अफसरों की लापरवाही में अटकी छात्रवृत्ति

छात्रवृत्ति
  • 7 लाख से अधिक एसटी-एससी छात्र दो साल से परेशान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। छात्रवृति के सहारे पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल पिछले दो साल से  प्रदेश के करीब 7 लाख से अधिक अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति नहीं मिल पा रही है। इस संदर्भ में सरकार ने भी स्वीकार किया है कि अफसरों की लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति अटकी हुई है।  दरअसल, केंद्र सरकार से 9वीं- 10वीं एवं 11वीं तथा 12वीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का 468 करोड़ रुपए नहीं मिला। इसके चलते राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जा रहा है।  शिक्षा विभाग का कहना है कि छात्रवृत्ति योजनाओं के आवेदन वेरिफिकेशन एवं स्वीकृति का कार्य पूर्ण किए जाने के लिए निर्देश दिए गए है, परन्तु कार्य की प्रगति अपेक्षा से बहुत कम है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 28 मार्च को एक पत्र समस्त संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखा है, जिसमें कहा गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति कार्य विभाग की प्री एवं पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं का क्रियान्वयन वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के लिए जनजातीय कार्य विभाग के पोर्टल से किया जा रहा है।
छात्रवृत्ति स्वीकृति का कार्य पूर्ण किए जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं, लेकिन कार्य प्रगति अपेक्षा से बहुत कम है। शिक्षा विभाग ने कहा- वर्ष 2022-23 में पंजीकृत विद्यार्थियों को वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के लिए फावर्ड किया गया है। जिनकी स्वीकृति के लिए संकुल प्राचार्य स्तर पर पालक की आय, संकाय एवं छात्रावासों, गैर छात्रावासी को संशोधित किए जाने के लिए सुविधा दी गई है। तकनीकी त्रुटी के सुधार उपरांत ही त्रुटिहीन छात्रवृत्ति स्वीकृति की जाए ताकि पात्रता से भिन्न भुगतान न हो पाए। पत्र में कहा गया है कि छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा प्रतिदिन की जा रही है। इसलिए 2022-23 एवं 2023-24 की छात्रवृत्ति का भुगतान 31 मार्च तक दिया जाए।

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