भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी भाजपा नेता पी मुरलीधर राव के तेवर लगातार तीखे बने हुए हैं। वे मौका कोई भी हो तल्ख टिप्पणी करने से नहीं चूके रहे हैं। फिर मौका पार्टी पदाधिकारियों की बैठक का हो या फिर रविदास जयंती के सार्वजनिक कार्यक्रम का। उनके द्वारा दिए जाने वाले इन कड़े संदेशों को टीम वीडी को पूरी तरह से स्थापित करने के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल इन दिनों पार्टी के साथ ही सरकार में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन कोई न कोई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि अपनी ही सरकार व संगठन की कार्यशैली को लेकर सवाल उठा देता है। इसकी वजह से पार्टी की किरकिरी होती है।
प्रदेश में हालत यह है कि पहले तो प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा लंबे समय तक अटकी रही और अब हालत यह है कि जिन्हें पदाधिकारी बनाया गया है, वे प्रदेश में अपनी सक्रियता दिखाने में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से राव को उन्हें प्रवास न करने के मामले में पद छोड़ने तक की चेतावनी देनी पड़ी है। इसी तरह से अभी इस चेतावनी से पदाधिकारी सकते में बने हुए ही थे, कि अब उनके द्वारा उन नेताओं को भी यह साफ कर दिया जो अब तक अपनी उपेक्षा का रोना रोते रहते हैं कि उनकी उपेक्षा की जा रही है। इनमें खासतौर पर वे नेता है जो लगातार पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद या फिर विधायक बनते आ रहे हैं। इनमें से कई नेता ऐसे हैं जो लगातार जीत के बाद भी अब तक या तो मंत्री नहीं बन पाए हैं या फिर सरकार में किसी महत्वपूर्ण भागीदारी का कोई मौका नहीं पा सके हैं। ऐसे नेता मौके बे मौके पर अपनी पीड़ा सार्वजनिक रुप से जाहिर करने में पीछे नहीं रहते हैं। इन नेताओं को अब राव ने दो-टूक नसीहत दे दी है।
उन्होंने साफ-साफ कहा कि लगातार 15 से 17 साल से सत्ता में रहते हैं और फिर कहते हैं कि मौका नहीं मिल रहा। जब भी प्रवास पर जाता हूं तो देखता हूं कि एमपी और एमएलए लगातार जीत रहे हैं कुछ 25-30 साल से जनप्रतिनिधि हैं। पांच-छह बार के विधायक-सांसद हैं। जनता से लगातार जनादेश के रूप में वरदान मिल रहा है। फिर भी कहते हैं कि मौका नहीं मिल रहा। रोते हैं। ऐसे लोगों को नालायक कहूंगा। उनका यह बयान राजधानी में रविदास जयंती के एक कार्यक्रम में सामने आया है। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े नेता तो ठीके, छोटी जगहों पर एक ही पार्षद 5-6 बार से है। ये सब क्या है। राव की इस टिप्पणी के बाद से पार्टी में खासी हलचल दिख रही है।
युवाओं को आगे लाने की कवायद
दरअसल पार्टी में बीते कुछ समय से बदलाव की बयार चल रही है। यह बयार युवा नेताओं को आगे लाने के रुप में चल रही है। इसका असर मप्र भाजपा संगठन और सरकार में दिखना शुरू हो गया है। संगठन 25 से लेकर 55 साल तक के लोगों को आगे लाना चाहती है जिससे की पार्टी में दूसरी पंक्ति को तैयार किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि राव की टिप्पणी से साफ है कि केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से यह लाइन नीचे आई है। इससे आने वाले समय नए लोगों को मौका मिलना तय माना जा रहा है।
यह नेता नहीं बन सके मंत्री
कांग्रेस की सरकार गिराने के बाद सत्ता में आयी भाजपा के कई ऐसे सीनियर नेता हैं जो बेहद मजबूत दावेदार होने के बाद भी मंत्री नहीं बन सके हैं। इनमें गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ला, रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, सीतासरन शर्मा अजय विश्नोई, पारस जैन, केदारनाथ शुक्ला, नागेंद्र सिंह, संजय पाठक, से लेकर यशपाल सिंह सिसोदिया तक शामिल हैं। यह सभी नेता अब भी मंत्री बनने की आस लगाए हुए हैं, ऐसे में राव की इस टिप्पणी से उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। इसी तरह से पार्टी के कई सीनियर नेताओं को भी इस बार संगठन में जगह नहीं मिल सकी है।
यह नेता दिखा चुके हैं तीखे तेवर
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों में शामिल भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और अजय विश्नोई तो लगातार अपनी ही सरकार व संगठन पर हमलावर बने रहते हैं। यही नहीं हाल ही में कई भाजपा विधायक भी बिजली की अघोषित कटौती को लेकर भी नाराजगी जाहिर करने से पीछे नहीं रहे हैं।
10/09/2021
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