संकट : मप्र को जरुरत से 9 लाख मीट्रिक टन कम मिला खाद

 खाद

भोपाल/हरीश फतेह चंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि सरकार भले ही यह दावा करती रही हो कि राज्य में खाद संकट नहीं है, लेकिन हकीकत इसके उलट ही न केवल बनी रही, बल्कि अब भी किसानों को खाद संकट का सामना करना पड़ रहा है। अब सरकार ने खुद ही अपने दावों को गलत साबित कर दिया है। दरअसल सरकार ने बीते रोज सोमवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि प्रदेश में मांग की तुलना मे कम खाद मिला है। यह कमी भी लगभग 9 लाख मीट्रिक टन की है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के लिखित प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि 20 लाख मेट्रिक टन की जरूरत की तुलना में 11.07 लाख मेट्रिक टन खाद ही प्रदेश को मिला है। इसी तरह की स्थिति डीएपी, एनपीके और एमओपी (पोटाश) में भी है। मंत्री ने स्वीकार किया कि सभी तरह के खाद निर्धारित लक्ष्य से कम मात्रा में प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पूरे रबी सीजन (अक्टूबर  2021 से मार्च 2022) में बीस लाख टन यूरिया की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया था। इसकी तुलना में अब तक 11 लाख टन से अधिक यूरिया खाद मिल चुकी है। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश में मांग के अनुरूप आपूर्ति हो रही है। डीएपी की बात करें तो साढ़े आठ लाख टन लक्ष्य के विरुद्ध पांच लाख 40 हजार टन ही प्राप्त हुई है यानी  किसानों को डीएपी के लिए भी परेशान होना पड़ा है। हालांकि, इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार से एनपीके दो लाख 25 हजार टन लक्ष्य की तुलना में तीन लाख 44 हजार टन मिली है। यह अलग बात है कि विधानसभा में कृषि मंत्री कमल पटेल ने जीतू पटवारी के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि रबी सीजन के लिए सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था, उसकी तुलना में जो प्राप्ति हुई है, वो संतोषप्रद है। केंद्र से खाद लगातार मिल रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में किसानों द्वारा कई जिलों में खाद न मिलने से  परेशान होकर पिछले दिनों में कई बार धरना प्रदर्शन तो ठीक चक्काजाम तक किया गया। यही नहीं कई जगहों पर तो किसानों को खाद के लिए कई-कई दिनों तक इस तरह के आंदोलन तक करने पड़े। इसके बाद भी उन्हें कई दिनों तक परेशान होने के बाद भी पर्याप्त खाद नहीं मिल सका।
कर्ज माफी के आधा दर्जन प्रश्नों के नहीं मिले उत्तर : किसानों का दो लाख रुपये तक कर्ज माफ करने की प्रक्रिया रुकने को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा में आधा दर्जन प्रश्न किए थे। इन प्रश्नों के उत्तर में कृषि मंत्री कमल पटेल की ओर से सभी का एक ही और एक लाइन में उत्तर दिया गया है कि जानकारी एकत्र की जा रही है। दरअसल इन कांग्रेस सदस्यों ने अब तक हुई कर्ज माफी, बाकी किसानों को लाभ देने की समय सीमा और सरकार की नीति के संबंध में जानकारी मांगी थी। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि पिछले सत्र में उन्होंने राष्ट्रीकृत, निजी और सहकारी बैंक की जानकारी मांगी ही नहीं थी, पर उत्तर दिया गया कि जानकारी एकत्र की जा रही है। ऐसा कर विभाग उत्तर देने से बच रहा है। उन्होंने पूछा का जिनकी कर्ज माफी बाकी है, उन्हें लाभ दिया जाएगा या नहीं और जिनके कर्ज माफ हो चुके हैं, उनसे वसूली होगी या नहीं। इस पर भी जानकारी एकत्र करने का उत्तर सरकार की ओर से विभागीय मंत्री द्वारा दिया गया है। इसी तरह प्रियव्रत सिंह, रामलाल मालवीय, बाला बच्चन, आलोक चतुर्वेदी, रामचंद्र दांगी व मनोज चावला के प्रश्नों के उत्तर भी जानकारी एकत्र करने के रूप में दिए गए हैं।
सीएम राइज स्कूलों के वृद्ध शिक्षकों का होगा तबादला
सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ 57 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। वहीं इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का चयन भी परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। चयन परीक्षाएं मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालयों में होगी। सीएम राइज के लिए चयनित स्कूलों में पदस्थ शिक्षक अगर अर्हताएं रखते हैं तो उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। यदि मेरिट के आधार पर उनका चयन होता है तो ही वे विद्यालय में पदस्थ रह सकेंगे। अगर उनका चयन नहीं होता है तो उन्हें उन स्कूलों से दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। यह जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा को लिखित उत्तर में दी। उधर, प्रवेश नियमों में बदलाव नहीं होने के कारण 12वीं में गणित और भौतिकी विषय नहीं लेने वाले कई विद्यार्थी बीई, बी-टेक में प्रवेश से वंचित रह गए। मंत्री यशोधरा राजे ने विधायक महेंद्र हार्डिया को लिखित उत्तर में बताया, अभी तकनीकी शिक्षा परिषद ने बीई, बी-टेक में कुछ कोर्स में 12वीं में गणित, भौतिकी की अनिवार्यता खत्म कर दी है।

Related Articles