- मिल रहे फीडबैक की वजह से आरएएस की बड़ी हुई हें ङ्क्षचताएं
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अगले साल भाजपा शासित के अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों वाले दो प्रदेशों में भी विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। माना जा रहा है की इसकी वजह से आरएसएस इन चुनावों की तैयारियों को लेकर विशेष चिंतन शिविर का आयोजन कर सकता हैं। इस शिवर के दो दिवसीय होने के आसार हैं। माना जा रहा है कि इस शिविर का आयोजन कर्नाटक के बेंगलुरू में इसी सप्ताह में किया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि इस शिविर में आगले साल होने वाले राज्यों के प्रमुखों के अलावा पार्टी के मुख्यमंत्रियों, प्रदेश संगठन महामंत्रियों , प्रदेश प्रभारियों को भी बुलाया जा सकता है। दरअसल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों वाले राज्यों में कर्नाटक भी शामिल है। यह राज्य इन दिनों भाजपा के लिए बड़ा कठिन माना जा रहा है। यही वजह है कि शिविर इस राज्य में कराया जाना लगभग तय माना जा रहा है। हाल ही में 30 जून को बीजेपी चीफ की मुलाकात आरएसएस में मुकुंद और सुधीर जैसे प्रचारकों के साथ हो चुकी है। बेंगलुरू स्थित संघ मुख्यालय केशवकृपा में इनके बीच करीब 45 मिनट कर मंथन चला था। दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा गर्म है कि संघ इन चुनावों में बीजेपी की जीत को लेकर चिंतित है। संघ की इस चिंता के संकेत ऐसे वक्त पर देखने को मिल रहे हैं, जब देश में हिजाब और हलाल सरीखे मुद्दे छाए हुए हैं। यही नहीं, संघ उन विपक्षी नेताओं से भी परेशान है, जो लगातार उस पर हमले बोल रहे हैं। यह चिंता इसलिए भी मायने रखती है और बढ़ जाती है, क्योंकि पूर्व में बीजेपी के नेता कांग्रेस के सिद्धारमैया के हमलों पर जवाब देने में नाकामयाब रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस आयोजन में विभिन्न मसलों पर चर्चा की जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार मीटिंग में इस बात पर चर्चा होगी कि सरकार, पार्टी, नेता और आरएसएस ऐसी क्या भूमिका निभाएं, जिससे सत्ता में रहा जा सके और जीत हासिल की जा सके। इसी तरह से मप्र व छग को लेकर भी संघ में चिंता बनी हुई है। दरअसल मप्र में भाजपा की लगातार सरकार होने के बाद भी हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिस तरह के रुझान सामने आए हैं और निकाय चुनाव में कम मतदान हुआ है उसकी वजह से संघ में चिंता बन गई है।
दो साल का संघ प्लान
आरएसएस साल 2024 तक अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करना चाहता है। राजस्थान के झुंझनू में सात से नौ जुलाई के बीच हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में इस बात पर विचार विमर्श किया गया। संघ ने तय किया है कि साल 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष समारोह से पहले देश भर में उसकी शाखाओं की संख्या को 2024 तक एक लाख तक ले जाया जाएगा। दो साल बाद हुए आरएसएस के शिक्षा वर्गों में 40 साल से कम उम्र के 18,981 और 40 साल से अधिक आयु के 2,925 शिक्षार्थियों ने वर्ग सहभागिता की। इस वर्ष पूरे देश के प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के 101 वर्गों में कुल 21,906 संख्या रही है। स्वावलंबी भारत अधिकार में 22 संगठनों ने चार हजार से अधिक युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया। इसकी संख्या में आगे भी बढ़ोतरी की जाएगी।