भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में कक्षा 1 से 12वीं के छात्रों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने जा रही है। यह राहत उन्हें छात्रवृत्ति की राशि के रुप में मिलने वाली है। इसमें विद्यार्थियों को 50 रुपये से लेकर 550 रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाती है, लेकिन नया सत्र शुरू होने के बावजूद अबतक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के करीब 7 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इस संबंध में लोक शिक्षण
संचालनालय ने सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा पोर्टल पर सभी छात्रों के बैंक खाता अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए डीपीआइ ने एक सप्ताह का समय दिया है।
दरअसल, एमपी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के लिए 20 तरह की छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जाती है। इसके तहत हर साल मध्य प्रदेश के 80 लाख छात्रों को अलग अलग योजनाओं (नि:शक्तजन छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति, पितृहीन कन्याओं की छात्रवृत्ति, प्री- पोस्ट मैट्रिक योजना) के तहत छात्रवृत्ति दी जाती है, इस पर करीब 700 करोड़ रुपये खर्च होता हैं। इसमें विद्यार्थियों को 50 रुपये से लेकर 550 रुपये तक की छात्रवृत्ति दी जाती है, लेकिन नया सत्र 2022-23 शुरू होने के बावजूद अबतक 7 लाख छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इसका कारण शिक्षा पोर्टल पर छात्रों बैंक खाता अपडेट ना होना है।हालांकि अधिकारियों का कहना है कि गलत बैंक खाता अपलोड होने से सात लाख विद्यार्थियों का ट्रांजेक्शन फेल होने के कारण उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इसके कारण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पात्र विद्यार्थियों की सूची तैयार नहीं हो पाई है। इधर इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। ने एक सप्ताह के अंदर पोर्टल पर बच्चों का खाता अपडेट करने का समय दिया है।संभावना जताई जा रही है कि जुलाई से पहले छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिल जाएगा और खातों में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।
27/06/2022
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