कम्यूनिटी पार्टिसिपेट्री रोड सेफ्टी प्रोग्राम से रोके जाएंगे सड़क हादसे

 रोड सेफ्टी प्रोग्राम

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सड़क हादसे रोकने के लिए सरकार जल्द ही पार्टिसिपेट्री रोड सेफ्टी प्रोग्राम (सीपीआरएएसपी) शुरू करने जा रही है। इंजीनियरिंग, इनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी केयर पर आधारित प्रोजेक्ट फिलहाल इंदौर, दतिया और धार जिले में शुरू किया जाएगा। वर्ल्ड बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त इस पायलेट प्रोजेक्ट पर 49 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मप्र ग्रामीण सड़क प्राधिकरण द्वारा संचालित मप्र ग्रामीण संपर्कता परियोजना के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट में पुलिस, परिवहन, मप्र सड़क परिवहन विकास निगम, लोक निर्माण एवं नगरीय एवं प्रशासन विभाग समेत इंदौर, दतिया और धार जिला प्रशासन को शामिल किया गया है। उक्त तीनों जिलों में सड़क दुर्घटनाएं रोकने और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। फोर ई- इंजीनियरिंग, इनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी केयर पर आधारित इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
सबसे अधिक इंजीनियरिंग पर 40.25 करोड़ होंगे खर्च
पार्टिसिपेट्री रोड सेफ्टी प्रोग्राम के तहत इंजीनियरिंग पर सबसे अधिक काम किया जाएगा। इसके तहत चिह्नित ब्लैक स्पॉट, सड़कों की मरम्मत के साथ ही सुरक्षित कॉरिडोर का निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, मप्र राज्य सड़क विकास निगम एवं स्थानीय प्रशासन को सौंपा गया है। इसके लिए 40.25 करोड़ रुपए तय किए गए हैं। वहीं इनफोर्समेंट के तहत सड़क सुरक्षा के लिए तय नियमों का पालन करवाने के साथ ही प्रशिक्षण एवं आवश्यक उपकरण मसलन सिग्नल आदि की व्यवस्था पुलिस व परिवहन विभाग के साथ पीटीआरआइ संभालेगा। इसके लिए 4.20 करोड़ रुपए रखे गए हैं। जबकि एजुकेशन के तहत सड़क सुरक्षा से संबंधित निर्देशोंऔर यातायात नियमों के प्रति जागरुकता फैलाने के साथ ही वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका जिम्मा पुलिस विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और पंचायती राज संस्थान को सौंपा है। इसके लिए 1.05 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। वहीं इमरजेंसी केयर के तहत निश्चित दूरी पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना यानी ट्रामा केयर सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे हादसे की स्थिति में घायलों को तत्काल इलाज मिले। मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रश्क्षिित किया जाएगा। इसका जिम्मा स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। इसके लिए 3.50 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं।
 20 ब्लैक स्पॉट चिह्नित
भोपाल स्थित पुलिस प्रशिक्षण एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 20 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए हैं। मप्र राज्य सड़क सुरक्षा समिति की बीते 13 अक्टूबर को हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट के तहत किए जाने वाले कार्यों और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की गई थी। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने तीनों जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं। विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूक करने एवं प्रशिक्षण के लिए वालंटियर्स चिह्नित करने को कहा गया है।

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