क्षेत्रीय दल नहीं दे रहे महिलाओं को तवज्जो !

क्षेत्रीय दल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भले ही कई क्षेत्रीय दल स्वयं को प्रदेश की तीसरी सियासी ताकत बनने के सपने देख रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें उस आधी आबादी पर भरोसा नहीं है, जिसके बूते वे चुनाव जीतने के प्रयासों में लगे रहते हैंं। यह बात अलग है कि इस मामले में दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस की स्थिति भी अच्छी नही है। हालत यह है कि प्रदेश में अब तक घोषित किए गए तमाम दलों में ऐसा कोई दल नहीं है जिसने महिलाओं को उनकी आबादी तो ठीक संसद द्वारा महिलाओं को दिए गए 33 प्रतिशत आरक्षण पर अमल किया हो।
नेताओं के भाषणों में महिलाएं ही प्रमुख केन्द्र होती हैं और उनके लिए बड़े -बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जब प्रत्याशी बनाए जाने की बारी आती है तो, उन्हें भुला दिया जाता है। इस मामले में सबसे खराब स्थिति अन्य दलों की है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के मुकाबले के लिए तैयार तीसरे धड़े के दलों द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची में महिलाओं को 10 प्रतिशत की भी भागीदारी नहीं दी गई है। ऐसे दलों में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी भी शामिल है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर 230 सीटों पर चुनाव लडऩे जा रही बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो घोषित किये गए 125 उम्मीदवारों में सिर्फ 7 सीटों पर ही महिलाओं को अब तक उम्मीदवार बनाया गया है। अगर इस आंकड़े को देखें तो यह दस फीसदी  भी नहीं होता है। इसी तरह से समाजवादी पार्टी द्वारा अब तक घोषित किए गए 33 प्रत्याशियों में से महज पांच महिलाओं को टिकट दिया गया है, जिसका प्रतिशत महज 1.98 प्रतिशत होता है। इसमें भी दो टिकट तो एक ही परिवार की मां -बेटी को दिए गए हैं। इसमें भी हद यह है कि समाजवादी पार्टी ने पहले एक महिला को टिकट दिया और फिर बदल दिया। इसका उदाहरण सुमावली विधानसभा क्षेत्र है। इस सीट पर पहले मंजू सोलंकी को उम्मीदवार बनाया गया था , लेकिन बाद में उनका नाम काटकर पुरुषोत्तम शर्मा को उम्मीदवार बना दिया गया।  
यह है भाजपा व कांग्रेस के हाल  
भारतीय जनता पार्टी ने अब तक मात्र 17 महिलाओं को विधानसभा चुनावों के लिये अपना प्रत्याशी घोषित किया है। अगर इनका औसत निकाला जाए तो वह 25 फीसदी के आंकड़े को भी नहीं छूता है। भाजपा अब तक यह 144 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। भाजपा में यह हाल तब हैं जबकि उसका संगठन और सरकार दोनों महिला आरक्षण को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में पीछे नहीं रहती है। इसी तरह से अगर कांग्रेस की बात करें तो, उसके घोषित  229 उम्मीदवारों में महज 30 महिलाएं है। यह कुल संख्या का 18.78 प्रतिशत हो जाता है। उधर, आम आदमी पार्टी ने अब तक घोषित 39 प्रत्याशियों में मात्र 6 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। यह मात्र 2.34 प्रतिशत है। इनमें गुना से बीजेपी की पूर्व विधायक प्रियंका मीणा, चाचौड़ा से ममता मीणा और मानपुर से उषा कोल, सिरमौर से सरिता पांडेय, भांडेर से राममनि देवी जाटव, नरेला रईसा बेगम और दमोह से चाहतमणि पांडेय के नाम है। पार्टी ने एक टिकट थर्ड जेंडर को भी दिया है।

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