दो दोस्तों को एक साथ जनता ने नकारा

जनता ने नकारा
  • सदन में नहीं दिखेगी जीतू की आक्रामकता और नरोत्तम की दमकती ड्रेस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इस बार आए चौकाने वाले परिणामों की वजह से नई विधानसभा में दोनों पक्षों के ही कई चर्चित नेता अब नजर नहीं आएंगे। इसकी वजह है, ऐसे ही चेहरों को जनता द्वारा नकारा जाना, जिसकी वजह से वे चुनाव हार गए हैं। ऐसे ही सदन के दो दिग्गज चेहरे भी अपनी दोस्ती की वजह से चर्चा में बने रहते थे। यह चेहरे हैं,गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष रहे डॉ. गोविंद सिंह। हंसी ठिठोली में ही सही, लेकिन खुद नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में कई दफा डॉ. गोविंद सिंह से अपनी मित्रता की बात स्वीकार की है। ये दोनों ही चुनाव हार गए हैं। डॉ. गोविंद सिंह अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे। नेता प्रतिपक्ष रहते हुए भी सत्र के दौरान डॉ. गोविंद सिंह अपनी बात बेहद शांत तरीके से रखते थे। इसी तरह से इस बार सदन में वे कई चर्चित चेहरे भी इस बार नजर नहीं आने वाले हैं, जिनकी शैली चर्चा में बनी रहती थी। यह वे  चेहरे हैं, जो अपनी कार्यशैली और बोलने के अंदाज की वजह से जाने जाते थे। इनका यही अंदाज विधानसभा सत्र के दौरान खासा चर्चा में बना रहता था। इसकी वजह से वे मीडिया की सुर्खियों में भी खूब रहते रहे हैं। इनमें पहला नाम सरकार में गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा का है। अक्सर इनकी शैली विधानसभा में लोगों को गुदगुदाने पर मजबूर कर देती थी। अपनी बात को शायराना अंदाज में कहने का इनका सलीका दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के साथ-साथ विधानसभा के सदस्यों को भी खूब भाता था, पर नरोत्तम मिश्रा के चुनाव हार जाने के बाद उनका यह अंदाज अब सदन में नहीं दिखाई देगा। दूसरा नाम आता है कांग्रेस के युवा नेता जीतू पटवारी का। अपनी आक्रमकता पहचाने जाने वाले ये नेता जब भी विधानसभा में बोलते सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेते थे। तेज तर्रार होने के कारण ये हमेशा सुर्खियों में भी रहते थे।
लक्ष्मण और रामबाई भी हुए बाहर
16वीं विधानसभा में दिग्विजय सिंह के भाई चौचाड़ा विधायक रहे लक्ष्मण सिंह भी नजर नहीं आएंगे। वे अपनी बेबाकी के कारण जाने जाते थे। 15वीं विधानसभा में इनकी स्पष्टता के कई मुरीद रहे। वहीं पथरिया से बसपा विधायक रही रामबाई की भले ही 15वीं विधानसभा में हमेशा यह शिकायत रही हो कि सत्र में उन्हें बोलने नहीं दिया गया, लेकिन जब भी वे बोलती थीं, अपनी ठेठ बोली और अनोखे अंदाज के कारण चर्चा में बनी रहती थीं। अब ये भी चुनाव हार चुकी हैं।
कुणाल और कमल भी हुए गायब
कांग्रेस के कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी भी चुनाव हार चुके हैं। ये सत्र में चीखने-चिल्लाने के लिए जाने जाते थे। अक्सर अपनी बातों को किसी तीखे भाषण के अंदाज में ही बोलते थे। इधर कृषि मंत्री कमल पटेल को भी चुनाव में शिकस्त मिली है। ये अपने बड़बोलेपन के लिए अक्सर विपक्ष के निशाने पर आ जाते थे। अब 16वीं विधानसभा में न तो कुणाल की खटखट सुनाई देने वाली है और न ही कमल पटेल का बड़बोलापन।

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