सरकारी योजनाओं के नाम से जानी जाएंगी सड़कें

सरकारी योजना

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। जिन सरकारी योजनाओं की वजह से प्रदेश में लगातार भाजपा की सरकार बनती आ रही है ,अब उनमें से कुछ योजनाओं के नाम पर प्रदेश में सड़कों का नामकरण करने की तैयारी कर ली गई है। इसकी शुरूआत सरकार अपनी बेहद लोकप्रिय योजना लाड़ली लक्ष्मी से करने जा रही है। दरअसल यह वो योजना है जिसे, शिवराज सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में शुरू किया था।  इस योजना की लोकप्रियता इससे ही समझी जा सकती है कि इस के सहारे ही भाजपा 2008 में दोबारा सत्ता में आ गई थी। इसके बाद सरकार द्वारा तमाम तरह की योजनाएं शुरू की गई, जिससे समाज के हर तबके को फायदा मिलता है।
अब सरकार ने चुनाव से पहले आम आदमी को अपनी योजनाओं का ध्यान कराने के लिए सड़कों के नामकरण की योजना तैयार की है। इसके तहत हर जिले में एक सड़क का नमाकरण लाडली लक्ष्मी योजना पर रखने का तय किया गया है। इस बार भी सरकार अपनी पुरानी कई योजनाओं के सहारे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत की मंशा रखे हुए है। इसी वजह से प्रत्येक जिले में एक आदर्श सड़क का नाम  लाड़ली लक्ष्मी के नाम से किया जाना तय किया गया है। इसके लिए सभी कलेक्टरों से सड़क का चयन कर प्रस्ताव मांगे गए हैं। ऐसा कर सरकार लाड़ली लक्ष्मीयों और उनके अभिभावकों का ध्यान खींचना चाहती है। इन सड़कों के नाम की घोषणा आठ अक्टूबर को भोपाल के रवींद्र भवन में प्रस्तावित लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करने वाले थे पर मांडू मैं भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण वर्ग के कारण सम्मेलन की वजह से इसे टाल दिया गया। यह आयोजन अब 15 अक्टूबर के बाद आयोजित किया जा सकता है। बताया जाता है कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं।
लाड़ली लक्ष्मी शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसे देश के दूसरे राज्यों ने भी लागू किया है। इससे न सिर्फ भविष्य के 43 लाख मतदाता (लाड़ली लक्ष्मी से) जुड़े हैं। बल्कि उनके अभिभावक भी जुड़े हैं। इनको मिलाकर मतदाताओं की संख्या करीब सवा करोड़ हो जाती है। इसलिए सरकार विधानसभा चुनाव से पहले यह बड़ा दांव खेल रही है। सरकार का मानना है कि जिला मुख्यालय की एक सबसे सुंदर सड़क लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी और इसका लाड़ली लक्ष्मी नाम लोगों को सरकार और योजना की याद दिलाएगा। इस सड़क के दोनों ओर आकर्षक सजावट भी की जाएगी। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि सड़कों को कैसे सजाया जाएगा। जिला मुख्यालय की एक सड़क के प्रति लोगों का रुझान देखने के बाद प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी ऐसी सड़कों का चयन किया जाएगा।

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