- ग्वालियर-चंबल में औद्योगिक विकास पर राजनीति
- गौरव चौहान

कभी दस्यु प्रभावित रहे ग्वालियर-चंबल अंचल में अब औद्योगिक विकास हो रहा है। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भिंड जिले के मालनपुर में एलिक्सर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की 1000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली अत्याधुनिक मेगा इकाई का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर ग्वालियर रेडीमेड गारमेंट पार्क की 7 नई इकाइयों और मुरैना के पिपरसेवा औद्योगिक क्षेत्र की 11 इकाइयों का भी भूमिपूजन किया गया। इस बीच अंचल में औद्योगिक विकास के लिए श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो गई है। सिंधिया समर्थक मंत्री उन्हें बाजीगर बनाने की होड़ में जुट गए हैं। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में जो औद्योगिक विकास हो रहा है उसका श्रेय ज्योतिरादित्य को देने का अभियान शुरू हो गया है। गत दिनों मप्र के दो कैबिनेट मंत्रियों ने औद्योगिक विकास में ग्वालियर चंबल अंचल के पिछडऩे की जो बात कही, वह चिंता कम और श्रेय लेने की कहानी ज्यादा नजर आ रही है। दरअसल, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को श्रेय दिलाने के लिए इसकी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी। मंत्रियों के बयान के ठीक तीन दिन बाद 27 मार्च को दिल्ली में उद्योग विभाग के कई अधिकारियों और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल अंचल के औद्योगिक विकास को लेकर चर्चा की। ग्वालियर अंचल में टेलीकम्युनिकेशन पार्क स्थापित किए जाने की जानकारी भी साझा की गई।
300 करोड़ में बनेगा टेलीकम्युनिकेशन पार्क
केंद्र सरकार ग्वालियर संभाग में 300 करोड़ रुपये की लागत से टेलीकम्युनिकेशन पार्क बनाने जा रही है। इसमें टेलीकम्युनिकेशन से जुड़ी कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उन्हें नई नीतियों के तहत रियायत पर भूमि दी जाएगी। औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग के प्रमुख सचिव अर्थवेद सिंह, एमपीआइडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला और ग्वालियर के उद्योग विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी प्रतुल सिन्हा ने 27 मार्च को दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर टेलीकम्युनिकेशन पार्क के विषय में वर्चा की है। अधिकारियों ने गुना और शिवपुरी जिले में 300 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री को दिया है। इस दौरान ग्वालियर में उद्योग बढ़ाने के लिए बनाई गई कार्ययोजना और अब तक किए गए कार्यों से अवगत कराया। इस मामले में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि ग्वालियर अंचल में औद्योगिक विकास का विषय कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। एक कार्यक्रम में कुछ विद्यार्थियों ने मुझसे यह प्रश्न किया था, तब यह बात उठी थी। मेरा उद्देश्य यह है कि ग्वालियर सैकड़ों वर्ष पहले से औद्योगिक नगरी रही है, उसे दर्जा मिलना चाहिए। पहले बहुत उद्योग हुआ करते थे, अब कम हो गए है। वहीं मंत्री सामाजिक न्याय विभाग नारायण सिंह कुशवाह का कहना है कि यह श्रेय देने या दिलाने का मुद्दा ही नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री हैं। हमें अपने नेताओं से बोलने का अधिकार है। वह भले ही गुना-शिवपुरी से सांसद हैं, लेकिन ग्वालियर के विकास में भी उनकी रुचि रहती है। यहां उद्योग आएं, यही बात हमने कही है।
गुहार का इतनी जल्दी प्रभाव
मप्र के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी मंत्री की गुहार का प्रभाव इतना जल्दी दिखने लगे। इतनी जल्दी नाराजगी का असर होने से लगता है कि ज्योतिरादित्य समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने ग्वालियर-चंबल अंचल के साथ अन्याय का जो आरोप लगाया था, उसकी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी ताकि जब पार्क स्वीकृत होने की घोषणा हो तो श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिल सके। बता दें, प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा था कि ग्वालियर को जितने उद्योग मिलने चाहिए, नहीं दिए जा रहे हैं। नारायण सिंह कुशवाह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आप भले ही गुना शिवपुरी के सांसद हैं, लेकिन औद्योगिक विकास के लिए आपको ग्वालियर की तरफ देखना ही पड़ेगा। टेलीकम्युनिकेशन पार्क के ग्वालियर अंचल में आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उद्योग स्थापित होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अभी इस अंचल में मालनपुर में बड़ा औद्योगिक केंद्र है।