार के नेतृत्व में बदलाव हो सकता है। नेताओं की इसी मुहिम की वजह से शिव प्रकाश व राव इन नेताओं से नाराज बताए जाते हैं। यही वजह है कि मुरलीधर राव ने सभी बड़े नेताओं और इस मुहिम को चलाने वाले नेताओं की मौजूदगी में यहां तक कह दिया कि बीते दिनों मप्र में जिस तरह से घटनाक्रम चला है उसकी वजह से कुछ लोगों ने उनसे भी संपर्क कर इस बारे में पूछा है। इस मामले में स्पष्ट कर देता हूं की भाजपा में मीडिया मैनेजमेंट या परसेप्शन बनाने, लॉबिग करने और सोशल मीडिया में मुहिम चलवाने से न तो मुख्यमंत्री बदले जाते हैं और न ही कुछ होता है। इसके साथ ही उनके द्वारा परोक्ष रुप से प्रदेश में सीएम बदले जाने की चल रही अटकलों पर न केवल विराम लगा दिया गया, बल्कि इस मुहिम से जुड़े नेताओं को भी साफ संदेश दे दिया है। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आते ही कुछ नेता अपना बायोडाटा और फोटो लेकर घूमने लगते हैं, लेकिन अब इससे उनका कोई भला होने वाला नहीं है। उधर इस मामले में शिव प्रकाश ने भी चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पार्टी में कुछ नेता ऐसे हैं जो ईवेंट मैनेजमेंट न केवल अच्छा करते हैं, बल्कि आडम्बर में भी बेहद माहिर होते हैं। लेकिन अब इससे कुछ नहीं होने वाला है। जो नेता व कार्यकर्ता सेवा करेगा वही आगे बढ़ पाएगा। अगर पार्टी में आगे बढ़ना है तो नेताओं को सेवा के मार्ग पर चलना ही होगा। जिस समय इन दोनों नेताओं द्वारा यह चेतावनी भरा संदेश दिया जा रहा था, उस समय बैठक में वर्चुअली जुड़े सभी मंत्री और कार्यसमिति के बड़े नेता सुन रहे थे।
सत्ता की निगरानी अब संगठन के हाथों में
बैठक में तय किया गया है कि अब सरकार की योजनाओं की निगरानी का काम कार्यकर्ता करेंगे। इसके लिए अलग-अलग विभाग की योजनाओं की निगरानी के लिए हर स्तर पर अलग -अलग टीमों का गठन किया जाएगा। यह टीमें देखेंगी कि जिन हितग्राहियों के लिए योजना बनाई गई है वास्तव में उन्हें इनका लाभ मिल रहा है या नहीं। इसके आधार पर वे संगठन को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे, जिसे बाद में सरकार तक भेजा जाएगा। इसके माध्यम से संगठन व सरकार को यह पता चल सकेगा कि किस योजना से लोगों को कितना फायदा हो रहा है और लोगों द्वारा योजना को लेकर क्या सोच है। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें हेल्थ वर्कर बनाने का भी फैसला किया गया। यह हेल्थ वर्कर कार्यकर्ता कोरोना जैसी महामारी में आम आदमी की मदद का जिम्मा उठाऐंगे।
सोशल मीडिया की टीम रही निशाने पर
बैठक में बड़े नेताओं के अलावा प्रदेश भाजपा की सोशल मीडिया की टीम पर भी प्रदेश संगठन प्रभारी मुरलीधर राव बेहद नाराज दिखे। यही वजह है कि उन्होंने इस टीम को भी आड़े हाथों लेते हुए साफ कह दिया कि उनका काम सही नहीं चल रहा है। इस वजह से आमजन तक संगठन के कामों को बताने में पीछे रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस टीम में काम करने वाले लोगों का होमवर्क भी बेहद खराब है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि इस टीम को चाहिए कि वह कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मामलों का उत्तर आंकड़ों और तर्क के साथ पूरी ताकत से दें।  
तीन प्रस्ताव किए गए पारित
बैठक के पहले ही दिन तीन  प्रस्तावों को पेश कर उन्हें पारित किया गया। इनमें राजनैतिक, शोक और कोरोना काल में संगठन और सरकार द्वारा किए गए कामों से संबंधित प्रस्ताव शामिल हैं। राजनैतिक प्रस्ताव में जहां नाथ सरकार के दौरान बंद की गई जनहितैषी योजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया गया, वहीं मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने अनुच्छेद 370 को हटाने  और कृषि सुधार के लिए तीन कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार की तारीफ भी की गई। इस प्रस्ताव में कांग्रेस की नीतियों व उनके नेताओं द्वारा दिए जाने वाले बयानों की आलोचना भी की गई है।
कमलनाथ को बताया कमीशन -नाथ
राव ने कहा कि कांग्रेस अब ऐसी हो गई है कि इंश्योरेंस कंपनी भी उसका इंश्योरेंस नहीं करेगी। मप्र में कमलनाथ नहीं, कमीशन-नाथ थे। कांग्रेस सरकार ने हर स्तर पर सरकार को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। भाजपा सरकार विकास करती है।
नड्डा ने शिव की तारीफ तो नाथ पर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बैठक में वर्चुअली दिल्ली से जुड़े। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए जहां शिव सरकार की कई मामलों में जमकर तारीफ की तो वहीं कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मप्र में डेढ़ साल कांग्रेस सरकार ऐसी चली कि वसूली, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर के रिकॉर्ड बना दिए। मिशन को कमीशन में बदल दिया। जब तक कोई दक्षिणा न चढ़ाए, प्रदेश में काम नहीं कर सकता था। उस सरकार ने हर किसी को धोखा दिया है। उन्होंने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी, किसान कल्याण पर खर्च की गई राशि, सीधे खातों में पैसा पहुंचाने की व्यवस्था, स्ट्रीट वेंडर को आर्थिक सहायता देने और आरोग्य योजना के कार्ड बनाने के मामले में शिव सरकार की जमकर तारीफ की।

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