माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी …
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार नई खनिज नीति का प्रारूप तैयार कर रही है। सरकार का फोकस इस बात पर है कि रेत के अवैध परिवहन पर लगाम लगाई जाए। इसके लिए चैकिंग सिस्टम को हाईटेक बनाया जा रहा है। वहीं रेत खनन से पहले एनवायरमेंट क्लीयरेंस (ईसी) की दिक्कतों को दूर करने के लिए खनिज विभाग अब खुद ईसी लेने की तैयारी कर रहा है। नई रेत नीति में इसे शामिल किया जाएगा, क्योंकि पिछली बार हुए 1400 रेत खदानों के टेंडर में सिर्फ 500 से ही ठेकेदार रेत निकाल पाए। 30 जून 2023 के बाद फिर टेंडर होने हैं, इसलिए इस बार सरकार कोशिश में है कि सारी खदानें एक्टिव हों। गौरतलब है कि प्रदेश में सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाती रही है। उसके बाद भी अवैध परिवहन पर रोक नहीं लग सकी है।
इसको रोकने के लिए अब शहरों के एंट्री पाइंट पर अत्याधुनिक सेंसर लगाए जाएंगे। इनकी मदद से डंपर-ट्रकों में तय लिमिट से ज्यादा रेत होने पर तुरंत पता चल जाएगा। इसका मैसेज मय वाहन के नंबर के साथ तुरंत कंट्रोल रूम पहुंच जाएगा। जहां से संबंधित वाहन चालक को चालान भेजा जाएगा। इस सिस्टम का एक और फायदा यह होगा कि मैन्युअली चैकिंग में होने वाली गलती की गुंजाइश खत्म हो जाएगी।
यूपी मॉडल को लागू किया जाएगा
प्रदेश में नई रेत नीति को बनाने से लिए सरकार ने यूपी मॉडल का अध्ययन करवाया है। दरअसल, मध्यप्रदेश में अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार यूपी मॉडल अपनाने जा रही है। जिसके तहत 44 जिलों के एंट्री पाइंट पर इसमें इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट बनाए जा रहे हैं। इस इलेक्ट्रॉनिक गेट के रिकार्ड में वाहन मालिक, खनिज समेत पूरा डेटा रहेगा। योजना के तहत खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों में माइनटैग लगाया जाएगा। खनिज अधिकारी को भी हंड होल्ड एमचेक मशीन प्रोवाइड कराई जाएगी। जिसकी मदद से ओवर लोडिंग करने वाले वाहन चालकों का चालान काटा जाएगा। राजधानी में यह गेट 11 मील पर बनाया जा रहा है। खनिज का परिवहन कर रहे वाहनों के कैमरे के सामने आते ही सारी जानकारी कंट्रोल रूप में पहुंच जाएगी। तय सीमा से अधिक खनिज परिवहन होने पर वाहन मालिक को चालान पहुंच जाएगा। चालान जमा नहीं करने पर सात दिन में मामला कोर्ट पहुंच जाएगा।
बारिश के पहले लग जाएगा गेट
जिला खनिज अधिकारी एसएस बघेल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट की व्यवस्था के तहत सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे। कैमरों में वाहनों का लेखा जोखा होगा। किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर सीधे वाहन मालिक के मोबाइल पर चालान जाएगा। इस गेट की मदद से ओवर लोडिंग सहित खनिज के अवैध परिवहन पर भी रोक लग सकेगी।खनिज के अवैध परिवहन को रोकने के लिए वर्तमान में जिलों में खनिज चौकियां हैं। जहां पर मौजूद अमला आने वाले वाहनों की जांच करता है। हालांकि खनिज चौकियों में वसूली के आरोप भी लगते रहे हैं। खुद रेत परिवहन करने वाले वाहन मालिकों ने इसे लेकर खनिज मंत्री से शिकायत की थी। यही कारण है कि नई खनिज नीति में इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट लगाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर विभाग ने सभी तैयारियां भी कर ली है। भोपाल की बात करें तो करीब पांच साल पहले 11 मील के पास चौकी बनाई गई थी। इसमें खनिज के साथ ही राजस्व व वन विभाग के कर्मचारियों को भी शामिल किया गया था। कुछ समय तक जांच चली, लेकिन दुर्घटना में एक कर्मचारी की मृत्यु के बाद मामला ठंडा पड़ गया। यहां कभी कभार ही अमला नजर आता है।