सोशल इंजीनियरिंग के सहारे… संघ बढ़ाएगा अपना दायरा

  • शताब्दी वर्ष में संघ को मजबूत करने पर जोर
  • गौरव चौहान
सोशल इंजीनियरिंग

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अगले साल 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस मौके पर संघ की तरफ से बड़ा आयोजन या उत्सव नहीं मनाया जाएगा, बल्कि संघ को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए संघ सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेगा। इसको लेकर इंदौर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपर्क विभाग की बैठक में विचार विमर्श किया गया। बैठक में यह तय हुआ कि संघ ज्यादा से ज्यादा सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में सहभागिता बढ़ाए और समाज को जागरूक करने का काम करे। साथ ही संघ के कार्य और विचारधारा से ऐसे लोगों को अवगत कराएं जो संघ को लेकर उचित धारणा नहीं रखते हैं। बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक शक्तियों को मजबूत करने पर बल दिया। आरएसएस इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय है। युवा वर्ग तक संघ अपनी विचारधारा, संघ अपने कार्यों की जानकारी देने के लिए इंटरनेट मीडिया का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेगा।
 गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपर्क विभाग की बैठक इंदौर में हो रही है। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान संघ देशव्यापी मेगा संपर्क अभियान चलाएगा। इसके तहत सभी वर्गों समुदायों, समाजों और विचारधाराओं के संगठनों और लोगों से संपर्क किया जाएगा। इस दौरान देश में एक भी परिवार नहीं बचेगा जिससे संघ के संपर्क विभाग के कार्यकर्ता नहीं मिलेंगे। संघ का जोर खास तौर पर महिलाओं और युवाओं पर रहेगा। ये बैठक कितनी महत्वपूर्ण थी यह इसी से जाहिर है कि सभी बैठकों में खुद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रहे रामलाल, सह संपर्क प्रमुख सुनील देशपांडे और रमेश पप्पाजी मौजूद रहे। इनके अलावा संघ के सभी 11 क्षेत्रों के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख, सह संपर्क प्रमुख। इसी तरह 46  प्रांतों के संपर्क विभाग की शीर्ष टोली बैठक में मौजूद हैं।
शाखाओं का होगा विस्तार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 2025 में शताब्दी वर्ष है। इस वर्ष अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में इस संबंध में संघ के सभी अनुसांगिक संगठनों और विभागों को कार्य योजना बनाकर दी गई है। संघ का संपर्क विभाग भी इंदौर की बैठक में इस संबंध में विचार विमर्श कर रहा है। दरअसल, शताब्दी वर्ष के लिए संघ ने कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं। सूत्रों के अनुसार संघ ने तय किया है कि अपने कार्य को सर्वस्पर्शी बनाया जाएगा। यानी समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संघ की पहुंच होगी। खास तौर पर सामाजिक समरसता, युवाओं को शाखा से जोडऩा, शाखाओं की संख्या 1 लाख तक करना, कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ सेवा प्रकल्पों में वृद्धि की योजना शताब्दी वर्ष में क्रियान्वित की जाएगी। देश के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी मंडलों और शहरी क्षेत्रों की सभी बस्तियों में संघ के कार्य और दैनिक शाखाओं का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है। देश में कुल 58,981 मंडलों (संघ संरचना के अनुसार) में से 36,823 मंडलों में दैनिक शाखाएं चलती हैं। इसी प्रकार देश के शहरी क्षेत्रों में 23649 बस्तियों (संघ संरचना के अनुसार) में से 14,645 बस्तियों में संघ की उपस्थिति दिखाई देती है। बाकी स्थानों पर साप्ताहिक और मासिक बैठकें आयोजित की जाती हैं। इस परिपेक्ष में संपर्क विभाग की इंदौर की बैठक और महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
नहीं होंगे बड़े आयोजन
संघ के शताब्दी वर्ष 2025 में सोशल इंजीनियरिंग पर जोर देने के लिए वर्षभर होने वाले बड़े आयोजन में संघ के अनुषांगिक संगठनों की सक्रिय और बड़ी भागीदारी देखने को मिल सकती है। देवी अहिल्या के 300वीं जयंती वर्ष में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ही जल-जंगल के संरक्षण के सामाजिक सरोकार की पहल में समाज के शिक्षित वर्ग की बढ़ी हुई सक्रियता नजर आएगी। सूत्रों का कहना है कि संघ अपने शताब्दी वर्ष समारोह को व्यापक स्तर पर मनाएगा लेकिन कोई भी बड़ा या भव्य कार्यक्रम नहीं होगा। इसकी बजाय छोटे-छोटे कार्यक्रमों के माध्यम से देश के सभी परिवारों और लोगों से संपर्क किया जाएगा। इनमें संघ विरोधी विचारधारा के लोग भी होंगे। खास तौर पर डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वैज्ञानिक, स्टार्टअप चलने वाले युवा जैसे समाज के तबके से संपर्क किया जाएगा। संघ के अखिल भारतीय संपर्क विभाग को खुद दत्तात्रेय होसबले मॉनिटर करने वाले हैं। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-संघचालक डॉ मोहनराव भागवत ने दो माह पूर्व ही स्पष्ट घोषणा कर दी थी कि आरएसएस अपनी स्थापना के 100 बरस पूर्ण होने पर कोई उत्सव नहीं करेगा।
संघ विरोधियों को भी साधा जाएगा
बैठक में सरकार्यवाह होसबोले ने देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक शक्तियों को मजबूत करने पर बल दिया। आरएसएस इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय है। युवा वर्ग तक संघ अपनी विचारधारा, संघ अपने कार्यों की जानकारी देने के लिए इंटरनेट मीडिया का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेगा। वहीं निर्णय लिया गया कि संघ के कार्य और विचारधारा से ऐसे लोगों को अवगत कराया जाएगा जो संघ को लेकर उचित धारणा नहीं रखते हैं। संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस वर्ष मार्च में तय किया था कि शताब्दी समारोह कार्यक्रमों के निमित्त संघ विरोधी नेताओं और संगठनों से भी संपर्क किया जाएगा। इनमें संघ के वैचारिक विरोधी राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह के संगठन शामिल होंगे। इस दृष्टि से इस बैठक का महत्व बढ़ जाता है। संघ का संपर्क विभाग संघ और जनता के बीच संवाद की सबसे बड़ी कड़ी है। दशहरे पर नागपुर में होने वाले संघ प्रमुख के उद्बोधन के बाद उस उद्बोधन में शामिल मुद्दों पर संपर्क विभाग समाज के अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों को एक फोरम पर लाकर संवाद करता है और उनकी राय शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाता है। अभी संघ के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख की भूमिका निभा रहे रामलाल प्रचारक हैं और लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रह चुके हैं। भाजपा से संघ में वापसी के बाद उन्हें संपर्क विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी थोपी गई है।

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