- सुशासन की बारीकियों से अवगत होंगे विधायक
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में गठित हुई 16वीं विधानसभा में निर्वाचित होकर आए सदस्यों में बड़ी संख्या ऐसे सदस्यों की है, जो पहली बार निर्वाचित हुए हैं। लिहाजा भाजपा अपने नए विधायकों को सुशासन की बारीकियों के साथ ही राजनीति की अन्य बारीकियों की सीख देगी।
इसके लिए जल्द ही प्रशिक्षण की पाठशाला आयोजित की जाएगी। पार्टी का मानना है कि जो पहली बार के विधायक है वह क्षेत्र में इन बातों को लेकर गंभीर नहीं रहते जिससे चुनाव के समय पार्टी और प्रत्याशी दोनों को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर यह विधायक वरिष्ठ विधायकों से मार्गदर्शन लेंगे तो इस तरह की समस्या का सामना भविष्य में नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा विषय विशेषज्ञों से भी इन विधायकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। गौरतलब है कि अपने कार्यकर्ताओं को दक्ष करने के लिए उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण देना भाजपा की पुरानी परम्परा है। पार्टी अब अपने पहली बार के विधायकों को प्रशिक्षण देकर सिखाएगी कि वे प्रशासनिक अधिकारियों और जनता के बीच काम कैसे करें। विधायकों को यह भी सिखाया जाएगा कि जनता से सतत सम्पर्क के लिए वे क्या-क्या करें और प्रशासनिक अधिकारियों से बिना विवाद के काम कराने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
इसके लिए पार्टी जल्द ही इन विधायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले भी भाजपा अपने सभी विधायकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती रही है। इन प्रशिक्षण शिविरों में भी का आना अनिवार्य होता था। इस बार सीनियर विधायकों को प्रशिक्षण से छूट देने की संभावना है। संगठन सिर्फ पहली दफा विधायक बने नेताओं को ट्रेनिंग दिलाना चाहता है।
मिशन 2028 में जुटी भाजपा
दरअसल, हमेशा मिशन मोड में रहने वाली भाजपा अभी से 2028 के चुनाव की तैयारी में लग गई है। पार्टी ने अपने करीब तीन दर्जन पहली बार के विधायकों को अपने क्षेत्र में काम कराने, जनता के साथ अपने व्यवहार को कैसा रखा जाए और प्रशासन से किस तरह काम कराना है को लेकर आगामी दिनों में कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। इस संबंध में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की पिछले दिनों भोपाल में हुई बैठक में भी चर्चा की गई थी। पार्टी यह कार्यक्रम संभवत: पार्टी संगठन के चुनाव और प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के बाद शुरू करेगी। इस कार्यक्रम में नए विधायकों को उनके क्षेत्र में मदद करने के लिए पुराने विधायकों को जवाबदारी दी जाएगी। जिससें वह यह समझ सकें कि किस प्रकार क्षेत्र में जनता, प्रशासन के साथ तालमेल करके काम कराना है। वहीं जो पहली बार के विधायक मंत्री बना गए हैं। उन्हें वरिष्ठ मंत्रियों से इस संबंध में सुझाव लेने के साथ ही काम की गति और गुणवत्ता को लेकर चर्चा करने को कहा जाएगा।
दलित, ओबीसी के साथ मुस्लिम पर फोकस
भाजपा और आरएसएस अब अपने ऊपर लगी कथित मुस्लिम विरोधी छवि को हटाने के लिए काम करने में लगी हैं। इसके लिए दोनों संगठन साथ मिलकर आगामी दिनों में कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे। इस संबंध में संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने प्रदेश स्तर के नेताओं को निर्देशित किया है कि दलित और ओबीसी के साथ मुस्लिम वर्ग के लोगों को अपने साथ जोड़े और उन्हें आगामी दिनों में पार्टी और संघ द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल करें। भाजपा और संघ द्वारा पिछले दिनों भोपाल में एक बैठक की गई जिसमें भाजपा और संघ के प्रचार-प्रचार विभाग से संबंधित पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। बैठक में संघ एवं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एक बात पर जोर दिया वह थी पार्टी और संघ पर लगी मुस्लिम विरोधी छवि को खत्म करने की। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के बाद संघ और भाजपा के बीच मनममुटाव की जो चर्चा इन दिनों देशभर में फैल रही है उसको लेकर भी दोनों संगठन आगामी दिनों में लोगों के बीच जाकर और सामाजिक कार्यक्रम के द्वारा इस बात का संदेश देना चाह रहे हैं कि संघ और भाजपा के बीच कोई मनमुटाव जैसी बात नहीं है।