मरम्मत तो ठीक रंग रोगन तक नहीं कराया, लैप्स हुई राशि

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जिस स्टेट गैरिज पर सरकार व शासन के आला अफसरों के लिए चमचमाते वाहन देने का जिम्मा है, वह अपने दफ्तर तक को नहीं चमका सका है। फलस्वरूप दफ्तर को चमकाने के लिए सरकार द्वारा दिए गए पांच करोड़ रुपए लैप्स हो गए हैं। यह सब हुआ है जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से। दरअसल स्टेट गैरेज का जहां पर दफ्तर है, वह भवन बहुत पुराना होने की वजह से बेहद खराब हालात में पहुंच चुका है। जिसकी वजह से सरकार ने उसकी मरम्मत और अन्य कामों के लिए करीब पांच साल पूर्व वर्ष 2018 में 5 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। इस राशि से जर्जर पूरे भवन को आधुनिक स्वरूप दिया जाना था। बडी पार्किंग के साथ अलग-अलग स्टैंड तैयार होना थे, ताकि अधिक से अधिक गाडिय़ों को सुरक्षित खड़ा किया जा सके। वाहनों की रिपेयरिंग और मरम्मत के लिए उपकरण भी खरीदे जा सकें। बढ़ती वाहनों की संख्या के हिसाब से वर्कशॉप को तोडक़र बडे आकार में उसका विस्तार  किया जा सके।  इसके अलावा जर्जर दीवारों और छतों की मरम्मत होना थी। नई डिजाइन में पोर्च निर्माण प्रस्तावित था। अतिथियों के बैठने के लिए पृथक कक्ष का निर्माण भी इसमें शामिल था। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। जबकि निरंतर मांग की जाती रही कि जो राशि स्वीकृत हुई। उससे काम प्रारंभ किया जाए। इसके लिए गृह विभाग को भी पत्र लिखे गए, लापरवाही के कारण गैरिज बदहाली में  पहुंच गया है।
नहीं खरीदी हाइड्रोलिक मशीन भी
मिली राशि से हाइड्रोलिक मशीन भी खरीदी जानी थी। इसके अलावा नई तकनीक वाले वाहनों के अनुसार  उपकरण भी वर्कशॉप के लिए खरीदे जाने थे। एक भी काम नहीं हो पाया है। कर्मचारियों की मानें तो गाडिय़ों का दूसरी जगहों पर सुधार कराया जा रहा है। जिसमें बड़ा खर्च हो रहा है, जबकि स्टेट गैरिज इसी के लिए बना हुआ है। वर्तमान में स्टेट गैरिज की स्थिति बहुत खराब है। दीवारों में दरारे हैं, जिनमें कीड़े मकोड़ों और चूहों का प्रवेश हो रहा है। फर्सीकरण चटक गया है। छतों से छज्जे का मलवा गिर रहा है। इस संबंध में स्टेट गैरिज अधीक्षक आदित्य रिछारिया से दो बार दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल सेवा में नहीं होना बता रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही के कारण पांच करोड़ की राशि लेप्स हुई है, जबकि इस राशि से पूरे गैरिज का आधुनिकीकरण होना था, हाइड्रोलिक मशीन भी नहीं आ पाई है।
– मो. जफर, अध्यक्ष शा. अद्र्धशासकीय वाहन चालक राघ
गैरिज की स्थिति खराब है। कर्मचारियों के लिए आज के दौर के वह संसाधन नहीं, जिनसे गाडिय़ों में सुधार कार्य किया जा सके, अनदेखी से राशि लैप्स हुई है।
– मनोज सिंह, महामंत्री, शा. अद्र्धशासकीय वाहन चालक संघ

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