हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। संघ की प्रयोगशाला के बहुतेरे प्रयोगों के हिसाब से मप्र भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मुफीद रहा है। इस कारण किसी न किसी बहाने यहां संघ, विहिप से लेकर प्रमुख अनुषांगिक संगठनों के बड़े अयोजन सरकारी और गैरसरकारी माध्यमों से होते रहते हैं। इनका अपरोक्ष फायदा सरकार को मिलता है। वहीं चुनावी साल में मप्र में प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, जी-20 देशों के सम्मेलन का आयोजना मप्र में किया जा रहा है। दरअसल ये सभी आयोजन भाजपा की रणनीतिक सोच के परिणाम हैं। भाजपा देश के हृदय प्रदेश को विकास के मॉडल के रूप में देश के सामने प्रस्तुत करती आ रही है। इसलिए मिशन 2023 और 2024 को नजर रखते हुए ये बड़े आयोजन मप्र में आयोजित किए जा रहे हैं। यह स्पष्ट हैं भाजपा यह अच्छे से जानती है कि इस तरह के जलसों से प्रवासियों की ब्रांडिंग, प्रमोशन और राष्ट्र सेवा के साथ राजनीतिक हित भी साधे जा सकते हैं।
गौरतलब है की 2020 में जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है पार्टी तभी से चुनावी तैयारी में जुटी है। अब इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी 200 सीटों का टारगेट पाने के प्रयास में जुट गई है। पार्टी के इस अभियान में प्रदेश में होने वाले बड़े आयोजन निश्चित रूप से भाजपा के लिए संजीवनी बनेंगे। इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट चल रही है। आने वाले दिनों में मप्र में कई बड़े आयोजन होने हैं। इनमें 30 जनवरी से 11 फरवरी के बीच प्रदेश के आठ शहरों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन होगा, जबकि 13 से 15 फरवरी के बीच इंदौर जी-20 देशों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसमें जी-20 देशों के कृषि मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा 21 से 24 फरवरी के बीच प्रदेश की राजधानी भोपाल में आठवां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आयोजित होगा। इन तमाम आयोजन के पीछे भाजपा अपना राजनीतिक फायदा देख रही है।
आयोजन से बहेगी विकास की गंगा
प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन इंदौर में हुए तो वहां सरकार ने कई विकास कार्य करवाए हैं। वहीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स, जी-20 देशों के सम्मेलन प्रदेश के कई शहरों में होंगे, तो वहां भी विकास की गंगा बहेगी। इससे भाजपा बड़े वोट को साधने की कोशिश करेगी। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अलावा 30 से 11 फरवरी के बीच मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 का आयोजन होगा। प्रदेश के आठ शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और खरगोन (महेश्वर) में यूथ गेम्स के आयोजन होंगे। जबकि एक गेम (साइकिलिंग) दिल्ली में होगा। पहली बार वाटर स्पोर्ट्स अर्थात कयाकिंग कैनोइंग, कैनो सलालम और तलवारबाजी, खेलो इंडिया गेम्स के इस संस्करण का हिस्सा होंगे। तेरह दिन तक 27 खेल 9 शहरों के 23 गेम वेन्यू में होंगे। लगभग छह हजार खिलाड़ी, 303 अंतरराष्ट्रीय और 1089 राष्ट्रीय आॅफिशियल्स इन गेम्स का हिस्सा होंगे। वहीं, फरवरी में इंदौर जी-20 देशों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
13 से 15 फरवरी तक होने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन एग्रीकल्चर पर फोकस रहेगा। इसमें जी-20 देशों के कृषि मंत्री शामिल होंगे। खास यह कि यह साल अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष है इसलिए भी समिट में इस पर भी मंथन होगा। वहीं भारत के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी प्रगति की उपलब्धियों का उत्सव राजा भोज की नगरी भोपाल में होगा। 21 से 24 जनवरी के बीच इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। इसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के जानकार, नीति निर्माता, शिल्पकार, स्टार्टअप, किसान, शोधार्थी, छात्र और नए अन्वेषक हिस्सा लेंगे। यह उत्सव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के साथ साथ आयोजित हो रहा है। भारत का अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव भी इस महोत्सव का एक अन्य आकर्षण होगा।
जमकर की जा रही है ब्रांडिंग
मप्र की भाजपा सरकार प्रदेश में होने वाले बड़े आयोजनों को भुनाने में जुटी हुई है। केंद्र सरकार की नीतियों के साथ साथ प्रदेश सरकार भी अपनी नीतियों का जमकर प्रचार प्रसार करती हुई नजर आ रही हैं। केंद्र सरकार के तमाम बड़े आयोजन का भाजपा को चुनाव में जरूर फायदा मिलेगा। इन कार्यक्रमों के कारण मप्र और उसके शहरों की देश-दुनिया में ब्रांडिंग हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर और मप्र की तारीफ की है, उससे पूरे देश और विदेश में मप्र की ग्लोबल इमेज बनी है। निश्चित तौर पर इसका लाभ चुनाव में भाजपा उठाएगी। पार्टी के नेता जनता को बताएंगे कि कैसे डबल इंजन सरकार के कितने फायदे होते हैं। इंदौर में हुआ प्रवासी भारतीय सम्मेलन विदेश मंत्रालय का कार्यक्रम था। इसमें मप्र सरकार का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं था, लेकिन मप्र में इसको दो फायदे मिले। पहला प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग हुई। दूसरा कई निवेशक भी प्रदेश में निवेश के लिए तैयार हो गए। यह चुनावी साल है इसलिए भाजपा ऐसे कार्यक्रमों को भुनाती हुई नजर आएगी। क्योंकि ऐसे बड़े आयोजन वोटर के दिमाग पर सीधा असर डालते हैं।
उपलब्धि के रूप में पेश करेगी भाजपा
मप्र में होने वाले उपरोक्त बड़े आयोजनों को भाजपा पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में इसे अपनी उपलब्धि के रूप में पेश करेगी। गौरतलब है कि मप्र सरकार द्वारा प्रदेश को कंपलीट बिजनेस साल्यूशन के साथ फ्यूचर रेडी स्टेट बनाने से प्रदेश में निवेश के लिए देश-विदेश के निवेशकों का रूझान बढ़ रहा है। यहां बिजनेस स्टार्ट करने के लिये शासकीय अनुमतियों से लेकर इंडस्ट्री प्रारंभ करने के बाद उसके सफल संचालन के लिये आवश्यक सभी सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा राज्य मध्यप्रदेश भारत का हृदय है और आज ये सबसे तेज गति से विकास पथ- पर अग्रसर है। राज्य प्राकृतिक संसाधनों और खनिजों से संपन्न है। राज्य में 95 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, 7 स्मार्ट सिटी और बेहतरीन यातायात व्यवस्था है। राज्य में खेती एवं प्रोसेसिंग क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, जिससे औद्योगिक निवेश के लिए माहौल बन रहा है। इसके साथ ही फार्मास्यूटिकल ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक, आईटी, अक्षय ऊर्जा, पर्यटन, शहरी विकास ऐसे क्षेत्र हैं, जहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में कुशल मानव संसाधन और उचित मूल्य पर भूमि की उपलब्धता, राज्य में औद्योगिक वातावरण को तैयार करती है। सरकार की नीति और प्रशासन का सहयोग इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। मप्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वह सभी कुछ है, जो निवेश के लिए आवश्यक है। ऐसे में मप्र में जो बड़े निवेश हो रहे हैं उससे प्रदेश सरकार की साख बढ़ रही है।
12/01/2023
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