- कांग्रेस पहुंची हाईकोर्ट, सदन में भी साथ नहीं बिठाने का फैसला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रहीं हैं। वे विधायक पद से इस्तीफा देने का मन नहीं बना पा रही है। वे पहले से ही पूरी तरह से कांग्रेस के निशाने पर बनी हुई हैं, लेकिन अब तो उनकी वजह से विधानसभा अध्यक्ष भी विपक्ष के निशाने पर आ रहे हैं। इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं हो पाने से सप्रे की सदस्यता समाप्ती की मांग को लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंच गई है। यह मामला अभी और गर्माएगा, इसकी वजह है अगले माह होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र। ऐसे में कांग्रेस ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि सागर जिले के बीना से विधायक निर्मला सप्रे ने दल बदल किया है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता निरस्त की जाए। याचिका में कहा गया है कि निर्मला सप्रे बीते छह महीने से भाजपा के साथ हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। उनके द्वारा दलबदल कर भाजपा में आने के लिए जो प्रमुख शर्त तय की गई थी , उसमें था बीना को जिला बनाना, लेकिन उनकी यह मांग भाजपा के वरिष्ठ विधायक भूूपेन्द्र सिंह के वीटो की वजह से पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में सप्रे को लग रहा है कि अगर वे इस्तीफा देकर दोबारा से चुनावी मैदान में उतरती हैं , तो कहीं जनता उन्हें नकार न दे। इस बीच कांग्रेस के दलबदलू नेता रामनिवास रावत का चुनाव परिणाम भी उन्हें और डरा रहा है। वे हाल ही में मंत्री रहते और तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं जीत सके हैं। उधर, कांग्रेस ने भी अब तय कर लिया है कि वे सप्रे की सदस्यता समाप्त कराकर ही मानेंगे, लिहाजा पहले तो उनके द्वारा तय कर लिया गया है कि वे पार्टी विधायकों के साथ उन्हें सदन में नहीं बैठने देंगे उसके बाद हाईकोर्ट भी मामला ले गए हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान विधायक निर्मला सप्रे 5 मई को सागर जिले के राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हो गई थीं। इसके बाद से ही वे लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में नजर आ रही हैं।
विजयपुर के नतीजों ने भी डराया
अपनी मूल पार्टी छोडक़र भाजपा से पींगे बढ़ाने वालीं बीना विधायक निर्मला सप्रे को विजयपुर के चुनावी नतीजों ने भी डरा दिया है। रामनिवास रावत मंत्री रहते उपचुनाव हार गए। कांग्रेस छोड़ते समय निर्मला सप्रे को उम्मीद थी कि सरकार बीना को जिला बनाने की घोषणा कर देगी, तो उन्हें संभावित उपचुनाव में फायदा मिल जाएगा। इसको लेकर वे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव पर दबाव बना चुकी है, लेकिन पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह की नाराजगी को देखते हुए सीएम ने बीना को जिला बनाने की घोषणा टाल दी है। ऐसे में सप्रे को पता है कि उपचुनाव उन पर भारी पड़ सकता है, लिहाजा वे कोई निर्णय नहीं कर पा रही हैं।
पटवारी ने दी चुनौती…
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, मैं मोहन यादव को चुनौती दे रहा हूं कि आप इतने लोकप्रिय मुख्यमंत्री है, तो निर्मला सप्रे को इधर से उधर क्यों घुमा रहे हो। आप में दम होगा तो आप जीतोगे, हम जनता के बीच में जाएंगे। हम में दम होगा, तो हम जीतेंगे। जनता के ऊपर छोड़ो, वह क्या करना चाहती है। आप पहले लोकसभा चुनाव में उन्हें ले गए और हाथ ऊंचा करवा दिया कि ये हमारी पार्टी में आई है। अब क्या डर है। क्या कारण है कि आप उन्हें इस्तीफा नहीं दिला रहे हो।