छात्रों का डिप्रेशन दूर कर रही साइकोलॉजी लैब

 डिप्रेशन
  • एक हजार छात्रों की हो चुकी है काउंसिलिंग…

    भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। जब भी परीक्षा का समय आता है छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव के कारण कुछ छात्र डिप्रेशन में आ जाते हैं। ऐसे छात्रों के लिए मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में बनी साइकोलॉजी लैब कारगर सिद्ध हो रही है। मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में यह लैब कोविड के बाद शुरू हुई है। इसका फायदा न केवल स्कूल में पढऩे वाले स्टूडेंट बल्कि उनके पैरेंटस को भी मिल रहा है। इसी नवाचार के चलते स्कूल को देश भर में बेस्ट स्कूल के मामले में नौवीं रैंक भी मिली है। इस लैब में अब तक करीब 1000 से अधिक स्टूडेंट की काउंसिलिंग की जा चुकी है।  साइकोलॉजी लैब छात्रों को कई मामलों में सहायता कर रही है। कक्षा 11वीं में पढ़ने वाले एक छात्र को विषय चयन में खासी दिक्कत आ रही थी, लेकिन जब अपने ही स्कूल की साइकोलॉजी लैब में काउंसलर शबनम खान से जब मुलाकात की तो उसे न केवल सब्जेक्ट चुनने में मदद मिली, बल्कि पढ़ाई पर फोकस भी बढ़ गया है। मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल टीटी नगर में करीब एक साल पहले यह लैब शुरू की गई थी। इस लैब में अब तक करीब 1000 से अधिक स्टूडेंट की काउंसिलिंग की जा चुकी है। जिन बच्चों के पेरेंट्स को समस्या थी, ऐसे करीब 500 पेरेंट्स को भी बुलाकर बात की गई है। यह संख्या इस साल दिसंबर 2022 तक की है। औसतन हर दिन 20 स्टूडेंट की काउंसिलिंग यहां की जाती है। इनके अलावा क्लासेस में जाकर भी काउंसिलिंग की जाती है।
    खेल-खेल में होती है काउंसिलिंग
    लैब की हेड काउंसलर शबनम खान पूरे समय स्कूल में मौजूद रहकर बच्चों से न केवल बात करती रहती हैं, बल्कि वे उन्हें खेल-खेल में सिखाती और समझाती भी हैं। वे प्रत्येक बच्चे की एक विशेष टूल किट की मदद से काउंसिलिंग करती हैं। जिन टूल किट का इस्तेमाल किया जाता है, उनकी मदद से पर्सनालिटी टेस्ट, इंट्रेस्ट टेस्ट, एप्टीट्यूड टेस्ट, डिप्रेशन टेस्ट, डवलपमेंटल टेस्ट समेत लगभग 50 से अधिक टेस्ट लिए जाते हैं। वहीं सैंकड़ों से अधिक कोर्सेस के बारे में बताया जाता है कि 12वीं में लिए गए किस विषय के बाद क्या कर सकते हैं। इन टेस्ट के लिए करीब 50 प्रकार की टूल किट (मनोवैज्ञानिक परीक्षण करने की विधि) इस लैब में मौजूद हैं। इनके जरिए स्टूडेंट की निर्णय लेने की क्षमता को परखा जाता है। उनकी व्यक्तिगत समस्याएं और करियर गाइडेंस के बारे में समझाइश दी जाती है। स्कूल में कक्षा 6 से 12वीं तक अभी करीब 2300 स्टूडेंट हैं। इनमें से लगभग 1700 स्टूडेंट सिर्फ 9वीं से 12 तक की कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। इनमें से अब 1000 से अधिक स्टूडेंट की काउंसलिंग की जा चुकी है।
    स्कूल में शुरुआत से ही काउंसिलिंग
    मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल टीटी नगर भोपाल प्रिंसिपल रेखा शर्मा बताती हैं कि स्कूल में शुरुआत से ही काउंसिलिंग हो रही है, लेकिन साइकोलॉजी लैब बीते साल ही शुरू की। छात्र-छात्राओं से बातचीत में महसूस हुआ कि उनमें डिप्रेशन बढ़ रहा है। पढ़ाई के प्रेशर से लेकर करियर तक को लेकर वे जरूरत से अधिक चिंतित हैं। इसके बाद लैब शुरू की और अब उनकी अच्छी खासी मदद हो रही है। दरअसल, लैब में मौजूद किट में कुछ प्रश्न पत्र हैं और बहुत सारी टेक्नीकल मैथेड वाली टूल किट मौजूद हैं। जब स्टूडेंट अपनी समस्या लेकर आता है तो बातचीत करके समझा जाता है कि किस बात को लेकर परेशान हैं। फिर उसी आधार पर उसे टूल किट दी जाती है। निगरानी की जाती है कि वह कैसे उसे हल कर रहा है। उसके हल करने के तरीके से पता चल जाता है कि वह क्या चाहता है और किस दिशा में जाना चाहता है। यह काउंसिलिंग ग्रुप में और व्यक्तिगत भी की जाती है।

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