शिव ने तीन दर्जन विधायकों को… सर्दी में कराया गर्मी का अहसास

शिवराज सिंह
  • मुख्यमंत्री ने बताई तीन अंचलों की सर्वे रिपोर्ट की मैदानी हकीकत…कट सकता है टिकट

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मौसम में भले ही ठंडक घुली हुई है, लेकिन प्रदेश के तीन अंचलों के भाजपा विधायकों को उस समय गर्मी का जमकर अहसास हो गया, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उनके सामने वह सर्वे रिपोर्ट रखी जिसमें पार्टी के माननीयों की जमीनी हकीकत का पूरा ब्यौरा था। इस रिपोर्ट में मालवा निमाड़, विंध्य और बुंदेलखंड अंचल से आने वाले पांच दर्जन से अधिक विधायकों का पूरा रिपोर्ट कार्ड था। इनमें से करीब 40 फीसदी यानि की तीन दर्जन से अधिक माननीयों की हालत उनके इलाकों में बेहद खराब बतायी गई है।
 इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन विधायकों से उनके इलाके की जनता खुश नही है। ऐसे में उन पर हार का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल बीते रोज मुख्यमंत्री ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद प्रदेश के छह में से तीन अंचलो से आने वाले पार्टी विधायकों से चर्चा कर उन्हें पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे की रिपोर्ट दिखाई।
 इस दौरान सीएम ने विधायकों से साफ तौर पर कहा कि वे अपने कामकाज में सुधार लाएं।  अभी चुनाव में एक साल का समय है। इस सर्वे रिपोर्ट के सामने रखे जाने से मौजूद विधायकों की सांसें फूल गई हैं। दरअसल यह पार्टी की पहली सर्वे रिपोर्ट है। पार्टी इस तरह के अगले साल चुनाव होने से पहले कुल तीन सर्वे करा रही है। माना जा रहा है कि आम विधानसभा चुनाव से सबक लेते इस बार भाजपा संगठन 40 फीसदी तक विधायकों के टिकट काट सकती है। सीएम ने विधायकों से यह भी कहा कि वे जल्द एक बार और उनसे चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री निवास पर बीते रोज विधायक दल की बैठक में विधायकों को अगले दो महीनों के कार्यक्रम और पार्टी की कार्ययोजना के बारे में बताया गया। साथ ही उनसे यह भी कहा गया कि वे पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुट जाएं। विधायक दल की बैठक करीब डेढ़ घंटे चली।
तीन अलग-अलग सर्वे
विधायक दल की बैठक में सीएम ने विधायकों से कहा कि पार्टी ने विधायकों के कामकाज को लेकर तीन अलग-अलग एजेन्सियों से सर्वे कराए हैं। इनमें पहले सर्वे की रिपोर्ट आ गई है और अगले कुछ  दिनों में दो अन्य सर्वे की रिपोर्ट भी आने वाली है। इसके बाद वे फिर विधायकों से वन टू वन करेंगे।  बताते हैं कि उन्होंने इशारों-इशारों में विधायकों को संकेत दे दिए हैं कि  जहां सुधार की संभावना होगी, वहां सुधार करेंगे। मतलब साफ था कि जिनकी रिपोर्ट एकदम खराब होगी, उनके टिकट काटे जा सकते हैं। सीएम ने विधायकों से यह भी कहा कि अगले 15 दिनों में शेष अन्य दो सर्वे रिपोर्ट भी आ जाएंगी। इसके बाद वे तीन दिसम्बर से विधायकों के साथ एक बार फिर से वन टू वन चर्चा करेंगे।
दी गई समझाइश
सूत्रों की माने तो इस दौरान करीब डेढ़ दर्जन जिलों के विधायकों से चर्चा की गई। इस चर्चा में खराब रिपोर्ट वाले विधायकों को यह भी बताया गया कि उनकी रिपोर्ट में क्या ठीक नहीं आया है। सीएम ने इन विधायकों से कहा कि वे समय रहते अपने काम में सुधार कर लें और कमियों को दूर कर लें। सूत्रों की मानें तो ग्वालियर- चंबल संभाग के आधा दर्जन से अधिक विधायकों की हालत पहली सर्वे रिपोर्ट में खराब बताई गई है। इसमें कुछ श्रीमंत समर्थक भी शामिल है। कुछ विधायकों को लेकर रिपोर्ट में उनकी छवि की बात भी सामने आई है, तो कुछ विधायकों का क्षेत्र में जीवंत सम्पर्क नहीं रखने की बात भी कही गई।
अचानक वन टू वन चर्चा की
विधायक दल की बैठक में शामिल होने आए विधायक यह मान रहे थे कि बैठक समाप्ति के बाद भोजन करने के बाद  रवाना हो जाएंगे, पर बैठक समाप्त होते  ही मुख्यमंत्री ने यह कहकर चौंका दिया कि वे इसके बाद तीन बजे से विधायकों से चर्चा करेंगे। यह चर्चा  श्योपुर जिले से शुरू होगी। सीएम ने यह भी कहा कि जिन विधायकों से आज चर्चा हो जाएगी, उनसे आज करेंगे। शेष जिलों के विधायकों से 21 नवंबर की सुबह 11 बजे से चर्चा करेंगे। इसके बाद उन्होंने मुरैना-श्योपुर जिले से चर्चा की शुरुआत की।
यह है इन अंचलों का राजनैतिक गणित
यह तीनों ही अंचल भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।  इसमें ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की निगाहें अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों पर टिकी हुई हैं। 2018 के इलेक्शन में दलित वर्ग भाजपा से दूर हो गया था, जिसकी वजह से इस अंचल में कांग्रेस ने बीजेपी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हुए  34 सीटों में से 26 सीटों पर जीत दर्ज कर ली थी। यही वजह है कि भाजपा अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है, ऐसे में दोनों दलों में अंदर खाने दलित वोट बैंक को साधने की कवायद की जा रही है। उपचुनाव के बाद इन सीटों के समीकरण बदल चुके हैं। अब इनमें से 5 सीटों पर बीजेपी और 3 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इसी तरह से अगर विंध्य की बात की जाए तो इसमें 30 विधानसभा सीटें हैं। इस अंचल में भाजपा के पास 24 और कांग्रेस को 6 सीटें हैं। इसी तरह से बुंदेलखंड अंचल के तहत आने वाले सात जिलों में कुल 26 विस सीटें आती हैं। इनमें से एक सपा व भाजपा के पास है तो वहीं भाजपा के पास 17 सीटें हैं।
तीन अंचलों के विधायकों से चर्चा 21 को
सूत्रों के अनुसार बीते रोज ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड, विंध्य के 23 जिलों के विधायकों से चर्चा कर ली गई है, जबकि 21 नवंबर को मालवा, महाकौशल, निमाड़ अंचल के विधायकों के साथ चर्चा की जाएगी। चर्चा में सीएम ने विधायकों से क्षेत्र के विकास के कामों और क्षेत्र के मुद्दों पर भी बात की। सीएम ने विधायकों से यह भी जाना कि सरकार की कौन सी योजनाओं से उनके क्षेत्र में किन लोगों को कितना लाभ मिल रहा है। उन्होंने अफसरों के साथ समन्वय पर भी विधायकों से बात की।

Related Articles