– ओबीसी का मामला कोर्ट में पेंडिंग होने के बाद भी दे दिया 27 फीसदी आरक्षण
– कुल सीटों में से 73 फीसदी सीटें आरक्षित वर्ग को दे दी
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। व्यापमं यानी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की कुंडली में से विवाद योग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला 3435 सब इंजीनियर के पदों पर भर्ती का है। पीईबी द्वारा सब इंजीनियर के पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होते की प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। विवाद की वजह है आरक्षण। कुल सीटों में से 73 फीसदी सीटें आरक्षित वर्ग को दे दी गई। यही नहीं ओबीसी का मामला कोर्ट में पेंडिंग होने के बावजूद 27 फीसदी आरक्षण दे दिया गया है। गौरतलब है कि यह परीक्षाएं 4 साल बाद हो रही हैं। 9 से 23 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। परीक्षाएं 6 जून से शुरू होंगी। इसमें करीब 2 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है। इसमें अन-रिजर्व के लिए 500 रुपए और रिजर्व के लिए 250 रुपए फीस रखी गई है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का आरोप है कि सामान्य वर्ग को तीन विभागों की भर्ती से बाहर कर दिया गया है। भर्ती में अन-रिजर्व कैटेगरी के मेल कैंडिडेट को 3 विभागों ने पूरी तरह से बाहर कर दिया है। लोक निर्माण विभाग और नगरीय प्रशासन में जनरल को एक भी सीट नहीं दी गई है। वहीं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में जनरल सीटों में से मेल को पूरी तरह बाहर करके पूरी सीटें जनरल फीमेल को दे दी गई हैं। इतना ही नहीं, ओबीसी आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग होने के बाद भी कुल सीटों में से 73 फीसदी सीटें आरक्षित वर्ग को दे दी गई। यानी अब अन रिजर्व कैटेगरी में सिर्फ 27 सीटें बची हैं। इनमें भी फीमेल को तवज्जो देकर मेल को बाहर कर दिया।
पीडब्ल्यूडी में 100 फीसदी आरक्षण
गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में ये भर्तियां निकली हैं। लोक निर्माण विभाग में तो एक भी सीट अन रिजर्व कैटेगरी को नहीं दी गई। नोटिफिकेशन के अनुसार यहां कुल 122 सीटें हैं और इनमें से 100 फीसदी को रिजर्व कर दिया है। अन-रिजर्व कैटेगरी में जीरो सीटें हैं। जबकि एससी, एसटी और ओबीसी को ओपन कैटेगरी में कुल 72 सीटें दी गई हैं। पोस्ट कोड 18 में भी 31 पद में से ओपन कैटेगरी को एक भी पद नहीं दिया गया। वहीं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कुल 208 सीटों पर भर्ती के लिए परीक्षा होगी। इसमें जनरल के लिए तय की गई 61 सीटों में से सभी अन-रिजर्व महिलाओं को दे दी गई हैं और अन-रिजर्व मेल को एक भी नहीं मिली। जबकि अन-रिजर्व कैटेगरी में भी 33 फीसदी यानी करीब 20 सीटें ही महिलाओं को और बाकी 41 सीटें ओपन कैटेगरी में मेल कैंडिडेट को मिलनी चाहिए थी। ऐसा ही एससी कैंडिडेट के साथ भी हुआ। इस वर्ग के लिए आरक्षित की गई सभी 31 सीटें महिलाओं को दे दी गई। सब इंजीनियर यांत्रिकी में भी अन-रिजर्व मेल को अवसर नहीं दिया गया। वहीं नगरीय प्रशासन में कुल 88 सीटों पर भर्ती होना है। इसमें अन-रिजर्व और ईडब्ल्यूएस को सभी कैटेगरी में जीरो सीटें दी। जबकि एससी, एसटी और ओबीसी को ओपन में 53 और बाकी में 35 सीटें दी गई।
05/04/2022
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