नियम बदलकर की गई 22 पदों की भर्ती अब निरस्त

भर्ती

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है, ऐसे में एक और चिकित्सा विभाग का मामला सुर्खियां बटोर रहा है। यही वजह है कि अब सरकार को 22 पदों पर हाल ही में नियम बदलकर की गई नियुक्तियों को निरस्त करना पड़ गया है।
यह नियुक्तियां प्रदेश के पांच नए मेडिकल कॉलेजों के लिए की गई थीं। इनमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद शामिल हैं। इन नियुक्तियों की निरस्त करने की वजह है सरकार एक और मुद्दा कांग्रेस को नहीं देना चाहती है। इन भर्तियों को निरस्त करने की वजह सरकार ने गड़बड़ी की आशंका बताई है। हाल ही में  चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश में खोले जा रहे पांच नए मेडिकल कॉलेजों में बायोकेमिस्ट्री विभाग के लिए प्रोफेसर के 5 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 5 पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 12 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया था। इस प्रक्रिया में कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लग रहे थे। इसके बाद मामले की जांच कराई गई है, जिसमें आरोप सही पाए जाने के बाद भर्तियों को निरस्त करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दरअसल, नेशनल मेडिकल कमीशन की वेबसाइट  के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में नॉन क्लीनिकल विषयों में कुल पदों के सिर्फ 15 फीसदी नॉन मेडिको की भर्ती का नियम है, लेकिन अधिकारियों ने बायोकेमेस्ट्री विभाग के खाली पदों के विज्ञापन में 15 फीसदी को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया था। यही नहीं गड़बड़ी किसी के पकड़ में न आए, इसके लिए सिर्फ 25 फीसदी ही भर्ती की। छह कॉलेजों बायोकेमिस्ट्री विभाग में 12 पर विज्ञापन जारी किया गया। 15 फीसदी के नियमानुसार इन पदों में से सिर्फ दो पदों को नॉन मेडिको से भरा जाना था, लेकिन अधिकारियों ने 6 पदों पर भर्तियां कर लीं। हालांकि मामला सामने आने पर बायोकेमिस्ट्री के परिणामों को रोक दिया गया है।
एनएमसी के जवाब पर हुई कार्रवाई
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस मामले में एनएमसी से स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद एनएमसी ने इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग को अपना जवाब दे दिया है। एनएमसी ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिए जवाब में कहा कि 15 प्रतिशत पदों पर ही भर्ती की जानी चाहिए। इसके चलते राज्य सरकार ने बायोकेमिस्ट्री के पदों पर की गई भर्ती को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
इन मेडिकल कॉलेजों के लिए की गई थी भर्ती
प्रदेश में पांच नए मेडिकल कॉलेज इसी सत्र से शुरू हो रहे हैं। इनमें सिवनी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर और सिंगरौली के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इनके शुरु होने पर 70 से 75 असिस्टेंट प्रोफेसर, 46 एसोसिएट प्रोफेसर और 24 प्रोफेसर की आवश्यकता रहेगी। इन्ही पदों की पूर्ति के लिए यह भर्ती की गई थी। इस भर्ती के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए तय किया था कि इन पर सीधी भर्ती की जाए। इसके तहत तय किया गया था कि अगले पांच साल के लिए जो पद पदोन्नत से भरे जाते थे, उन्हें अब सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा। यह नियम प्रोफेसरों की भर्ती पर लागू होगा।

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