- स्वयंसेवी संस्थाओंं के कामकाज की अब होगी निगरानी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार ने विदेशों से मिले दान और सरकारी अनुदान के दुरुपयोग के मामलों में आधा सैकड़ा से अधिक एनजीओं के पंजीयन निरस्त कर दिए है। इसके अलावा सरकार ने अब तय किया है कि जिन संस्थाओं को सरकार या फिर विदेशों से दान मिलता है, उनकी निगरानी सरकारी स्तर पर की जाएगी।
दरअसल जिन एनजीओ द्वारा दान के पैसों का दुरुपयोग किया गया है, उसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट से मिली है। फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के अंतर्गत विदेश से दान में राशि लेकर दुरुपयोग करने के चलते वर्ष 2020 से अब तक प्रदेश में काम कर रहे 54 गैर सरकारी संगठनों ( एनजीओ) का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 से 2021-22 के बीच 730 करोड़ रुपये विदेश की विभिन्न संस्थाओं से देश के एफसीआरए के अंतर्गत पंजीकृत 314 संस्थाओं के पास आए हैं। यह धार्मिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में काम करती हैं। इनमें से कई संस्थाएं ऐसी सामने आयी थीं, जिनके द्वारा जिस काम के लिए विदेश से राशि प्राप्त होती है, उसकी जगह दूसरे काम में उसका उपयोग करती रही हैं। यही नहीं कई संस्थाओं में तो दान के पैसे के गबन के मामले में सामने आए हैं। यही वजह है कि सरकार को अब इन पर सख्ती करनी पड़ रही है। इसके तहत अब विदेश से सहायता लेने वाली संस्थाओं के लिए पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है।
अच्छा काम करने पर ही मिलेगा अनुदान
सरकार से जिन स्वयंसेवी संस्थाओं को आर्थिक मदद मिलती है, अब उनके कामकाज पर सरकार पूरी तरह से न केवल नजर रखेगी, बल्कि जिनका काम अच्छा पाया जाएगा तभी उन्हें अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए आनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सभी एनजीओ को अपनी पूरी जानकारी सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण के पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
सरकार ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही सरकार से अनुदान पाने वाले सभी एनजीओ का पोर्टल पर पंजीयन भी जरुरी कर दिया है। एनजीओ के पंजीयन के पूर्व आवेदन का पूर्ण परीक्षण किया जाएगा और एनजीओ द्वारा किए गए कार्य का मूल्यांकन कर आगे वित्तीय सहायता दी जाएगी या नहीं इसका भी निर्णय लिया जाएगा। इनमें वे एनजीओ भी शामिल किए गए हैं जो विदेशों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर मध्य प्रदेश में संचालित हो रहे हैं।
नहीं बनी कार्ययोजना
विदेश से चंदा लेने वाले एनजीओ पर निगरानी की कार्य योजना दो साल बाद भी नहीं बन पायी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2022 में गृह विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि दूसरे देशों से अनुदान वाले गैर सरकारी संगठनों की निगरानी तथा विनियमन सजगता के साथ करें। बाद में इसमें गृह विभाग ने की गई कार्यवाही का अपडेट दिया कि पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा द्वारा इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है, लेकिन इसको अब तक अमल में नहीं लाया गया है।