चार सौ अफसरों को होगा फायदा, सूची तैयार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पुलिस की ही तरह अब राजस्व महकमे में भी अफसरों को पदोन्नति के अभाव में अब उच्च पद का प्रभार दिए जाने की सरकार स्तर पर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इसकी वजह से विभाग के उन करीब एक हजार अफसरों का फायदा होगा होगा जो बीते कई सालों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि यह बात अलग है कि इसके बाद भी वे मिलने वाली पदोन्नति से एक पद पीछे ही काम करने को मजबूर रहेंगे।
दरअसल सरकार द्वारा फिलहाल 220 अति सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का बनाने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह से विभाग के निचले अमले को भी एक उच्च पद का प्रभार देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कार्यवाई तेजी से चल रही है। बताया जा रहा है कि तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के पद का प्रभार देने के लिए अफसरों के नामों की सूची अगले हफ्ते तक जारी हो सकती है। इस सूची में उन तहसीलदारों के नाम बताए जा रहे हैं, जो बीते 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। इस सूची में वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदारों के नामों को शामिल किया जा रहा है। इस सूची में उन नामों को जगह नहीं दी जा रही है, जो किसी न किसी विभागीय जांच का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ पिछले एक साल से पुलिस विभाग की तर्ज पर तहसीलदारों को प्रमोशन देने की मांग कर रहा है। इस मामले को लेकर संगठन मंत्री तक से कई बार मिल चुके हैं। इसके बाद सरकार स्तर पर उनकी मांग को पूरा करने के लिए प्रक्रिया शुरु की गई थी , जो अब पूरी होती दिख रही है। उच्च पद का प्रभार देने के लिए जो शर्त तय की गई हें उनमें विभागीय जांच वालों को मौका नहीं दिया जाने का तय किया गया है। इसके अतिरिक्त वर्ष 1999 से 2008 के बीच जो नायब तहसीलदार बने और फिर तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हुए हैं, लेकिन उन्हें पदोन्नति नहीं मिल सकी है, उन्हें ही इस सूची में जगह दी जा रही है। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के मुताबिक वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती अब तक वे जॉइंट कलेक्टर बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन सके।
इन्हें भी दिया जाएगा प्रभार
तहसीलदारों को उच्च पद का प्रभार मिलने से जो पद रिक्त होंगे उन पदों पर नायब तहसीलदारों को कार्यवाहक तहसीलदार बनाकर पदस्थ किया जाएगा। इसके लिए 173 नायब तहसीलदारों के नाम तय कर लिए गए हैं। माना जा रहा है कि उनकी सूची भी तहसीलदारों की सूची के साथ ही जारी की जा सकती है। इसी तरह से आरआई (राजस्व निरीक्षक) को नायब तहसीलदार बनाने की भी तैयारी की जा रही है। इनको लेकर बीते अक्टूबर में प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसमें क्राइटेरिया भी तय कर लिया गया था। गौरतलब है कि प्रदेश में मौजूदा स्थिति में नायब तहसीलदार के कुल 1242 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से करीब 504 पद रिक्त चल रहे हैं। दूसरी ओर, सीनियर नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार दिया जा रहा है। ऐसे में पद और भी खाली होंगे। इसलिए राजस्व निरीक्षकों के जरिए कुर्सी भरी जाएगी।
पहले पांच बार दी जा चुकी है शक्ति
इससे पहले पांच बार राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां दी जा चुकी है। सबसे पहले 12 मई 2016 को शक्तियां दी गई थी। इसके बाद 6 जून 2016, 1 जुलाई 2016, -16 मार्च 2017 और 2 जून 2017 को भी राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाया गया था। मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के विरोध के बाद 10 फरवरी 2020 को प्रभारी नायब तहसीलदारों को फिर से उनके मूल पद पर भेज दिया गया था। अक्टूबर 2022 में फिर से प्रोसेस शुरू हुई और लिस्ट लगभग तैयार है। सरकार की हरी झंडी मिलते ही कार्यवाहक नायब तहसीलदार बनाया जाएगा।