- प्रदेश की कई सीटों पर संघ की पसंद के होंगे भाजपा प्रत्याशी
- विनोद उपाध्याय
बीते आम विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था, जिसकी वजह से इस बार अप्रत्य रुप से जहां संघ इस बार अधिक सक्रिय बना हुआ है, तो वहीं भाजपा भी पुरानी खामियों को दूर करने के प्रयासों में लगी हुई है। इस बीच संघ ने तय किया है कि वह भाजपा का गढ़ बन चुकी सीटों पर अपनी पंसद के आधार पर प्रत्याशियों के नामों की सिफारिश करेगा।
यह वे नाम होंगे, जहां पर भाजपा उन्हें प्रत्याशी बनाने में पीछे नही रहेगी, जबकि कुछ जिलों में भी संघ अपनी पसंद के प्रत्याशी चाहती है। इसके लिए भी संघ की ओर से नामों को सुझाया जाएगा। इसके अलावा यह प्रदेश में पहला मौका होगा, जब हर सीट पर संघ की बहुत पैनी नजर रहने वाली है। इसके लिए संघ हर विधानसभा सीट पर अपने एक वरिष्ठ स्वयंसेवक की भी तैनाती करने जा रही है। उसके माध्यम से ही संघ को सीट के बारे में हर छोटी बड़ी जानकारी मिलती रहेगी। दरअसल इस बार संघ की मंशा है कि चुनाव में भाजपा की और से कोई कमी नहीं रह पाए। दरअसल प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के नामों के चयन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच अब तक भाजपा द्वारा अपनी तीन सूचियों में 79 नामों की घोषणा भी की जा चुकी है। इसके अलावा शेष डेढ़ सौ नामों पर भी विचार कर लिया गया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी की एक और यानी की चौथी सूची भी जारी होने के लिए तैयार है। इसके लिए नाम हाल ही में हुई 30 सितंबर और 1 अक्टूबर की केंद्रीय चयन समिति की बैठक में तय कर लिए गए हैं। इस सूची में करीब 70 नाम बताए जा रहे हैं , जबकि शेष नामों को अंतिम समय में घोषित करने की रणनीति तैयार की गई है। सूत्रों की माने तो कुछ खास सीटों पर संघ की पसंद का पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह सीटें भाजपा का गढ़ बन चुकी हैं। इन सीटों में मंदसौर, उज्जैन उत्तर, भोपाल की गोविंदपुरा, इंदौर की क्षेत्र क्रमांक 4, धार और हुजूर शामिल हैं। यह बात अलग है कि संघ अधिकृत रुप से न केवल सियासत से दूर ही रहता है, लेकिन रणनीति बनाने से लेकर फीडबैक देने तक का काम संघ भाजपा के लिए करता है। चुनाव में संघ कोटा नाम की कोई व्यवस्था न पहले थी न आज है। बावजूद इसके सूत्र बता रहे है कि विभिन्न जिलों की कम से कम एक सीट पर संघ अपने पसंद से उम्मीदवार की सिफारिश करने जा रहा है। बीते चुनाव में भी कई नाम ऐसे थे, जिन्हें भाजपा संगठन प्रत्याशी बनाने के पक्ष में नहीं था, लेकिन संघ की पसंद के चलते न केवल भाजपा को प्रत्याशी बनाना पड़ा, बल्कि बाद में ऐसे चेहरों को मंत्री तक बनाना पड़ा । इसका बड़ा उदाहरण है महू से विधायक और मौजूदा मंत्री उषा ठाकुर। दरअसल भाजपा संगठन भी जानता है कि अगर संघ किसी के नाम को आगे बढ़ाता है तो फिर उसकी जीत को भी तय करने के लिए पूरी ताकत झोंक देता है।
आदिवासी अंचल पर संघ का खास फोकस
बीते चुनाव में भाजपा को आदिवासी मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा था, जिसकी वजह से उसे अधिकांश इस वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी भाजपा व कांग्रेस का पूरा फोकस इस वर्ग के प्रभाव वाली सीटों पर है। ऐसे में इस वर्ग का मतदान भाजपा के पक्ष में कराने के लिए संघ पूरा जोर लगाने जा रहा है। इसके लिए आदिवासी अंचल वाली सीटों पर आरएएस अपने विश्वसनीय मैदानी कार्यकर्ताओं को मोर्चा संभालने के लिए तैनात करने जा रहा है। प्रदेश में भाजपा का चुनाव अभियान पूरी तरह से मध्य क्षेत्र इकाई के मार्गदर्शन में चलेगा। संघ की विभाग इकाई प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट पर बेहद करीब से नजर रखेगी। इसको लेकर होल ही में संघ के तीनों प्रांतों की समन्वय बैठक में कई तरह के निर्णय लिए गए हैं। इसमें तय किया गया है कि, संघ अपने हिसाब से भाजपा की पूरी मदद करेगा। अगर कहीं भाजपा को उसकी विशेष जरुरत लगती है, तो संघ वहां मैदान स्तर पर सक्रियता दिखाने में भी पीछे नहीं रहेगा। इसके अलावा संघ अपने फीडबैक के आधार पर रणनीति बनाने में भी मदद करेगा
वीडी शर्मा भी हुए थे बैठक में शामिल
हाल ही में यह समन्वय बैठक इंदौर में आयोजित की गई थी। इसमें भाग लेने के लिए ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को हेलीकॉप्टर से आनन फानन इंदौर जाना पड़ा था। यह बैठक बेहद गोपनीयता के साथ बुलाई गई थी। इसके लिए बैठक में आने वाले लोगों के वाहनों तक को बैठक स्थल से दूर पार्क करवाया गया था, जिससे कि वहां से आने जाने वालों तक को इसकी भनक नहीं लग सके। बैठक की अहम बात यह थी कि इसमें सह-सरकार्यवाह अरुण कुमार भी मौजूद रहे। उनके पास ही सत्ता और संगठन में तालमेल का काम भी है। बैठक में क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुत के अलावा महामंत्री हितानंद शर्मा भी शामिल हुए थे।