जनता को मिलेगी राहत… सुलझेंगे जमीन जायदाद के मसले

  • विनोद उपाध्याय
जमीन जायदाद

मप्र में दो राजस्व महाअभियान की सफलता के बाद आज से राज्य में लंबित राजस्व प्रकरणों के जल्द निराकरण और अभिलेख त्रुटियों को सुधारने के लिए राजस्व महा-अभियान 3.0 की शुरुआत हुई है। राजस्व महा-अभियान 3.0 का उद्देश्य लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करना है। इस अभियान के तहत राजस्व विभाग से संबंधित लंबित मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी और त्रुटियों को सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के अनुसार, अभियान की प्रगति पर संभागायुक्तों द्वारा निरंतर निगरानी रखी जाएगी, साथ ही वे नियमित रूप से जिलों का दौरा करेंगे और अभियान की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
राजस्व महाभियान 3.0 में 10 लाख लोगों से जुड़े प्रकरणों के निपटारे का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए एक महीने की डेडलाइन तय की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संभागायुक्तों व कलेक्टरों को तय समय-सीमा में उक्त प्रकरणों का निपटारा कराने के निर्देश दिए। पहली बार इस महाअभियान में जनकल्याण से जुड़ी जरूरतों को चिह्नित भी किया जाना है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले संभागों व जिलों को सरकार प्रोत्साहित करेगी तो कमजोर प्रदर्शन पर गाज भी गिर सकती है। मोहन सरकार ने सबसे पहले राजस्व महाभियान 1.0 शुरू किया था, जो जनवरी से मार्च 2024 तक चला था। इसमें 30 लाख उन प्रकरणों का निपटारा किया था, जिनके लिए किसान व आम नागरिकों को कार्यालयों में चक्कर काटने पड़ रहे थे, लेकिन समय पर काम नहीं हो रहा था। इस सफलता के बाद दूसरा अभियान शुरू किया गया, इसमें लक्ष्य से अधिक 80 लाख प्रकरणों का निपटारा हुआ था। सरकार ने इन दोनों में मिली सफलता और लोगों के फीडबैक के बाद महाभियान 3.0 शुरू किया है।
अभियान में होंगे कई तरह के काम
महा-अभियान 3.0 में राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को राजस्व न्यायालयों में दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैचुरेशन, आधार का आरओआर से लिंकिंग, परम्परागत रास्तों का चिन्हांकन, फार्मर रजिस्ट्री और स्वामित्व योजना से जुड़े प्रकरणों का निराकरण होगा। उत्तराधिकार नामांतरण के अंतर्गत ग्राम के पटवारी द्वारा बी-1 का वाचन कराया जाकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी जिनकी मृत्यु हो चुकी है। उसके अनुसार प्रकरण दर्ज कर फौती नामांतरण की कार्रवाई होगी। जिस तेजी से आबादी बढ़ी है, उतनी ही तेजी से काम भी बढ़ते जा रहे है। जमीन के बंटवारे, नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र जैसे लाखों आवेदन प्रतिदिन आ रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रमों व जनता से संवाद के जरिए मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया था कि कई प्रकरणों का समय से निराकरण नहीं होता। आवेदनों को कई किलोमीटर दूर से तहसील, जिला व विकासखंड मुख्यालय आना पड़ता है, जिसमें समय व रुपयों की बर्बादी होती है। कई बार अधिकारी नहीं मिलते, जिसके कारण और नुकसान होता है। कई बार सुनवाई में देरी से आवेदकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, नाराज लोग कोर्ट भी जाते थे, जिससे सरकार पर कोर्ट में प्रकरणों का बोझ बढ़ जाता है। जब काम नहीं होते तो कई लोग सीएम हेल्पलाइन समेत कई माध्यमों से शिकायतें करते हैं, जिनके निराकरण में विभागीय मैनपावर का एक बड़ा समय निकल जाता है। अभियान के लिए अफसरों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। संभागायुक्त जिलों का भ्रमण कर अभियान की नियमित समीक्षा करेंगे। समन्वय के लिए राज्य स्तर पर अपर संचालक मप्र भू- अभिलेख प्रबंधन भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव राजस्व. विवेक पोरवाल ने सभी कलेक्टर्स को महा-अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा- निर्देश जारी कर जिलेवार प्रगति डैशबोर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
लंबित प्रकरणों का होगा निराकरण
अभियान के दौरान सभी तरह के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। 30 नवंबर तक, समस्त ग्रामों में ग्राउंड ट्रुथिंग का कार्य पूरा किया जाएगा, जिससे अद्यतन नक्शे प्राप्त किए जाएंगे। इसके बाद, योजना में आरओआर एंट्री की कार्रवाई जारी रहेगी, जिसे 15 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। मृतकों के नामांतरण के लिए ग्राम के पटवारी द्वारा बी-1 का वाचन कर मृतकों की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद, नामांतरण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। बंटवारा प्रकरणों की लंबित प्रक्रिया का समाधान और नए दर्ज प्रकरणों को शीघ्र हल किया जाएगा। धारा-131 के तहत मान्यता प्राप्त सडक़ों, रास्तों और सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन किया जाएगा। इसके लिए भू-अभिलेख पोर्टल पर खसरे को आधार से लिंक किया जाएगा। पीएम किसान योजना में छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को जोड़ा जाएगा और अपात्रों की जानकारी को अद्यतन किया जाएगा। इसके अलावा, लंबित ई-केवाईसी और आधार बैंक खाता डीबीटी की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर अपर संचालक मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन भोपाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी अभियान की समन्वय और प्रगति सुनिश्चित करेंगे। राजस्व महा-अभियान 3.0 के सफल कार्यान्वयन के लिए कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और राज्यभर में इसके प्रभावी संचालन के लिए सभी अधिकारी सजग रहेंगे।

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